लीबिया की राजधानी त्रिपोली में राष्ट्रपति कर्नल गद्दाफ़ी परिसर के आसपास भारी लड़ाई चल रही है. रविवार को हुई भीषण लड़ाई में शहर का ज़्यादातर हिस्सा विद्रोहियों के नियंत्रण में आ गया था.गद्दाफ़ी समर्थक प्रदर्शनकारियों का केंद्र रहा शहर का ग्रीन स्क्वेयर रातभर में जश्न मना रहे गद्दाफ़ी विरोधियों का अड्डा बना रहा विद्रोहियों को शहर में कोई ख़ास प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा और शहर के पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी हिस्से से उन्होंने शहर में हमला बोला.विद्रोहियों के एक प्रवक्ता का कहना है कि अब भी शहर के 15 से 20 फ़ीसदी इलाक़ों में गद्दाफ़ी समर्थकों का नियंत्रण बना हुआ है. इस बीच विद्रोहियों ने कहा है कि उन्होंने कर्नल गद्दाफ़ी के बेटे सैफ़ अल इस्लामा को पकड़ लिया है और वो उनकी क़ैद में हैं

 

संदेश

 

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के लुईस मैरिनो ओकैंपो ने इस ख़बर की पुष्टि की है कि कर्नल ग़द्दाफ़ी के बेटे सैफ़ अल-इस्लाम को हिरासत में ले लिया गया है. कर्नल ग़द्दाफ़ी के दूसरे बेटे मोहम्मद भी विद्रोहियों के क़ब्ज़े में हैं.लेकिन अभी तक कर्नल गद्दाफ़ी के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. हालांकि कर्नल ग़द्दाफ़ी के कई रेडियो संदेश प्रसारित किए गए हैं लेकिन ये साफ़ नहीं है कि वह त्रिपोली में हैं या नहीं.रेडियो संदेशों में उन्होंने क़बायली लोगों से आग्रह किया है कि वे त्रिपोली आकर विद्रोहियों से युद्ध करें उन्होंने चेतावनी दी है कि वरना वे फ्रांसीसी ‘सेना’ के सेवक बन जाएंगे.विद्रोहियों के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार की सुबह गद्दाफ़ी के बाब अल अज़ीज़िया परिसर से टैंक निकले और फिर गोलियाँ चलनी शुरू हो गईं.पश्चिमी नेताओं ने विद्रोहियों की बढ़त का स्वागत किया है और कर्नल गद्दाफ़ी से सत्ता छोड़ने की अपील की है

संघर्ष

 

त्रिपोली में मौजूद बीबीसी संवाददाता मैथ्यू प्राइस के अनुसार विद्रोही उस होटल पर क़ब्ज़े की कोशिश कर रहे हैं जहाँ वह और कई अन्य पत्रकार ठहरे हुए हैं.विद्रोहियों के ‘नेशनल ट्रांज़िशन काउंसिल’ के प्रमुख मुस्तफ़ा मोहम्मद अब्दुल जलील ने सोमवार तड़के कहा, “मैं आप लोगों को चेतावनी देना चाहूँगा कि त्रिपोली में और उसके आस-पास अब भी आपको विरोध का सामना करना होगा.”लीबिया के सूचना मंत्री मूसा इब्राहिम ने बताया है कि शहर में रविवार दोपहर से जारी संघर्ष में 1300 लोगों की मौत हुई है जबकि 5000 लोग घायल बताए जा रहे हैं. उनका कहना है कि अब तो अस्पतालों में और हताहतों के लिए जगह भी नहीं बची है.

 

सो. : बी.बी.सी. न्यूज़

 

 

 

 

 

Previous articleसन्डे कविता
Next article‘सरकारी तंत्र में बड़े बदलाव करने होंगे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here