नहीं गुन्जेगीं अब “राधा” की दहाड़

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उदयपुर, 12 सालों से गुलाबबाग जन्तुआलय की शान रही ’राधा’ शेरनी की मौत हो गई मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद होगा।

मादा बाघिन पिछले 12 सालों से गुलाबबाग की शान बनी हुई थी यहीं एक मात्र शेरनी जीवित बची थी और इसको लेकर पर्यटकों, बच्चों का काफी आकर्षण था।

वन अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि मादा बाघिन ’राधा’ बुढी हो चुकी थी और इसकी उम्र करीब 20 वर्ष थी लम्बी चौडी बाधिन की दहाड से गुलाबबाग में जन्तुआलय का अहसास कराती थी जो अब नही सुनाई देंगी। ’राधा’ बाघिन केयरटेकर रामसिंह के काफी करीब थी रामसिंह उसकी हर बात का ख्याल रखता था। ’राधा’ की मौत से रामसिंह सहित गुलाबबाग के अन्य कर्मचारी भी गम में डूबें हुए है।

बाघिन ’राधा’ को सन् 2000 से कोटा जन्तुआयल से उदयपुर लाया गया था ’राधा’ के साथ एक और बाघिन ’रूकमणि’ भी आयी थी जिसकी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई थी। ’राधा’ की मौत के बाद अब गुलाबबाग जन्तुआलय में एक भी टाइगर नही बचा है सिर्फ 4 पेंथर है। ’राधा’ की मौत जन्तुआलय में बहुत खलेगी और इसका प्रभाव आने वाले पर्यटकों की संख्या पर भी पडेगा। ’राधा’ की मौत कैसे हुई इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।

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