कलेक्टर भी फसे जाम में

चित्तौडगढ, ३ सितम्बर (नि.सं.)। रेल्वे फाटक पर लगातार लगने वाले जाम से राहगीरो को परेशानी का सामना करना पडता है। सोमवार को अण्डर ब्रिज में एक ओर दुरूस्तीकरण का कार्य चलने से सोमवार १० बजे से २ बजे तक भारी जाम की समस्या बनी रही। जिसके चलते क्षैत्रवासियो को परेशानियां का सामना करना पडा। साथ ही जिला कलेक्टर भी २० मीनट तक जाम में फंसे रहे।

जानकारी के अनुसार, जाम का दूसरा नाम बन चुका चितौडगढ रेल्वे फाटक इन दिनो लोगो का परेशानियों का कारण बना हुआ है। लगातार लगने वाले जाम से जहां दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। वही स्कूल व कोलेज के साथ साथ नौकरी पर जाने वाले लोगो को भी खासी परेशानियों का सामना करना पडता है। सोमवार के दिन अण्डर ब्रिज के एक ओर दुरूस्तीकरण का कार्य चलने से क्षैत्रवासियो का एक ही ओर आने जाने से सोमवार १० बजे से जाम लगना प्रारम्भ हो गया। धीरे-धीरे जाम बढ गया और एक बजे तक भारी मात्रा में जाम लग गया। जिससे लोगो को बाईपास से होकर शहरी क्षैत्र में जाने को मजबूर होना पडा। वही शहरी क्षैत्र से आने वाले लोगो को भी खासी परेशानियां हुई। इस दौरान लंच पर जा रहे जिला कलेक्टर रवि जैन भी जाम में फंस गए। लगभग २० मीनट जाम में फंसने के बाद यातायात कर्मियो ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए जैसे तैसे जिला कलेक्टर को जाम से निकाला। जिला कलेक्टर के निकलते ही जाम पुन: लग गया और यातायात पुलिसकर्मी भी अपनी ड्यूटी भूल गए। इधर उधर सैकडो की संख्या में वाहन बेतरतीब खडे हो गए। उस समय मौके पर मौजुद ट्राफिक पुलिस इंजार्च विनोद कुमार भी अपनी ड्यूटी पूरी तरह नही निभा पा रहे थे। लगातार लगने वाला यह जाम यातायात पुलिस पर सवालिया निशान खडा करता है। क्योंकि वर्तमान में मुश्तैद ट्राफिकर्मियो की कमी है। जो मुश्तैद ट्राफिक पुलिसकर्मी है। उन्हे कलेक्ट्रेट चौराहा आदि मुख्य स्थानो पर लगा दिया जाता है व ट्राफिक पुलिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी किसी भी तरह अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेदार नही है। अधिकांश महिला पुलिस ट्राफिक कर्मियो को मोबाईल पर बाते करते व कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर के वाहनो को निर्धारित स्थान पर लगाने के निर्देश दिए जाते है, जबकि महिला ट्राफिक पुलिसकर्मिया की ड्यूटी कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर नही बाहर होती है। अपनी ड्यूटी के दौरान भी उक्त महिला ट्राफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पूरी होने से पहले ही घर व अन्यत्र निकल जाती है। ट्राफिक इंजार्च विनोद कुमार इस ड्यूटी पर बिल्कुल फैल साबित हुए है। उनका अपने स्टॉफ पर ही नियंत्रण नही है। अगर यही हालात रहे तो चितौगढ की ट्राफिक व्यवस्था बिगड जाएगी और दुर्घटनाओं के मौके बढने लगेंगे।

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