लोकसभा और राज्यसभा में अन्ना हज़ारे के तीनो मुद्दों पर सिद्धांत रुप से सहमति बनी है और ये फ़ैसला किया गया है कि सभी सदस्यों की राय को लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही स्थायी समिति को विचारार्थ भेज दिया जाए. दोनों सदनों में सदस्यों ने प्रणब मुखर्जी के इस प्रस्ताव का मेज़ें थपथपाकर स्वागत किया.

केंद्रीय क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने कहा है कि दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया है.

हालांकि पहले टीम अन्ना के सदस्य इन मुद्दों पर औपचारिक मतविभाजन की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार के सदस्यों से हुई चर्चा के बाद वे ध्वनिमत से सदस्यों की मंज़ूरी के लिए राज़ी हो गए थे.

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक टीवी चैनल से कहा है कि मेज़ें थपथपाकर मंज़ूरी देने को भी ध्वनिमत से मंज़ूरी माना जा सकता है.

दोनों ही सदनों के सदस्यों की इस सैद्धांतिक सहमति को स्थायी समिति को भेजा जा रहा है लेकिन नियमानुसार स्थायी समिति के लिए बाध्यकारी नहीं है

अन्ना हज़ारे ने संसद की इस सहमति के लिए सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद और शुभकामनाएँ दी है. हालांकि उन्होंने कहा है कि ये आधी जीत है और आधी अभी बाक़ी है.

अन्ना हज़ारे के सहयोगियों ने इसे अन्ना की जीत बताया है.

किरण बेदी और मेधा पाटकर दोनों ने कहा है कि अन्ना हज़ारे रविवार की सुबह अपना अनशन ख़त्म कर देंगे.

इस घोषणा के बाद रामलीला मैदान में ख़ुशी का माहौल है.

उल्लेखनीय है कि अन्ना हज़ारे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा था कि वे तीन मुद्दों पर संसद की सहमति चाहते हैं और अगर सहमति बन गई तो वे अपना अनशन ख़त्म करने पर विचार कर सकते हैं.

जनलोकपाल के तीन अहम मुद्दों पर संसद में सहमति मांग अन्ना ने रखी थी, इसमें से एक यह था कि इसी क़ानून के ज़रिए लोकायुक्त भी बनाए जाएँ, दूसरा हर विभाग में जन समस्याओं के लिए सिटिज़न्स चार्टर बनाए जाए जिसे न मानने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हो और तीसरा ये कि केंद्र सरकार के ऊपर से नीचे तक सभी कर्मचारियों और राज्य के सभी कर्मचारियों को इसके दायरे में लाया जाए.

 

 

 

 

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