पुलिस को फरियादी पर भी संदेह

उदय्ापुर, । शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में मुम्बई में मजदूरी करने वाले चार लोगों से दो बाईक सवार युवक डेढ लाख रूपए लूट कर ले गए। चारों मुम्बई में कार्यरत अपने गांव के लोगों के भी पैसे उनके घरों पर देने के लिए लेकर आए थे। घटना के बाद पुलिस ने नाकाबंदी करवाई परन्तु दोनों बाईक सवारों का कोई पता नहीं चला। पुलिस पूछताछ में लूट की गई डेढ लाख रूपए की रकम पर भी शंका व्यक्त की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शिवलाल पुत्र रोडा जी डांगी, किशन पुत्र लोगर पटेल, सुखलाल पुत्र भोला डांगी निवासी विजनवास डबोक, मगनलाल पुत्र देवा कुम्हार निवासी चंदेसरा पिछले कई वर्षों से मुम्बई में रहकर पानी बेचने का काम कर रहे थे। चारों कल दोपहर को मुम्बई से रवाना हुए थे जो कि सुबह 10 बजे उदिया पोल बस स्टेण्ड पर उतरे। चारों के पास काफी सामान था। चारों ने वहां पर एक ऑटो किराए पर किया तथा वहां से चंपालाल धर्मशाला के पास खडी रहने वाली गांव की बसों के लिए रवाना हुए।

चंपालाल धर्मशाला पर पहुंचने के बाद चारों ने ऑटो से सामान उतारा तथा ऑटो चालक को पैसे देकर रवाना कर दिया। जिसके बाद चारों बस की डिक्की में सामान रख रहे थे। इसी दौरान दो बाईक सवार युवक आए। दोनो ने मुहं पर लाल रंग का कपडा बांध रखा था। दोनों युवक बस के पास आकर रूके तथा वहां पर रखा एक डिब्बा (पीपा) उठाकर रवाना हो गए। जैसे ही किशन की नजर दोनों आरोपियों पर पडी तो किशन ने उनका पीछा करने का प्रयास किया। परन्तु आरोपी फतह स्कूल की ओर से होते हुए फरार हो गए। यह देखकर सुखलाल के होंश उड गए तथा उसे कुछ नहीं सूझा। वहीं तीनों ने वहां पर जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया । लोगों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। जिससे मौके पर कायर्वाहक थानाधिकारी ज्ञानचंद मय जाब्ते के पहुंचे तथा हालात की जानकारी लेते ही शहर में नाकाबंदी करवाई। पुलिस चारों को थाने लेकर चली आई। पूछताछ में पहले तो चारों ने डेढ लाख रूपए बताए। जब पुलिस ने सही पूछताछ की तो सामने आया कि डिब्बे में 79 हजार रूपए ही बताए जा रहे है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस पूरे मामले को शंका की दृष्टि से देखा जा रहा है। सूचना मिलने पर मौके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तेजराज सिंह तथा डिवाईएसपी अनंत कुमार भी थाने पहुंचे थे जिन्होंने उनसे पूछताछ की है।

इस पूरे प्रकरण में सामने में आया कि सुखलाल को छोडकर शेष तीनों के पास तो उनके पैसे सही सलामत रखे हुए है। लूटे गए डेढ लाख रूपए केवल सुखलाल की जिम्मेदारी पर थे। पूछताछ में सामने आया कि मुम्बई में विजनवास, चन्देसरा तथा खेमली के कई लोग काम करते है। जिनमें से करीब 10 लोगों ने सुखलाल के हाथों पैसे भिजवाए थे ताकि सुखलाल य्ाह पैसे उनके घर पर दे सके। लूट हो जाने के बाद सारे पैसे सुखलाल को ही भरने है।

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