कमीशनखोरी के चक्कर में डॉक्टर

Date:

करते रहे मासूम जिंदगी से खिलवाड

सरकारी चिकित्सक एवं प्राइवेट प्रेक्टीशनर की मिलीभगत का मामला

रोज यों ही भटकने पर मजबूर है रोगी के परिजन

उदयपुर, बच्चों में भगवान होता है टौर एक डॉक्टर भगवान समान होता है लेकिन ढाई साल के कोसेन खान की जिंदगी से इन डॉक्टररूपी भगवान ने अपने कमीशनखोरी के चक्कर में ऐसा खेल किया कि ऊपर बैठा भगवान भी शर्मसान हो गया होगा।

गत रविवार को सवीना निवासी कोसेन खान पिता परवेज खान को तेज बुखार आने पर परिजनों ने एमबी चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां उसे आईसीयू में भर्ती कर डॉ. देवेन्द्र सरीन की यूनिट द्वारा ईलाज किया गया। कुछ घंटे उपचार देने के बाद जब उपचार देना बंद कर दिया तो परिजनों ने डॉक्टर से वजह जानने पर बतिाया कि सुबह दूसरे डॉक्टर आकर इलाज देंगे। बच्चे की और खराब होती हालत के चलते परिजन रात को डॉक्टर सरीन के घर गये जहां डॉक्टर सरीन ने उन्हें सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि यहां तो ऐसे ही ईलाज चलता है। आप डॉक्टर बी. भण्डारी के हॉस्पीटल ले जाइये। डरे हुए परिजन रात में ही अपने लाडले को भण्डारी चिकित्सालय ले गये। सोचा कि शायद यहां कुछ अच्छा हो लेकिन प्राइवेट हॉस्पीटल के रूपये ऐंठने की प्रवृत्ति के चलते यहां भी ईलाज के नाम पर हर घंटे रूपये ऐंठते रहे। कोसेन खान के चाचा नासीर खान ने बताया कि अगले दिन भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ तो भण्डारी हॉस्पीटल के डॉक्टरों ने अमेरिकन चिकित्सालय के डॉक्टरों को बुलाया जहां जांच करने के बाद अमेरिकन हॉस्पीटल ले जाकर एक मायनर ऑपरेशन करने की बात कही कि बच्चे को बुखार दिमाग में पै*ल् गया है और दिमाग में कुछ पानी भर गया है जो ऑपरेशन से निकाला जाएगा। इस पर परिजन बच्चे को अमेरिकन हॉस्पीटल लेकर भागे वहां पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि ऑपरेशन छोटा नहीं ब$डा है और दिमाग का पानी निकलाने के लिये स्टंट लगेगा। परिजन और बदहवास हो अपने लाडले की जिंदगी की दुआएं मांगते रहे। नासिर खान ने बताया कि ब$डे ऑपरेशन की बात पर उन्होंने अहमदाबाद के अन्य डॉक्टरों से सलाह ली तो डॉक्टरों ने ऑपरेशन द्वारा स्टंट लगाना आखिरी उपाय बताया जबकि बच्चे का प्रारंभिक ईलाज ही ठीक से नहीं हो पा रहा था। आखिर परिजन ने डॉक्टर लाखन पोसवाल को केस की प*ाईल दिखाई। डॉक्टर पोसवाल ने कहा ऑपरेशन जैसी कोई बात नहीं है। आप बच्चे को जनरल हॉस्पीटल में भर्ती करवा दो सही हो जायेगा लेकिन परिजनों ने जनरल में जाने से इंकार किया तो डॉक्टर पोसवाल के निजी क्लिनिक राहत हॉस्पीटल में मंगलवार को लेकर आये जहां सही ईलाज होने से बिना ऑपरेशन के कोसेन मात्र २ घंटे में रोने बोलने लगा जहां तीन दिन से डॉक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे की हालत नाजुक थी। आंखे नहीं खोल पा रहा था वहां कोसेन सही ईलाज से ठीक हो गया और अभी स्वस्थ है। सरकारी डॉक्टर और प्राइवेट डॉक्टरों की कमीशन के चक्कर में मासूम की जिंदगी को तीन दिन तक खिलौना बनाया गया और परिजनों की जेब से करीब ७५ हजार रूपये निकलवा लिये।

इस मामले में डॉक्टर देवेन्द्र सरीन का कहना है कि मैंने उन्हें प्राइवेट चिकित्सालय जाने की सलाह नहीं दी वे खुद अपनी मर्जी से गये। मैंने इतना कहा कि उन्हें जहां संतुष्ठी मिले वहां ईलाज करवायें।

1 COMMENT

  1. First of all I would like to thank THE UDAIPUR POST to publish the reputed criminals perfomance.Each & every Indian
    should hate these people,that time is not very far defenitly
    they beg for their grand childrens lifes

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Pin Up Casino Пин Ап должностной сайт интерактивный игорный дом pin up, игровые аппараты, фиксация

Таким образом, игорное единица объявляет родную приверженность предоставлению доброкачественного...

Meeting brand new individuals and exploring new possibilities

Meeting brand new individuals and exploring new possibilitiesI think...

The Benefits of Learning a Second Language

In today's interconnected world, learning a second language has...

Tips for younger men looking for an older woman

Tips for younger men looking for an older womanLooking...