गर्मी के बाद बरसात और बरसात के बाद सर्दी, इस बदलते मौसम के अनुकूल शरीर को भी ढालना होता है, अगर मौसम के अनुसार शरीर एडजस्ट नहीं करता है तो मौसमी रोगों का शिकार हो जाता है. खास कर मौसम के बदलाव के दौरान व्यक्ति का शरीर वातावरण में हो रहे बदवाल को नहीं झेल पाता है. सर्द-गर्म के असर से सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो जाता है. इससे बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय हैं, जिसके जरिये आप इन मौसमी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं.

जुकाम के इलाज में हल्दी काफी फायदेमंद है. बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा. यदि नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी.

10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं. एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा. हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए.

डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर बहुत हद तक आराम मिलता है. तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं. तुलसी में काफी उपचारी गुण होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर साबित होते हैं. तुलसी की पत्तियां चबाने से ठंड और फ्लू दूर रहता है. इन बताए गए टिप्स से सर्दी- जुकाम से निजात पा सकते हैं.

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