उदयपुर , महिला उत्थान एवम महिला अधिकारों का डीडोरा पीटने वाली राजस्थान सरकार राज में आज भी ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओ पर अत्याचार रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं हे ,

 

राज्य सरकार की कमजोरी का ताज़ा उदाहरण हाल ही में डूंगरपुर एवं पाली जीलो में घटित दो ज्वलंत घटनाये हे , जहा की महिलाओ को डायन कह के प्रताड़ित किया गया और प्रशाशन सांप निकलने के बाद लकीर पिटता रह गया ,

 

डूंगरपुर जीले के दवडा थाना क्षेत्र के पुन्जपूर निवासी जसुकुवर पत्नी गोपालसिंह डाबी को शनिवार तडके 3 बजे गाँव का ही अमरसिंह माँ के पेट के दर्द का बहाना कर उपचार के लिए अपने घर ले गया जहा पर अमरसिंह के परिजनों ने जस्सू को डायन बताते हुए बुरी तरह पीटा , अत्त्याचार की कहानी यही समाप्त नहीं हुई ये लोग उसको बांध कर जीप में दल कर आसपुर ले गए जहा और मारपीट करने के बाद उसे मूत्र पिने पर विवश कर दिया अत्याचारी मारपीट से अचेत जस्सू को पुन्जपूर के बस स्टेंड पर पटक कर फरार हो गए ग्रामीणों की सुचना पर पुलिस ने जस्सू को अस्पताल में भर्ती करवाकर उसके बयान लिए लेकिन घटना के २४ घंटे बाद भी इस सम्बन्ध में गिरफ़्तारी का कोई जवाब नहीं हे ,

 

वाही दूसरी घटना के रूप पे . पाली में पति ने अपनी पत्नी को डायन निकलने के बहाने दहकते हुए अंगारों पर फेक दिया ,

 

पाली निवासी नारंगी मेघवाल अपने पीहर गयी हुई थी वहा से शुक्रवार की रात उसका पति चुन्नीलाल अपने भाई पुखराज के यहाँ पाली ले के आगया जहा पर नारंगी को कहा की कुछ महिलाओ और बालिकाओ में डायन की चाय आई हे जिसमे एक तू भी हे . ये बात कह के उसको डायन निकलने की बात कह के उसके भाई और उसने मिलकर नारंगी को दहकते हुए अंगारों पे फेक दिया , जिसे नारंगी बुरी तरह झुलस गयी , बाद में पुलिस ने नारंगी के बयानों के अधर पे आरोपियों को गिरफ्तार किया ,

 

उक्त दोनों घटनाओ ने सिद्ध कर दिया की राजस्थान में महिलाओ की सामाजिक स्थति क्या हे और महिला उत्थानो के नरो का दिन्डोरा पीटने वाली सरकार एवं पुलिस प्रशासन अज भी खपा पंचायतो के सामने बोने हे

 

 

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