ध्वस्त होगें फतह प्रकाश होटल के ३० कमरे

Date:

उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति जारी

वोल्केम का कार्यालय भी होगा ध्वस्त

उदयसागर के पेटे से हटेगी होटल

उदयपुर, झील निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण तोडने के आदेश में हाईकोर्ट का फैसला आ गया जिसमें एचआरएच को फतह प्रकाश होटल, सिघंल के वाल्केम कार्यालय और उदयसागर स्थित वर्धा एंटरप्राइजेज की निर्माणाधीन होटला को दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

उल्लेखनिय है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में हो रहे निर्माणों को लेकर झील हितेषी राजेन्द्र राजदान ने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी जिसका फैसला आ गया है और उसमें एचआरएच द्वारा फतह प्रकाश होटल के बनाये गये ३० कमरों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है। तथा उसको दो महिनों में तोडने के आदेश दिये है। स्वरूप सागर पर वाल्केम इण्डिया के कार्यालय में नव निर्माण को भी दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

हाईकोर्ट ने बडा फैसला लेते हुए उदयसागर झील मे अरबों रूपये का मैसर्स वर्धा एंटरप्राइजेज के पांच सितारा होटल प्रोजेक्टों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है और यूआईटी व अन्य द्वारा दी गयी स्वीकृति को निरस्त करते हुए दो महिने मे तोडने के आदेश दिये है। तथा वर्धा गु्रप को १ करोड रूपये का जुर्माना भरने के आदेश दिये है जो कि इस निर्माण के दौरान जो पर्यावरण को नुकसान हुआ उसको विकसित करने में खर्च होगें। दो महिने के भीतर यह निर्माण तोडने व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज करने के यदि इसके बाद नहीं तोडा जाता तो यह कार्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

झीलों को उदयपुर की लाईफ लाईन मानते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि झील अथवा आय$ड नदी में अब कचरा, प्लास्टिक या कोई भी अपशिष्ठ नहीं डाला जाये और प्रशासन को ताकीद की कि किसी भी मकान या हॉल का अपशिष्ठ झीलों में नहीं गिरे यदि ऐसा हो और कोई व्यक्ति कचरा फैकता हुआ पाया जाये तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

हाईकोर्ट ने पिछोला और फतहसागर के आसपास की क्षेत्र को नो प्लास्टिक जोन घोषित कर दिया है और इसकी निगरानी के लिये नगर परिषद, यूआईटी को पाबंद किया है तथा फतहसागर के मुंबईया बाजार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वहां ऐसी किसी वस्तु की बिक्री ना हो जो प्लास्टिक से बनी है तथा ना ही प्लास्टिक की थैलियां प्रयोग में लाई जाये। हाईकोर्ट ने चित्रकुट नगर स्थित डम्पिंग यार्ड को तुरंत हटाने के निर्देश दिये।

अवैध निर्मार्णों के लिए अधिकारी दोषी: अतिक्रमण औरे अवैध निर्माण के लिये हाईकोर्ट में पूरी तरह से अधिकारियों को दोषी माना है कि उन्हीं की लापरवाही के चलते झीलों के आसपास अवैध निर्माण हो पाये है तथा उन्हें निर्देशित किया है कि यूआईटी, नगर परिषद के अधिकारी न्यायलय के आदेशों की पालना सख्ती से करवाऐं और तीन महीने के भीतर उच्च न्यालय को रिपोर्ट करें।

मांगी थी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची: झील निर्माण निषेध क्षेत्र की जिस सूची को सबको इंतजार था ऐसी कोई सूची हाईकोर्ट के आदेश में नहीं आई बल्कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में जो निर्माण बिना स्वीकृति के बने है उन्हें िगराया जाये। जबकि पहले हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से अवैध निर्माणों की सूची मांगी थी इन्हीं होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची भेजनी थी जबकि इन्होंने अपने चहेतों को बचाने के लिये कई गरीब जनता के नाम सूची में भेज दिये।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Weapons N Flowers Golden Fish Tank free 80 spins Slot Comment RTP, Tips & Incentives!

Designed in cooperation having Bravado Global Classification, designer NetEnt...

Gamble Golden grimoire position having free revolves︱Online casino Luks

ContentGo back to athleteFull List of NetEnt Slot GamesTips...

Genie Wants Slot machine to play 100 percent free

BlogsYou've Claimed a no cost TwistAlive Dealer CasinosGenie Wants...

Lucky Seven Slot by the Betsoft Play for Real money or Totally free

ContentWell-known Popular features of Real cash Online slotsReal time...