उदयपुर, 19 जन.। आलोक संस्कार विज़न फिल्म्स व आलोक ऑडियो विज्यूअल प्रा.लि. के बैनर तले डॉ. प्रदीप कुमावत के निर्देषन में बनी फिल्म महाराणा प्रताप: प्रथम स्वतन्त्रता सेनानी के संगीत की सीडी का लोकार्पण दिनांक 18 जनवरी, 2012 को किया। फिल्म के संगीत की प्रथम सीडी महामहिम राश्ट्रपति महोदया श्रीमती प्रतिभादेवी सिंह पाटिल ने फोल्डर खोलकर तथा डॉ. प्रदीप कुमावत ने प्रथम प्रति भेंट कर लोकार्पित किया।

महामहिम राश्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने फिल्म के संगीत की सीडी की भेंट स्वीकार की एवम् फोल्डर को खोलकर विधिवत लोकार्पण किया। इस अवसर पर डॉ. कुमावत ने बताया कि फिल्म का संगीत टी-सीरीज कम्पनी द्वारा जारी किया गया है एवम् षीघ्र ही बाजारों में, म्यूजिक षॉप पर आमजन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। फिल्म संगीत का षुभारम्भ विधिवत रूप से किया जाएगा जिसकी जानकारी एक प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से समाचार जगत को प्रदान की जाएगी।

डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि प्रताप की पुण्यतिथि के अवसर पर मेवाड़ के लोगों की ओर से हमारी ये विनम्र श्रद्धांजलि है। फिल्म के संगीत के बारे में जानकारी देते हुए निदेषक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि फिल्म की 9 गानों की लंदन से मास्टरिंग कर मंगाया गया है। जबकि सारे गाने मुम्बई के विभिन्न स्टूड़ियों में रिकार्ड किये गये है।

उदयपुर के लोगों के लिये 24 को रोड शो के माध्यम से इस संगीत को जन-जन के लिये उपलब्ध कराया जायेगा। फिल्म के संगीत की सीडी महामहिम को भेंट करते समय आलोक संस्कार विज़न फिल्म्स की ओर से फिल्म के निर्देषक डॉ. प्रदीप कुमावत सहित फिल्म के संगीत निर्देषक डॉ. प्रेम भण्डारी, ग्रुप कैप्टन गजेन्द्र सिंह षक्तावत, क्षत्रिय महासभा के तेजसिंह बांसी, मुख्य चरित्र पात्र (महाराणा प्रताप) नारायणसिंह सिसोदिया, निष्चय कुमावत, षषांक टांक, मनमोहन भटनागर, प्रतीक कुमावत, पंकज दवे, कृश्ण वत्सल पण्ड्या, नितिन षर्मा आदि उपस्थित थे।

आलोक संस्कार विज़न फिल्म्स ने एक अभूतपूर्व कार्य किया है जिसमें 5 वर्शों के अथक प्रयास से महाराणा प्रताप की जीवन गाथा को लेकर इस फिल्म का निर्माण किया है। फिल्म अन्तर्राश्ट्रीय स्तर की बन पड़ी है। बहुत प्रयत्नपूर्वक इसमें प्रामाणिकता को इस फिल्म में जोड़ा है। इस फिल्म में स्व. जगजीत सिंह ने एक गीत गाया है ‘‘याद आएगा हमें छोड़ के जाने वाला……….’’ जिसमें उन्होंने अभूतपूर्व आवाज़ दी है। वहीं भूपेन्द्र, रूपकुमार राठौड़, शैल हाड़ा और साधना सरगम एवं फिल्म का संगीत उदयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. प्रेम भण्डारी ने दिया है इसमें माटी की सौंधी सुगन्ध प्रकट होती है।

 

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