फेसबुक पर अब आरोप लग रहा है कि इस सोशल नेटवर्किग साईट पर मौजूद गेम बच्चों को जुआरी बना रहा है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर फेसबुक पर बच्चों को लास वेगस के जुआघरों की तर्ज पर बने गेम्स को लंबे समय तक खेलने दिया जाएगा तो वो ज़िदगी भर के लिए जुआरी बन जाएंगे.इन गेम्स को घरों में खेलने के लिए नौजवानों को वर्चुअल यानी आभासी पैसा दिया जाता है फिर कम्पूयटर और मोबाईल फोन पर वो इस खेल को आगे बढ़ाते हैं.

फेसबुक पर 13 साल से उपर के सदस्य कई तरह के गेम्स खेल सकते हैं. जानकार दावा करते हैं कि इससे बच्चों को इस तरह के खेल खेलने की लत लग जाने की आशंका है.

मुफ्त के गेम्स नौजवानों को ये आभास देतें हैं कि इससे कुछ नुकसान नहीं हो सकता है और धीरे धीरे वो इस तरह के खेलों के चंगुल में फंस जाते हैं.

 उम्र भर का नशा

डेली मेल अखबार को सैलफोर्ड युनिवर्सिटी की डा़ कारोलिन डाउंस ने बताया कि कैसे उनकी 13 साल की बेटी एक वर्चुअल पैसे वाले गेम में हारने के बाद मायूस हो गई थी.

डा कारोलिन का कहना है, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि जितनी जल्दी बच्चे जुए का गेम खेलना शुरू करते हैं, उतनी जल्दी उनको उसकी लत लग जाती है और इसका दुष्प्रभाव ताउम्र होता है.’

गेमकेयर चैरिटी की प्रवक्ता का कहना है वो चाहेंगी कि गैंबलिंग कमिशन इस तरह के सोशल गेमों और उसके प्रभाव पर शोध करें.

जानकारों का कहना है कि ये क्षेत्र बहुत जल्दी से फैल रहा है और इस बात की जांच होना बहुत जरूरी है कि नौजवानों पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है.

फेसबुक के प्रवक्ता का कहना था कि किसी भी गेम को बनाने के दौरान फेसबुक को स्थानीय कानून का ध्यान रखना पड़ता है साथ ही फेसबुक के सारे एप्लीकेशन्स को कई और दिशा निर्देश का भी पालन करना पड़ता है.

ब्रिटेन में जुआ खेलने की कानूनी उम्र कम से कम 18 साल है. फेसबुक पर एक अनुमान के अनुसार सत्रह साल से कम उम्र के तकरीबन तीस लाख लोग हैं.

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