बेटे और पोती से भी दादागिरी और धौंस

Date:

चित्तौडगढ, लगातार एक व्यक्ति को पुलिस द्वारा बार बार उमर के लिहाज से मौका देना उसका अपराध के प्रति रूझान बढा रहा है। वृद्व व्यक्ति पुलिस की इस हौसला अफजाही से ८५ वर्षिय होने के बाद भी अपराध करने से नही चूक रहा है। कभी मारपीट तो कभी धोखा धडी की घटनाओं में सुर्खियो में रहा है। हाल ही में उक्त व्यक्ति की पोती ने जिला पुलिस अधीक्षक व उपखण्ड अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर एक मामले में कार्यवाही की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, प्रतापनगर क्षैत्र में रहने वाले सेवानिवृत क्षैत्रिय वन अधकारी नंदसिंह पिता लक्ष्मणसिंह द्वारा कानून को जेब में रख कर घुमने जैसी कई बाते सामने आई है। नंदसिंह व उनके पुत्र गोविन्दसिंह के मध्य पूर्व में जमीन जायदाद को लेकर विवाद चल रहा है। जिस संबंध में न्यायालय द्वारा मामले में धोखा धडी किए जाने को लेकर कोतवाली पुलिस को जांच सौपी गई है। इसी दौरान किराएदार को लेकर गोविन्दसिंह की पुत्री व किराएदार की पत्नि के मध्य विवाद हो गया था। जिसके चलते किराएदार द्वारा नंदसिंह को साथ में ले जाकर सदर थाने में गोविन्दसिंह के विरूद्व मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने रिपोर्ट मिलते ही दो घण्टे के दौरान गोविन्दसिंह को सदर थाने में बुलाया और अगले ही दिन उसे उपखण्ड अधिकारी के समक्ष शांति भंग करने के आरोप में धारा १५१ में पेश कर छ: माह के लिए पाबन्द कराया था। उसी दौरान जब गोविन्दसिंह की पुत्री से अभद्र व्यवहार करने पर सदर थाने में रिपोर्ट प्रस्तुत की कई तो पुलिस द्वारा राजनैतिक दबाव में मामले को मात्र १०७ (११६) में दायर कर इस्तघासा उपखण्ड अधिकारी के यहां भेज दिया गया। जहां तत्कालिन उपखण्ड अधिकारी जगदीशचन्द्र हेडा द्वारा तारीख पेशी मुकरर्र की गई और नंदसिंह शक्तावत व उनके पुत्र भरतसिंह व किराएदार दलपतसिंह को जरिये नोटिस तलब किया गया, लेकिन भरतसिंह व नंदसिंह के सम्मन तामिल हो गए और दलपतसिंह का बाहर जाना बताया गया। सम्मन तामिल होने के बावजुद भी तीनो ही व्यक्ति नियत तिथि को उपखण्ड अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नही हुए और बाद में जारी किए गए नोटिसो में अदम तामिल कराते रहे और जिन लोगो द्वारा कोर्ट नोटिसो पर अदम तामिल की गई उस नाम के कोई भी व्यक्ति उस क्षैत्र में नही रहते है। सूत्रो ने बताया कि मामले में नंदसिंह व भरतसिंह द्वारा ही अपने आप को राजेन्द्रसिंह बता कर तामिल की गई। जो धोखा धडी का कृत्य साबित करती है। क्योंकि उपखण्ड अधिकारी द्वारा जब तीन बार सम्मन जारी किए गए तो उनमें अदम तामिल करने वाले व्यक्ति को ही तलब किया गया था। नियमानुसार जो व्यक्ति जरीसे सम्मन तलब किया जा रहा है वह अन्य किसी की अदम तामिल व जमानत नही दे सकता, लेकिन पिता पुत्र द्वारा न्यायालय को गुमराह करने के लिए जिस तरह की धोखाधडी की गई है वह गलत है। इस संबंध में गोविन्दसिंह की पुत्री नीतू कंवर ने उपखण्ड अधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कार्यवाही में पुलिस द्वारा किए जा रहे रवैये में सुधार की मांग करते हुए उपखण्ड अधिकारी से मामले में सही तरीके से तामिल करवाने की मांग की है। इस पूरे प्रकरण मेंं नंदसिंह शक्तावत द्वारा जिस तरह से पुलिस व न्यायालय को गुमराह किया गया है वह गलत है। साथ ही नंदसिंह की वृद्वावस्था की वजह से पुलिस उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही नही कर पा रही है। जिसका फायदा उठाते हुए १५ दिन पूर्व नंदसिंह द्वारा एक सामाचार पत्र के होर्डिंग को भी फाड दिया गया था। उसमें भी समाचारपत्र के प्रतिनिधि द्वारा जब सदर थाने में नंदसिंह के विरूद्व रिपोर्अ दर्ज कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया लेकिन घटना के १५ दिन बाद भी पुलिस ने कोई कटोर कार्यवाही नही करते हुए मात्र १०७ (११६) में इस्तघासा बना कर उपखण्ड अधिकारी के यहां भेज दिया गया। अगर यही हालात रहे तो उक्त व्यक्ति कि हौंसले और भी बुलन्द हो जाएंगे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Start chatting and luxuriate in the benefits of our dating system

Start chatting and luxuriate in the benefits of our...

Plinko Comment & Totally free Gamble

Take pleasure in community-leading return-to-athlete costs between 95% to...

PLINKO PLAYSOUS NOR, ZDARMA ENBERALTAY a First Bonus 1000

To zůstává praktické vědět,!, S takovými více dovednostmi roztomilými...

Online casino premie aanbiedingen 2025 Casinodetective nl

Bij een bookmaker deze zich integraal waarderen spel richt,...