हर साल मनाये जाने वाले विश्व द्रष्टि दिवस की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब विश्व में अन्धे पन से पीड़ित 4 करोड़ से जयादा लोगों को राहत मिलेगी अकेले भारत में ही सवा करोड़ पीड़ित हे और सबसे बड़ी बात तो ये की एक करोड़ लोग ग्रामीण है जिन्हें ये रोग हे .

अलख नयन मंदिर और विज़न 2020 द राईट टू साईट इंडिया संसथान के सयुंक्त तत्वाधान में विश्व द्रष्टि दिवस की दो दिवसी कार्यशाला आज से शुरू हो गई ,

अगर इस रोग को दूर करने के प्रयास नहीं किये गए तो 2020 तक रोगियों की संख्या डेड़ करोड़ हो जाएगी,और इसी को रोकने के लिए प्रति वर्ष विश्व द्रष्टि का आयोजन होता हे , इस का मुख्य उद्देश्य विश्व में बदती अन्धता को रोकना हे ,

अलख नयन मंदिर की कार्यकारी ट्रस्टी श्रीमती डॉ. लक्ष्मी झाला ने बताया की भारत विश्व स्वास्थ संगठन का एक सदस्य होने के नाते अपने देश में अन्धता से पीड़ित लोगो की संख्या कम करने के लिए बराबर प्रयास रत है .

और उन्होंने बताया की अलख नयन मंदिर द्वारा विश्व द्रष्टि दिवस १२ और १३ अक्टूबर को विज़न २०२० द राईट टू साईट इंडिया संसथान के साथ मिलकर उदयपुर में आयोजित किये जा रहे दो दिवसीय अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य देश में अन्धता का निवारण करना है ,

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