महिला आयोग अध्यक्ष ने न्याय के आश्वाशन का झुनझुना थमाया

Date:

सराडा में महिला को निर्वस्त्र करने का मामला

घटनास्थल का दौरा किए बगैर हो गई कार्रवाई

उदयपुर,। सराडा क्षेत्र में प्रेमी युगल को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित करने की घटना की जांच के लिए उदयपुर पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष टीम सहित औपचारिकता पूर्ण कर पुलिस एवं पंचायत को क्लीन चिट दे गई। टीम ने घटनास्थल का दौरा कर किए बगैर सर्किट हाउस के वातानुकूलित कमरें में कार्यवाही निपटा दी तथा बंद कमरे में पीडिता से वार्ता कर उसे न्याय के आश्वासन का झुंझुना थमा दिया।

उल्लेखनीय है कि सराडा गांव में विवाहिता व उसके प्रेमी को पंचायत, विवाहिता के पति तथा गांव वालों ने कई सौ लोगों के बीच निर्वस्त्र कर पेड से बांधा तथा प्रताड़ित किया। इस घटना की देश भर में आलोचना हुई तथा राजस्थान शर्मसार हुआ।

मामले की जांच करने व पीडिता को न्याय दिलाने दिल्ली से महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा सुबह उदयपुर पहुंची और घटनास्थल पर जाने के बजाय पीडिता को यही उदयपुर में सर्किट हाउस या एयरपोर्ट से सर्किट हाउस के बीच किसी गोपनीय स्थान पर मिली। पीडिता ओर उसके भाई से घटना के बारे में जानकारी ली। कुछ देर की मुलाकात व पुलिस की लिखित कार्यवाही के आधार पर अपनी जांच पुरी कर ली तथा १२.३० बजे जांच पूरी कर प्रेस कांफ्रेंस बुला ली। तथा पत्रकार वार्ता मे बताया कि पीडिता से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली है । पीडिता को शीघ्र ही न्याय दिलाया जायेगा तथा इस केस को ऑफीसर केस स्कीम में लिया जाएगा । पीडिता के साथ हुए कृत्य में जो महिलाएं शरीक थी उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाये तथा पीडिता के पूनर्वास के प्रयास किये जाये। पत्रकार वार्ता में ममता शर्मा ने अपनी बात तो रख दी लेकिन पत्रकारों के एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पायी यहां तक की उन्होंने तो पंचायत और पुलिस को भी क्लीन चिट दे डाली कि यह जो भी घटना हुई है वह पारिवारिक घटना है इसमें पंचायत का कोई लेना देना नहीं है। जबकि फ़ोटो और वीडियों कुछ और ही बयां कर रहे है कि यह घटना पंचों के बीच उनके कहने पर हुई। पुलिस का पक्ष लेते हुए कहा कि हमकों पीडिता ने बताया कि पुलिस के आने के बाद मेरे साथ ज्यादती नहीं की वरना वे मेरी नाक काकट कर गधे पर बेठाने वाले थे। जबकि सर्वविदित है कि पुलिस की मौजुदगी में गांव वालों ने जीप को रोक कर महिला को उतारा और उससे मारपीट की। पत्रकारों के सारे सवालों को टालती रही और घटनास्थल पर जाने की बात कही तो महिला आयोग अध्यक्ष कहने लगी कि वहां जाने की क्या जरूरत है। और तो ओर पुलिस द्वारा जिन धाराओं मामला दर्ज किया है वे सभी धाराएं है इनमे कोई ऐसी धारा नहीं जो पीडिता पर हुए अत्याचार की सजा दिलवा सके और इस मामले में १२० बी की धारा लगानी थी वह अभी तक नहीं लगी। कुल मिलाकर ऐसे हालात में ना तो गांव की ऐसी कुरीति सुधारनी है ना ही पीडिता को न्याय संभव है। क्यों कि महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा इस गंभीर मामले की जांच के लिए उदयपुर तो आयी लेकिन बंद एयरकंडीशन कमरों में ही बैठे बैठे जांच की खाना पुर्ती करती रही । पीडिता को बंद कमरे में गुप्त रूप से बुला कर और उदयपुर आईजी, एसपी, जिला कलेक्टर और तमाम आला अधिकारियों से बंद कमरे में कॉफी की चुस्की के साथ हंसते हंसते इस गंभीर मामले पर चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर दी जो सरकार को भेज दी जाएगी। गांव में ऐसी घटना ना हो आखिर क्यों गांव के बुढे बच्चे इस घटना के मुकदर्शक बने रहे। पंचायतों की क्या भूमिका होनी चाहिए थी और क्या है ऐसे कई समाज को जागरूक करने वाले प्रश्न अभी भी ऐसे ही है जिनसे महिला आयोग अध्यक्ष को कोई लेना देना नहीं है। अगर उन्हें बंद कमरे में ही जांच की खाना पूर्ति करनी थी तो पीडीता को दिल्ली बुला लेते क्यूं सरकार का इतना पैसा और वक्त बर्बाद किया। ममता शर्मा के साथ अन्य समाज सेवी संगठन और पीयूसीएल की कार्यकर्ता प्रज्ञा जोशी व उर्षा विकल्प तथा आल इण्डिया प्रोग्रेसिव वुमेन एसोसिएशन की डा.सुधा चौधरी का भी कहना है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को घटनास्थल पर जान चाहिए था अगर नहीं जाना था तो पीडिता को वहीं दिल्ली बुला लेते।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Brazino777 Bônus de até R$ 4000 e Código Promocional Exclusivo

ContentEu estava lendo isso: Bônus do Brazino777 CassinoExclusividade e...

Crystal King mrslotty games Slot Opinion Quickspin Swooping Reels and you can Multipliers

PostsWhich are the betting alternatives within the Crystal Queen?...

Free Spins 2025 Heutig 110 Slot jungle jim and the lost sphinx Freispiele ohne Einzahlung

ContentSlot jungle jim and the lost sphinx - Legacy...