मुनिश्री तरूण सागर की ऐतिहासिक विदाई

Date:

जब भी चातुर्मास की बात चलेगी, उदयपुर का नाम पहले आएगा : मुनिश्री तरूण सागर

उदयपुर, 11 दिसंबर। जब-जब तीर्थंकरों की बात चलेगी, तब भगवान महावीर स्वामी का नाम पहले आएगा। जब-जब भी मेवाड़ की बात चलेगी तब महाराणा प्रताप का नाम पहले आएगा। भक्ति की बात चलेगी, मीरां का नाम पहले आएगा और जब-जब मेरे संघ में चातुर्मास की बात चलेगी तो उदयपुर का नाम पहले आएगा। मैं आपके बीच से जा रहा हूं। आपको तकलीफ भी होगी। आप भले ही मुझे भूल जाना लेकीन मेरे विचारों को जरूर याद रखना। उक्त उद्गार क्रन्तिकारी राष्ट्रसन्त मुनिश्री तरूणसागर महाराज ने टाऊन हॉल प्रांगण में आयोजित ऐतिहासिक विदाई समारोह में व्यक्त कीये।

इस मौके पर अपने ऐतिहासिक सम्बोधन में मुनिश्री ने कहा की मैं उदयपुर से जा रहा हूं, लेकीन खाली हाथ नहीं बलकी आपकी यादें लेकर जा रहा हूं। उन्होंने कहा की राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध चाहे आज हमारे बीच नहीं हैं लेकीन वे भक्तों के दिलों में हमेशा रहते हैं। जब भी राम की याद आए हनुमान जैसे भक्त से कहना। वे सीना चीर कर राम ·के दर्शन करा देंगे।

हर पीढ़ी के लिए सन्देश :

मुनिश्री ने इस मौके पर हर पीढ़ी के लोगों को कुछ न कुछ दिया। उन्होंने नौजवानों को दिये सन्देश में कहा की तीन और तीन छह होते हैं लेकीन आप ऐसा करना की तीन और तीन तैंसीस हो जाए। बुुजर्गों के लिए कहा की आप बुढ़ापे को भूलभुलाते नहीं बल्की गुनगुनाते हुए बिताएं।

स्वर्ग हो तो ऐसा:

मुनिश्री ने कहा की हर कोई मरने के बाद स्वर्ग की कल्पना करते हैं लेकीन ऐसे काम करो की आपको जीते जी स्वर्ग मिल जाए। चारों ओर घर परिवार में प्रेम और वात्सल्य की ऐसी छटा बिखेरो की घर के आंगन में ही स्वर्ग का अहसास हो।

छलके आंसू :

मुनिश्री की विदाई समारोह में उनके भक्तों की आंखें भी छलछला गईं। कई महिलाएं घूंघट ·कीआड़ लेकर मुनिश्री की विदाई पर आंखों से खुशी के आंसू छलका रही थी तो कोई मुनिश्री के प्रवचन में मग्र होकर आंसुओं से बेखबर भक्ति में सराबोर हो रही थी।

समारोह के विशिष्ट अतिथियों में सांसद रघुवीर मीणा, विधाय· गुलाबचंद कटारिया, जिला प्रमुख मधु मेहता, सभापति रजनी डांगी, नानालाल बया, ताराचंद जैन, धर्मनारायण जोशी आदि उपस्थित थे।

समारोह पश्चात मुनिश्री तरूण सागरजी की विदाई-विहार प्रारंभ हुआ। टाउन हॉल से विहार यात्रा उदियापोल, रेलवे स्टेशन, पटेल सरकल , पारस तिराहा होती हुई सेक्टर 11 स्थित पृथ्वी निवास पहुंची। मार्ग में गजेन्द्र आंचलिया के सौजन्य से हेलीकोप्टर द्वारा पुष्पवृष्टि की गई। हजारों श्रद्धालु मार्ग में पाश्र्वनाथ क्रांति मंच सेक्टर 4 द्वारा सजाए गए 108 विदा द्वार के साक्षी बने। यात्राकाल में आदिनाथ युवा मंच द्वारा स्थान स्थान पर 1008 रंग बिरंगे गुŽबारे छोड़े गए। इन पर मुनिश्री के संदेश शोभायमान थे। शोभायात्रा में मंदसौर के प्रसिद्ध 21 ढोल समधुर गूंज देते छविमान थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Grand Ivy Erreichbar Kasino Zusammenfassung

Welches Grand Ivy Casino besitzt über Spiele bei den...

Verfügbare Angeschlossen-Zahlungsmethode Einlösen, spielen unter anderem The Wish Master Casino bezahlt machen

ContentBewährungsstrafe pro Treulosigkeit über Kryptowährungen in Millionenhöhe within Bundeshauptstadt...

Torneos sobre Mr bet Casino Hace el trabajo joviales nuestros bonos

Sumérjase en el universo de un casino de toda...

GoWild Spielsaal Provision, 5 Codes & Voucher abzüglich Einzahlung

ContentGoWild Spielsaal Test 2021: Jackpot-Spiele schützenUnderstanding No Vorleistung Maklercourtage...