उदयपुर, 21 दिसम्बर। उदयपुर के हवाला गांव स्थित ग्रामीण परिसर शिल्पग्राम में आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव के पहले दिन ‘‘सुस्वागतम्’’ में देश भर के लोक कलाकारों ने अपनी कलाओं का जादू बिखेर इस अवसर पर उ$डीसा का गोटीपुवा व महाराष्ट्र का सौंगी मुखवटे नृत्य रोमांचकारी रहा वहीं गाजी खां ने अपने गायन की छाप छोडी।

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शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर कार्यक्रम की शुरूआत बा$डमेर के प्रसिद्घ लोक गायक गा$जी खां मांगणियार के गायन से हुई जिन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में ‘‘घो$डलो’’ सुनाया। इसके बाद उ$डीसा से आये बाल नर्तकों ने गोटीपुवा नृत्य में पहले वंदना पेश की और बाद में ‘बंधा’ जिसमें बाल नर्तकों ने आकर्षक संरचनाएँ बना कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में ही महाराष्ट्र के आदिवासी कलाकारों ने देवी उपासक नृत्य सौंगी मुुखवटे दिखाया तो दर्शक आल्हादित हो गए। जीवन में ख्शहाली तथा प्रकोपों से बचने के लिये महाराष्ट्र के आदिवासी देवी की आराधना करते हुए नृत्य करते हैं प्रस्तुति में शेर बने कलाकारों ने दर्शकों का खासा मनोरंजन किया।

उद्घाटन अवसर पर ही मिजोरम का चेराव नृत्य लुभावनी प्रस्तुति बन सकी। दो बांसों के बीच संतुलन के साथ नृत्य करती बालिकाओं ने लय के साथ उत्कृष्ट सामंजस्य बिठाया। गुजरात के राठवा आदिवासियों ने इस अवसर पर नर्तन के दौरान आकर्षक पिरामिड बना कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में ही मणिपुर का थांग-ता, गोवा का देखणी रोचक प्रस्तुति थी तो उत्तर प्रदेश का मयूर नृत्य व हरियाणा के घूमर नृत्य ने लोक कला का अनुठा लास्य बिखेरा। कार्यक्रम का संयोजन विलास जानवे द्वारा किया गया।

शिल्पग्राम उत्सव के दूसरे दिन ‘‘महाराष्ट्र दिवस’’ के आयोजन होंगे। 

 

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