निर्माण स्वीकृति को लेकर हुआ विवाद

सभापति के पति द्वारा किए हस्तक्षेप से भडके बिल्डर और समर्थक

उदयपुर, ६ जनवरी । शुक्रवार को नगर परिषद में निर्माण अनुमति के लिए आए आवेदक ओर सभापति के बीच विवाद हो गया । कक्ष में मौजुद सभापति के पति ने जब हस्तक्षेप किया तो विवाद बढ गया जो पार्षदों के बीच बचाव के बाद समाप्त हुआ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्रीम डवलपर्स के स्नेह दीप भानावत ने सहेली मार्ग पर आयुत्त* कार्यालय के सामने तीन मंजिला व्यवसायिक निर्माण की अनुमति का आवेदन १७ अक्टूबर ११ को परिषद में दिया था जिसे २००६ के नियम के अंतर्गत सभापति ने बेठक में अनुमति दे दी लेकिन बाद में पडौस की शिकायत आने पर चारो तरप* से सेट बेक छो$डने का कहकर प*ाइल स्टेट नियोजक कार्यालय में स्वीकृति के लिए भेज दी। जब आवेदक ने वजह जाननी चाही तो उन्हें तकनीकी खामी होने की बात कही। आवेदक स्नेहदीप ने बताया कि इस दौरान सभापति रजनी डांगी के भाई टीनु माण्डावत का प*ोन आया और उसने वह जमीन उसे बेचने की बात कही जब स्नेहदीप भानावत ने जमीन बेचने से इंकार किया तो सभापति के भाई ने धमकी दे डाली की देखते ही तुम्हे कैसे अनमुति मिलती है। भानावतने आरोप लगाया कि अगले ही दिन गुरूवार को सभापति के पति का प*ोन आया और उन्होंने भी जमीन बेचने की बात कही और इंकार करने पर धमकी दी की अनुमति अब नहीं मिलेगी और भानावत को मामला निपटाने के लिए शुक्रवार को नगर परिषद बुला लिया।

शुक्रवार को जब स्नेह दीप, प्रदीप बाबेल, राकेश भानावत, पुनीत और बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम पामेचा सभापति से मिलने पहुंचे ओैर अनुमति नहीं देने की बात को लेकर सभापति से विवाद हो गया। वहीं पहले से मौजुद सभापति के पति विरेन्द्र डांगी ने बीच मेें आते हुए उन्हें कक्ष से बाहर निकल जाने को कहा इससे सभी आवेदक और भ$डक गए कि वीरेन्द्र डांगी किस हैसियत से अनुमति के मामले में बोल रहे है और हमें कक्ष से बाहर निकाल रहे है। इस बात को लेकर आवेदक और सभापति के पति के बीच घमासान हो गया और बात गाली गलौच तक आ गई। वहां मौजुद पार्षदों ने बीच बचाव किया लेकिन आवेदकों ने कक्ष से बाहर निकल कर खूब हंगामा किया।धीरे-धीरे मौके पर सभी पार्षद आ गये और करीब २ घंटे के बाद सभापति रजनी डांगी से आवेदकों द्वारा लगाये आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने उसे निराधार बताया और कहा कि आरोपों का क्या है वह तो लगते रहते है। हमने इनकी निर्माण स्वीकृति दे दी थी लेकिन कुछ तकनीकी खामियां होने की वजह से प*ाइल एस.टी.पी.को भेजी है जो कि चार पांच दिन मे आ जायेगी हमने कोई प*ाईल नहीं रोकी।

 

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