q-300x198तेजाब से पीडि़त का शरीर ही नहीं जलता है, बल्कि जिन्दगी जल जाती है एसिड अटैक के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। पुलिस भी उसकी गाइडलाइन का फॉलो करने का दावा करती है। प्रशासन भी तेजाब बिक्री से खुद को अलर्ट बताता है। इसके बावजूद शहर में हर कहीं आसानी से एसिड बिक रहा है,

जब क्रमददगारञ्ज ने इसकी पड़ताल की, तो प्रशासन और पुलिस के अलर्ट के दावे की पोल खुल गई। अरे भाई साहब हमें घर के बाथरूम साफ करने के लिए तेजाब चाहिए, नाली चॉक हो गई है। बहुत परेशान हो गए हैं बस कुछ ऐसा ही बोलना है और आपको दुकानदार बिना आईडी प्रूफ के तेजाब की बोतल थमा देगा।

भावेश जाट/ मनीष पंचाल

उदयपुर। तेजाब को खरीदने के लिए किसी को बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। आपको जितना तेजाब चाहिए, उतना आसानी से बाजार में बड़ी आसानी से मिल रहा है। तय रकम देने के बाद कोई ये भी नहीं पूछता कि आपको तेजाब क्यों चाहिए? क्रमददगारञ्ज रिपोर्टर ने जब दुकानदार से तेजाब मांगा, तो दुकानदार ने बिना किसी सवाल-जवाब के तेजाब की बोतल उसे थमा दी।

१. खतरा: तेजाब शरीर पर गिरने से जल सकता है, जो लंबे अरसे तक ठीक नहीं होता है।

२.बिना आईडी से मिल रही है मौत: उदयपुर शहर में किराणा और अन्य दुकानों पर भी तेजाब आसानी से मिल जाने के बाद हम सूरजपोल की एक दुकान पर गए, जहां थोक में एसिड बेचा जा रहा था ।

३.जितना चाहो खरीद लो:बेहद खतरनाक तेजाब आप बहुत आसानी से खरीद सकते हैं। बाजार में आसानी से मिल जाने की वजह से ही तेजाब फेंकने की घटनाएं बढ़ी हैं, क्योंकि जिस पर तेजाब फेंका जाता है उसके लिए उस अनजान व्यक्ति को पहचान पाना या उसका स्केच बनवा पाना मुश्किल हो जाता है।

४.लाइसेंस कौन देगा :सुप्रीम कोर्ट तेजाब की बिक्री और खरीद को थोड़ा पेचिदा बना रही है, ताकि तेजाब फेंकने के मामलों में कमी आए। वहीं व्यापारी इस बात से नाखुश हैं। उनका कहना है कि अब लाइसेंस लेने के लिए हमें सरकारी विभागों के चक्कर लगाने पड़ेंगे।

अच्छी खासी रकम देकर लाइसेंस तो मिल जाएगा, लेकिन इसके बाद भी हमारा सिर दर्द खत्म नहीं होगा। हमें तेजाब खरीदने आए हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रखना होगा। उसका फोटो पहचान पत्र और मोबाइल नंबर हमें लेना होगा, ये सब बहुत प्रैक्टिकल नहीं है।

कोई व्यक्ति अपना फर्जी पहचान पत्र और गलत फोन नंबर भी दे सकता है। हमें तो जो दिखाया जाएगा उसी को सही मानकर रिकॉर्ड कर लेंगे। अगर कोई घटना हो गई तो पुलिस भी हमें ही परेशान करेगी।

५. नीति तय करें: तेजाब के हमलों पर रोक की नीति तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को तलब किया। इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के दखल पर केंद्र सरकार ने तेजाब की खरीद-फरोख्त पर सख्त नियम बनाने की बात की है।

सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए हलफनामे में तेजाब के हमलों के शिकार पीडितों के पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए कई अहम पक्ष रखे। इसमें तेजाब को जहर की श्रेणी में रखने का फैसला किया है।

 

एसिड अटैक की वारदातें

धरियावद के सीता माता अभयारण्य में हुई वारदात काफी भयानक थी। उसमें एक व्यक्ति उसकी पत्नी को ससुराल छोडऩे के बहाने दोस्तों के साथ अभयारण्य में ले गया, जहां उसने पत्नी को जबरन एसिड पिलाकर छोड़ दिया। वन विभाग के कर्मचारियों ने उक्त महिला को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।

हिरण मगरी में सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के सामने दो युवकों ने स्कूटी सवार दो महिलाओं पर एसिड से अटैक कर दिया था। इसमें से एक महिला का चेहरा झुलस गया।

 

:टॉयलेट में यूज करने वाला एसिड बड़ा ही हार्म फुल होता है। यह एसिड शरीर के किसी भी भाग पर गिरने से त्वचा जल सकती है और एसिड को अगर किसी को पिला दिया जाए, तो उसका पेट फट सकता है।

-डॉ. डीपी सिंह, अधीक्षक, एमबी अस्पताल

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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