वित्तीय संकट से जूझ रही एअर इंडिया के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के 120 में से 30 वरिष्ठ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पायलटों ने इस्तीफा दे दिया है।  कंपनी में खलबली मच गई है। रिपोर्ट के अनुसार तीन साल पहले इन पायलटों के प्रशिक्षण में 15 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
ये पायलट बिना किसी सुरक्षा बॉन्ड और अनुबंधात्मक दायित्व के नौकरी छोडऩे के लिए स्वतंत्र थे। इन पायलटों ने भविष्य में दूसरी कंपनियों में बेहतर करिअर की संभावनओं को देखते हुए इस्तीफा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से दो पायलटों ने 29 जुलाई को स्पाइस जेट को ज्वाइन कर लिया है।
4 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव
इस्तीफा देने वाले पायलट सीनियर को-पायलट हैं और उन्हें 4 हजार घंटे की औसत उड़ान का अनुभव है। 
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन पायलटों के पास जितना अनुभव है उससे आधे के अनुभव में किसी भी निजी एयरलाइंस में कैप्टन बन सकते हैं।
दिक्कतों से बचने की तैयारियां शुरू
एअर इंडिया के पास ड्रीमलाइनर उड़ाने वाले लगभग 120 को-पायलट और कैप्टन हैं। इसमें से एक चौथाई के इस्तीफा देने से कंपनी को काफी दिक्कतें होंगी। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि काम प्रभावित नहीं हो इसके लिए हम बचे हुए लोगों को जल्द टे्रनिंग देकर तैयार करेंगे।
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