चीन के इस अनोखे गांव में ख़तरनाक सांपों को पालकर गुजारा करते हैं सभी.
चीन के इस अनोखे गांव में ख़तरनाक सांपों को पालकर गुजारा करते हैं सभी.

आपने किसी ऐसे गांव के बारे में सुना है जहां इंसान कम और सांप ज़्यादा रहते हों. इसमें चौंकने वाली बात नहीं है क्योंकि वाकई में एक गांव ऐसा है, जहां एक इंसान पर एक दो नहीं बल्कि तीन हज़ार सांप रह रहे हैं.

 

ये गांव चीन में है. जिसिकियाओ नामक इस गांव में अजगर, कोबरा और वाइपर जैसे ख़तरनाक सांप आसानी से इधर उधर देखे जा सकते हैं.

मोटा मोटी अनुमान है कि इस गांव में करीब तीस लाख सांप मौजूद हैं. स्थानीय आबादी इतनी कम है कि एक इंसान का तीन हजार सांप का अनुपात बैठता है.

 

स्थानीय निवासियों ने भी इन सांपों के साथ रहना सीख लिया है. ये लोग पहले खेती और मछली पालन करते थे लेकिन अब पूरी तरह सांपों पर ही आश्रित हैं. इसलिए छोटे से गांव में करीब एक सौ सैनिक फॉर्म्स हैं, जहां आप लकड़ी और शीशे के छोटे छोटे बक्सों में इन सांपों को बखूबी देख सकते हैं.

 

इनमें कई तो दुनिया के सबसे ख़तरनाक सांपों की प्रजाति से हैं. स्थानीय लोगों को जिस सांप से सबसे ज़्यादा डर लगता है वो है फाइव स्टेप स्नेक. इसका नाम फाइव स्टेप रखे जाने के पीछे भी दिलचस्प वजह है.

 

आम लोगों को मानना है कि इस सांप के काटने के बाद आपकी मौत महज़ पांच कदम चलने के दौरान हो जाती है.

 

सांप का मांस लोकप्रिय

 

सांप हमारे लिए ख़ुशी और समृद्धि लेकर आए."
सांप हमारे लिए ख़ुशी और समृद्धि लेकर आए.”

बहरहाल,यहां सापों को उसकी मांस के लिए पाला जाता है. सांप का बना मांस चीन के रेस्टोरेंट में खूब लोकप्रिय है. सांप के शरीर के दूसरे अवयवों का इस्तेमाल चीनी दवा उद्योग में ख़ूब होता है.

यहां लोग सांपों का साल भी मनाते हैं, जिसकी शुरुआत इसी हफ्ते हो रही है. स्थानीय लोगों का भरोसा है कि नए साल में उन्हें काफी मुनाफ़ा होगा.

 

कुछ दशक पहले कुछ लोगों ने मिलकर सांपों के इस गांव की नीव रखी थी. 61 साल के बुजुर्ग किसान यांग होंगचैंग गांव में सांप पालन की शुरुआत करने वालों में एक हैं. उन्होंने बताया, “नए साल में हमें दोगुना लाभ मिलने की उम्मीद है.”

 

होंगचैंग ने कहा, “सांप हमारे लिए ख़ुशी और समृद्धि लेकर आए.”

 

यांग होंगचैंग पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि युवावस्था में वे गंभीर रूप से बीमार पड़े थे और ख़ुद का इलाज करने के लिए उन्होंने पहली एक जंगली सांप पकड़ा था.

 

इसी दौरान उन्हें सांप से जुड़े कारोबार करने का ख्याल आया और उन्होंने सांपों को पालना शुरू किया. सांप से जब उनकी आमदनी बढ़ने लगी तो गांव के दूसरे किसानों ने भी ये तरीका अपनाया.

 

वैसे सांपों को पालना एक तरह से ख़तरों से भी खेलना है. यांग के मुताबिक उनके एक परिचित की मौत ख़तरनाक सांप के काटने से हो गई थी.

 

सांप पालने से यहां के लोगों की आमदनी बढ़ी है. कभी बेहद गरीब रहा ये गांव काफी संपन्न गांव में तब्दील हो चुका है. यहां के ज़्यादातर निवासी अब लखपति बन चुके हैं. जबकि इसकी शुरुआत करने वाले यांग हौंगचैंग को सलाना करोड़ों रुपये का कारोबार करते हैं.

 

दवाईयों में इस्तेमाल

 

गाँव में साँप पालना रोजगार बन गया है.
गाँव में साँप पालना रोजगार बन गया है.

उनकी कंपनी सांपों से जुड़े उत्पादों का कारोबार तो करती ही है, साथ में सांपों के भोजन और उसके अंडों की देखभाल पर रिसर्च भी कर रही है.

यांग कहते हैं, “सांपों को पालने के लिए अनुभव और तकनीक की जरूरत होती है.”

 

चीन के दवा उद्योग जगत में भी सांप का ख़ूब इस्तेमाल होता है. मरीजों की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए सांपों को सूप और शराब में डूबाकर इस्तेमाल किया जाता है.

 

यांग के सांपों के फॉर्म्स में एक दुकान ऐसी है जिसमें सांपों से बनी चीजें बिकती हैं और इसमें सांप से बना पाउडर भी शामिल है.

 

गांव के ज्यादातर लोग अभी घरेलू स्तर पर ही सांपों से जुड़े उत्पादों को बेच रहे हैं लेकिन यांग की कंपनी इन उत्पादों को जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी और अमरीका के बाज़ार में भी बेच रहे हैं.

 

बीबीसी की ओर से ये स्टोरी करने जब मैं यांग के फॉर्म्स पर पहुंचा तो वहां सैकड़ों मील की दूरी से एक आदमी अपना इलाज कराने आया हुआ था.

 

उसने बताया कि वह पिछले तीन सालों से बीमार था और चल फिर नहीं सकता था, लेकिन कुछ महीने से सांप से बनी दवा का इस्तेमाल करने की वजह से अब वह चलने फिरने लगा है.

 

उसने कहा, “ सांपों ने मुझे नया जीवन दिया है. जब मैं पहली बार यहां आया था तो सांपों से काफी डर रहा था लेकिन अब ऐसा बिलकुल नहीं है.”

सो.बी बी सी

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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