उदयपुर, पूर्व मुख्य मंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के खिलाफ निकली जा रही ‘सुराज संकल्प यात्रा ‘ ने शनिवार को उदयपुर जिले में प्रवेश किया जिसका लोगों ने गर्म जोशी से स्वागत किया , चारों ओर कमल के निशान वाले बैज, पोस्टैर, फ्लैक्सक, वसुंधरा की फोटो लगी टोपियां पहने युवा, हाथों में तख्तियां लिए महिलाएं और नारेबाजी करते ग्रामीण। कुछ ऐसा ही उत्साह का माहौल था लोसिंग से आगे कालोड़ा से लेकर गोगुंदा तक। शनिवार को वसुंधरा की सुराज संकल्पम यात्रा लोसिंग होते हुए गोगुंदा पहुंची जहां हुई सभा में काफी संख्या में लोग मौजूद थे हलाकि मंच पर स्थानीय गुट बजी के नज़ारे भी देखने को मिले।
कालोड़ा में शहर जिला, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा की ओर से सुराज संकल्पक यात्रा का भव्य स्वाडगत किया गया था जहां इतनी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं को देखकर वसुंधरा कह उठी की अगर इतनी संख्या में आये लोगों की तस्वीर जयपुर में कुछ लोगों को दिखा दी जाए तो उनकी नींद उड़ जाए। लोसिंग में बड़गांव मंडल के भाजपा नेता कैलाश शर्मा के नारे लगाते ग्रामीणों को किसी और नेता से कोई मतलब नहीं था। वहां ग्रामीण सिर्फ कैलाश शर्मा के नारे लगा रहे थे। वसुंधरा को खुद कैलाश शर्मा को अपने पास बुलाना पड़ा। पूरे रास्ते में स्वागत द्वारा लगाए गए थे वहीं विभिन्नर मंडलों के पदाधिकारियों के चित्र दर्शाते फ्लैक्सस भी दिख रहे थे। लोसिंग में अपने हाईटेक रथ में लिफ्ट के माध्यपम से रथ की छत पर पहुंची वसुंधरा ने ग्रामीणों को संबोधित किया। वहां से विभिन्न् स्थानों से होता हुआ रथ गोगुंदा पहुंचा जहां हुई सभा को पहले स्थाकनीय भाजपा नेताओं ने संबोधित किया।
सीटों में 10 तो बजट में 1 प्रतिशत क्यों?
फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप की राजतिलक स्थोली के गुणगान करते हुए कहा कि प्रताप ने 36 कौम के सरदारों को साथ लेकर अपनी सेना बनाई थी। इसी तरह वसुंधरा भी 36 कौमों को शामिल करते हुए अपनी विजय यात्रा पर निकली हैं। कांग्रेस ने 59 वर्ष तक राज किया लेकिन आम आदमी को उसका अधिकार नहीं मिल सका। प्रताप ने भी अपनी लड़ाई का बिगुल यहीं से बजाया था और आज भाजपा के स्थापना दिवस पर भी वसुंधरा अपना बिगुल यहीं से बजा रही हैं। उन्होंबने कहा कि 28 सीटों में से 22 सीटें देने वाले मेवाड़ को बजट में मात्र एक प्रतिशत मिलता है। दस प्रतिशत सीटों में योगदान देता है तो फिर बजट में सिर्फ एक प्रतिशत क्यों? और तो और मंत्रियों में भी मात्र ढाई मंत्री। मालवीया और परमार केबिनेट मंत्री हैं और मांगीलाल गरासिया तो राज्यम मंत्री। सिर्फ गाड़ी और लाल बत्तीर दे दी बाकी काम कुछ नहीं।
मेवाड़ का कर्ज है मुझ पर : वसुंधरा
वसुंधरा ने कहा कि जब मैं बाहर थी तो सुना कि खूब घोषणाएं हुई हैं। हमने सोचा कि राजस्था न का कायापलट हो गया है। जाकर देखना चाहिए लेकिन आने पर पता चला कि कुछ नहीं है। सब वैसे के वैसे ही हैं। मेवाड़ का मुझ पर कर्ज है। वर्ष 2003 में मेवाड़ ने इतिहास रचा। आज आकर देखो तो हर आदमी का मुंह उतरा हुआ है। युवा, किसान, व्यानपारी। कोई खुश नहीं है।
फीता काटो सरकार
वसुंधरा ने गहलोत सरकार को तीन नए नाम देते हुए कहा कि घोषणा सरकार, फीता काटो सरकार और कुंभकर्णी नींद में सोई सरकार है। कोई भी मांग करो तो फट घोषणा हो जाती है। हां, घोषणा करने में जाता भी क्या है। उसी प्रकार हमने पूर्व कार्यकाल में पांच वर्षों में जो काम किए थे, उसके बाद हमें वापस जनादेश नहीं मिला तो उसके बाद सारे कार्यों के फीते इसी सरकार ने काटे। साढे़ चार साल तक सोए रहे। अब चुनाव आने पर ही याद आई। अब तक कहां सो रहे थे। कुंभकर्ण भी छह माह तक ही सोता था लेकिन ये तो साढे़ चार साल तक सोते ही रहे।
संदेश नहीं क्षमा/पश्चाुताप यात्रा
कहते हैं कि मैं कहां थी। अरे मैं तो गोपालगढ़ दंगों के पीडि़तों के आंसू पोंछ रही थीं जब आप वहां नहीं थे। जोधपुर सार्वजनिक हॉस्पिटल में जब प्रसूताओं की मौत हो गई थी तब मैं वहां थी। सर्वाधिक भ्रष्टािचारी अगर कोई है तो इस सरकार के मुख्यवमंत्री। पिछली सरकार के समय बात आई थी कि कड़ी से कड़ी जोड़ो। कड़ी तो जनता ने जोड़ दी लेकिन उसका लाभ नहीं मिला।
फिर धोखा नहीं करना
वसुंधरा ने सभा में समस्या़ओं को लेकर जनता से हाथ खडे़ करवाए। फिर उन्हों।ने कहा कि हर बार की तरह इस बार मेरे साथ धोखा मत करना। हर बार कहते जरूर हो लेकिन फिर साथ नहीं देते। अगर यहां से हमारा विधायक बन गया तो मैं समझूंगी कि आपने प्रताप की राजतिलक स्थसली से मेरा राजतिलक कर दिया है। अंत में उन्होंरने जय जय राजस्थािन, नया राजस्था न और विकसित राजस्थामन के नारे भी लगवाए।