शराब तस्करी में पुलिस की दलाली का खुलासा

Date:

रिपोर्ट – मनीष गौड़ ( मददगार के क्राइम रिपोर्टर )
STORY-CARTOON-28-6-13-2-245x300उदयपुर। राजस्थान से पड़ौसी राज्य गुजरात में रोजाना हो रही करोड़ों रूपए की शराब तस्करी के कारोबार में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। पता चला है कि पुलिस फोर्स के एक दर्जन से अधिक कर्मचारी तस्करों से जुड़े हुए हैं। इन्हें क्रकांस्टेबल गिरोह का नाम दिया गया है। इन्हें कुछ अफसर भी संरक्षण दे रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांस्टेबल्स का एक गिरोह पूरी तरह से इस कारोबार में लगा हुआ है, जो शराब की ट्रकों को लूटने, पकडऩे और तस्करों से सांठगांठ कर बॉर्डर तक पायलेटिंग करने का काम तक करता है। पुलिस अधीक्षक ने ऐसे करीब चार से ज्यादा कांस्टेबल्स को नामजद करके जिला बदर करने की तैयारी कर ली है।
हरियाणा, दमन और अन्य राज्यों में निर्मित शराब को राजस्थान होकर गुजरात तस्करी करने का धंधा काफी पुराना है। इस धंधे में सर्वाधिक उदयपुर, जोधपुर और मारवाड़ के तस्कर शामिल है, जो पुलिस विभाग की क्रमेहरबानीञ्ज से बेधड़क इस कारोबार को चला रहे हैं। इस धंधे से अच्छी खासी इनकम पुलिस को होती है। इसलिए खासतौर पर इस कारोबार के लिए पुलिस अधिकारियों ने मुखबिरों की एक फौज बनाई थी, जो अब पुलिस के लिए ही परेशानी का कारण बन गई है। बहरहाल एसपी हरिप्रसाद शर्मा ने ऐसे मुखबिरों पर नकेल कसने के साथ ही इस धंधे में लिप्त चार कांस्टेबल्स को जिला बदर करने की तैयारी कर ली है। इनमें हाल ही में गिरफ्तार अनिल चौधरी, लाइन हाजिर सुमित कुमार, एक थाना क्षेत्र के एसआई और उसका कांस्टेबल बेटा शामिल है। हालांकि इस गिरोह में दस से ज्यादा कांस्टेबल है, जो शराब तस्करी में लिप्त है। उल्लेखनीय है कि शराब की ट्रक छोडऩे की एवज में ५० हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार अनिल चौधरी ने पूछताछ में एक बड़े अधिकारी का नाम लिया है, जिसकी सत्यता की जांच की जा रही है। इस संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए एसीबी चित्तौडग़ढ़ की टीम ने अनिल का दो दिन का रिमांड मांगा था। अनिल की रिमांड अवधि का आज दूसरा दिन है।

खूनी रंजिश
शराब तस्करी के इस कारोबार का नाता उदयपुर से काफी पुराना है। उदयपुर के कई बदमाश इस कारोबार में बरसों से जुड़े हैं। करीब ३० बरस पहले कुराबड़ के [quote_right]हमारी जानकारी में आया है कि कुछ कांस्टेबल शराब तस्करों के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे बदमाश कांस्टेबल्स को जिला बदर करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में आईजी साहब से भी चर्चा की गई है। -हरिप्रसाद शर्मा, एसपी उदयपुर [/quote_right]कैलाश जैन नामक शराब माफिया (अहमदाबाद का वाइन किंग) की हत्या भी केवड़े की नाल में की जा चुकी है। कैलाश जैन का संबंध अहमदाबाद के माफिया लतीफ से था, जिसकी भी कुछ बरस पूर्व एनकाउंटर में मौत हो गई। उसके बाद से लेकर अब तक कई हत्याएं हुईं, जिनमें कई मुखबिरों को जान गंवानी पड़ी। पिछले बरस गोगुंदा क्षेत्र के मुखबिर सुरेश पालीवाल उर्फ सुरेश मांजरिया की हत्या करके लाश डबोक क्षेत्र में हाइवे पर फेंक दी गई।
मुखबिर तंत्र बना मुसीबत
करीब तीन सौ करोड़ की अवैध शराब प्रतिमाह तस्करी के जरिये उदयपुर होते हुए गुजरात ले जाई जा रही है। इस कारोबार का एक बड़ा हिस्सा हड़पने की गरज से पुलिस ने जो मुखबिर तंत्र खड़ा किया था, अब वहीं तंत्र पुलिस के लिए मुसीबत बन चुका है, क्योंकि शराब तस्करी की ट्रकें पकडऩे के लिए पहले मुखबिर को २० पेटी और बाद में ५० पेटी शराब दी जाती थी, लेकिन जब मुखबिरों को लगा कि यह कम है, तो उन्होंने पुलिस के ही कुछ कांस्टेबलों के साथ मिलकर शराब तस्करों के लिए काम करना शुरू कर दिया। मासिक बंधियां बांध ली। पता चला है कि गोगुंदा के मुखबिर सुरेश मांजरिया की मंथली इनकम करीब ढाई लाख रूपए से ज्यादा थी, यह रकम तस्कर उसे ट्रकें नहीं पकड़वाने की एवज में देते थे। इसी प्रकार इस कारोबार से जुड़े सिपाहियों की मासिक इनकम भी लाखों में हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

– официальный сайт Рабочее зеркало Mostbet.1531

Мостбет казино - официальный сайт | Рабочее зеркало Mostbet ...

1Win Azerbaycan Giri v Qeydiyyat.3321

1Win Azerbaycan Giriş və Qeydiyyat ...

Glory Casino Online.6037

Glory Casino Online ...

– Официальный сайт Pinco Casino вход на зеркало.7867

Пинко казино - Официальный сайт Pinco Casino вход на...