मन-मरीचिका ने दिखाई प्रोफेसर की विरह वेदना

Date:

IMG-20130903-WA0013उदयपुर , विद्याभवन सभागार में बुधवार को मंचित नाटक ‘मन-मरीचिका’ में पत्नि के बिछोह की टीस को सालों तक मन में लिये जीवन व्यतीत करने वाले प्रोफेसर की कथा का मार्मिक और ह्रदय-स्पर्शी चित्रण किया गया। उदयपुर की सांस्कृतिक संस्था नाद्ब्रहम एवं डॉ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रंगकर्मी हेमंत पंड्या ‘दादू’ की स्मृति में आयोजित दो दिवसीय नाट्य समारोह ‘‘रंगाजलि’’ की पहली प्रस्तुति ‘‘मन-मरीचिका’’ द्वारा शहर के रंगकर्मी राकेश नायक को श्रद्धांजलि दी गयी।

स्वर्गीय हेमंत पंड्या द्वारा निर्देशित एवं परिकल्पित इस प्रस्तुति का लेखन स्वर्गीय राकेश नायक की कविताओं पर आधारित था। यह जानकारी संस्था के हेमंत मेनारिया ने दी। पाँच पात्रों वाले इस नाटक में प्रोफेसर पूरे समय मंच पर उपस्थित रहता है। जबकि उसकी प्रेयसी मुक्ता ख्वाबों में आती है। इस प्रस्तुति की खूबसूरती है कि प्रोफेसर के पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र पार्श्व में रहकर भी प्रोफेसर से सीधा संवाद करते है। प्रोफेसर के जीवन में पत्नि मुक्ता उसे छोड़ जाती है। और प्रोफेसर इस संदर्भ को भुला नहीं पाता व बार- बार ख्वाब में उसे देखता है। उसके साथ कल्पनाओं में जीवन के पलों को बांटता है। प्रोफेसर की इस स्थिति से द्रवित उनका पुत्र समझाता है कि वो अब नहीं आयेगी। यहाँ तक कि प्रोफेसर अपने पोते को भी मुक्ता के लौटने का विश्वास दिलाता है। आखिरकार एक दिन ख्यालों में मुक्ता के साथ कविता पढ़ते प्रोफेसर की मृत्यु हो जाती है।

ये दुखांत नाटक पात्रों के सटीक अभिनय निर्देशकीय कसावट के चलते दर्शकों को बांधे रखने में सफल हो सका। नाटक में प्रयुक्त संगीत प्रभाव एवं प्रकाश की छाप प्रभावी रही।

मुक्ता की भूमिका में नेहा काबरा, प्रोफेसर की कल्पानाओं में आकर प्रेम की प्रगाढ़ता का अहसास कराती है। वहीं प्रोफेसर की वेदना को नीलाभ शर्मा ने सशक्त अभिनय से अभिव्यक्त किया। पुत्र के रूप में शिवराज सोनवाल के संवादों ने जीवंत उपस्थिति का अहसास कराया। रेखा सिसोदिया ने पुत्रवधू एवं पोते का अभिनय विभांगी आमेटा ने किया। इस प्रस्तुति की विशेषता थी पं. हरिप्रसाद चौरसिया के शिष्य पं. कुसुमाकर पंड्या द्वारा दिया गया संगीत। इस प्रस्तुति के क्रिएटिव डायरेक्टर श्री शिवराज सोनवाल थे। हेमंत मेनारिया द्वारा प्रकाश व्यवस्था व महेश आमेटा की मंच सज्जा एवं रूप-सज्जा महत्वपूर्ण रही। निर्माण प्रबन्धक अनिल दाधीच थे।

नाटक के आरम्भ में अथितियो का स्वागत ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा ने किया।धन्यवाद नाद्ब्रहम के अध्यक्ष विश्वजीत पानेरी ने ज्ञापित किया।

 

नितेश सिंह

 

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

50 Totally free spins no deposit mermaids pearl uk free Revolves Also offers

ContentFree spins no deposit mermaids pearl uk: Casino appTumbling...

Ripple Craze Slot machine to try out Irish Chance 150 free spins Totally free

ContentLes dernières computers à sous similaire à Server à...

Guide away from Ra 100percent free Play the Demonstration Now

BlogsBook of Ra Position CommentBalance Sheet Conformity and you...

$fifty Or book of aztec slot machines more No deposit Incentives Finest Exclusives

PostsHelp to own Professionals: book of aztec slot machinesHow...