स्टेशन पर इन्क्वायरी टेलीफोन लगाओ नहीं तो रोजाना 5 हजार जुर्माना भरो

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1746_train-crushedउदयपुर। उपभोक्ता मंच ने रेलवे उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए अगले दो माह में उदयपुर सिटी स्टेशन पर पूछताछ के लिए टेलीफोन सुविधा शुरू करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश की पालना नहीं किए जाने पर (18 नवंबर तक) रेलवे प्रबंधन को उपभोक्ता कल्याण कोष जयपुर में 5 हजार रुपए जुर्माना प्रतिदिन के हिसाब से जमा करवाना पड़ेगा।

ट्रेनों के बारे में पूछताछ, आरक्षण टिकट निरस्त करवाने में आम उपभोक्ताओं की परेशानी को लेकर जनहित में पेश दावे पर यह फैसला सुनाया गया।

न्यायाधीश हेमंत कुमार जैन एवं मीरा गल्र्स कॉलेज में व्याख्याता पत्नी डॉ. नंदिता जैन ने अधिवक्ता विजय ओस्तवाल के जरिये 21 जुलाई 2012 को पेश किए गए दावे में किसी प्रकार की निजी राहत नहीं मांगी गई थी।

इसमें प्रतिवादी उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक, अजमेर मंडल के डीआरएम, डीसीएम तथा उदयपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक थे। उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष शिव सिंह चौहान, सदस्य वाहिद नूर कुरैशी तथा सदस्य संगीता नेपालिया ने जनहित में दायर परिवाद का निस्तारण गुरुवार को किया।

ये हैं आदेश

उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर पूछताछ के लिए 139 टोल फ्री नंबर के अलावा छह डिजिट वाला साधारण बेसिक फोन शुरू किया जाए। सामान्य टेलीफोन लगाने से रेलवे पर वित्तीय भार पड़ता हो तो डायल सिस्टम बंद करके इन कमिंग कॉल शुरू करें।

टिकट निरस्त कराने में यह आई परेशानी

परिवाद में बताया गया कि न्यायाधीश व उनकी पत्नी को आरक्षित टिकट निरस्त कराने थे। इसके लिए उन्होंने उदयपुर सिटी स्टेशन के पूछताछ कार्यालय फोन किया था, जहां पता चला कि पूछताछ के लिए सामान्य बेसिक फोन कई महीनों से बंद पड़ा है। टोल फ्री नंबर 131 तथा 132 की सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी। टोल फ्री नंबर 139 चालू पाया गया जो कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से ऑपरेट है।

जैन ने बताया कि 139 नंबर डायल करने पर सबसे पहले पूछा गया कि किस शहर के लिए पूछताछ करनी है। जवाब में उदयपुर का एसटीडी कोड 0294 डायल करना था वर्ना फोन अपने आप कट जाता था। जिस ट्रेन के बाबत पूछताछ करनी थी उसके डिजिटल नंबर यात्री को याद होने पर ही वह डायल करके पूछताछ कर सकता था। ट्रेन नंबर याद न होने पर टेलीफोन कट गया।

दंपति ने ये दलीलें दीं

देश में साक्षरता का औसत बहुत कम है। रेलवे के पूछताछ टेलीफोन की जटिल प्रणाली से यात्री का लाभान्वित होना मुश्किल है।

कंप्यूटराइज्ड सेवा का लाभ तभी मिल सकता है, जब उन्हें रेलगाडिय़ों के नंबर रटे हों जो व्यवहारिक नहीं है।

मैन्युअल सेवा बंद करने से उपभोक्ता परेशान हैं। इससे कई लोग बेरोजगार हो गए हैं।

कंप्यूटराइज्ड सेवा डायल करते हुए अचानक कट जाती है। उपभोक्ता परेशान होते हैं।

रेलवे के मुताबिक उदयपुर सिटी स्टेशन जैसे स्टेशनों पर पूछताछ सेवा उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है।

रेलवे की ओर से पेश तर्क

139 कंप्यूटराइज्ड टेलीफोन सुविधा आसान है और इससे उपभोक्ताओं को कोई परेशानी नहीं है।

 

यह मामला इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।

 

रेलवे के मामलों की सुनवाई के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल गठित है, जहां सुनवाई होनी चाहिए।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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