रंगशाला में नाटक ‘‘कैद-ए-हयात’’ मिर्जा ग़ालिब की ज़िदगी के कुछ लम्हात

Date:

Qaid-E-_Hayat-1उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में रविवार शाम डॉ. दानिश इकबाल द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘कैद-ए-हयात’’ मंचित किया गया। जिसमें मिर्जा ग़ालिब की ज़िन्दगी से जुड़े पहलुओं को दर्शाया गया।

Qaid-E-_Hayat-2 Qaid-E-_Hayatशिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित इस रंग संध्या में नई दिल्ली के नाट्य कलाकारों ने सुरेन्द्र वर्मा द्वारा रचित व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र रहे डॉ. दानिश इकबाल द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘ कैद-ए-हयात’’ का मंचन किया। नाटक मिर्जा ग़ालिब की ज़िन्दगी से जुड़ा था जिसमें एक गाम्भीयग् था। नाटक की शुरूआत में आपा ग़ालिब के घर आई है। इस दौरान दोनों बहनों की बातों से आपा को ग़लिब की मुफलिसी का पता चलता है। इस पर आपा उसे अपने साथ कलकत्ता चल कर रहने की पेशकश करती है। घर पर कोई बच्चा नहीं होने से अकेलेपन का भी जिक्र करती है। इसके बाद मिर्जा व उनके शागिर्द के बीच तखल्लुस को ले कर बहस होती है। इस बीच एक और शायर यासीन और मिर्जा के बीच शायरी की बारीकियों पर बहस होती है। मिर्जा की प्रेमिका कातीबा बेसब्री से दस्तरदान सजाती हुठ्र कातिबा की सहेली शीरी गालिब का इंतजार करती है। शीरी गालिब की शायरी और कातीबा की ीवानगी पर उसका मजाक उड़ाती है। इस बीच मिर्जा वहां आ जाते हैं। कुछ देर बातचीत के बाद कातीबा और मिर्जा अकेले में बातचीत करते हैं। इसी दौरान कातीबा गालिब से उनके लिये अपनी तड़प् का जिक्र करती है। गालिब उसे सांत्वना देने की कोशिश करते हैं। मिर्जा जब कलकत्ता से लौटते हैं तो उनकी पेशन में कोई इजाफा नहीं हुआ होता है और कर्ज बढ़ जाता है। यहां तक कि चांदनी चौक का महाजन उन पर तहिला करवा देता है व उनके घर छोड़ने की नौबत आ जाती है व उन्हे गिरफ्तार कर लिया जाता है।

इसके बाद मिर्जा की शायरी छूट सी जाती है वे घर में रहते है इसी दौरान शीरी आ कर कातीबा का हाल बताती है इससे मिर्जा बचैन हो उठते हैं मिर्जा उसके पास जाने के लिये कालू से रास्ते की मालूमात करने को कहते हैं मगर इसी बीच कालू आकर कातीबा की मौत की खबर सुनाता है। नाटक में मिर्जा की शायरी के कसीदे बखूबी संवाद में शामिल किये गये कुछ पर दर्शकों ने वाहवाही भी की। नाटक की प्रकश व्यवस्था दृश्यों के अनुकूल बन सकी वहीं दृश्यों की रचना ने दर्शकों को बाधे रखा। कलाकारों में खुद दानिश इकबाल ने मिर्जा के किरदार में अपनी भारी-भरकम आवाज़ से जादू किया वहीं कातीबा की भूमिका में निधी मिश्रा का अभिवनय भावपूर्ण व सशक्त बन सका। आपा के रूप में डॉ. शादन अहमद, कललू की भूमिका में विशाल चौहान, उमराव के रूप में सबिका अहमद, यासीन के किरदार में मोहमद इकराम व शिरीन की भूमिका में मेघना आनन्द का अभिनय श्रेष्ठ बन सका।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

bet-at-home Slots Maklercourtage Code, 100 sofort Casino online Voucher Julei 2025

ContentSofort Casino online - Bet-at-home Sportwetten – Registrierung &...

Secret of the Stones aufführen, Freude haben and Erlangen!

ContentSecret of the Stones Slot Verbunden Play Secret of...

Slots Over 1 Fashion no deposit gratis spins Euro Voorschot Buikwind noppes poen in online speculeren

VolumeNo Deposit Verzekeringspremie Gedurende Betnation - Fashion no deposit...

Darmowe Raging Bull 50 free spins welcome bonus no deposit Automaty On the web 32,178 Slotów ZA DARMO!

ContentRaging Bull 50 free spins welcome bonus no deposit...