उदयपुर संभाग में मूल रूप से मुसलमान कांग्रेस के साथ हैं !

Date:

muslim
उदयपुर , पिछले एक दशक में हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों के बीच कुछ थोडी बहुत पैठ बनाई है लेकिन उदयपुर में कांग्रेस की मुसलमानों पर मजबूत पकड बरकरार है। जुलाई २०१० में उदयपुर जिले में खैरवाडा के पास सराडा गांव में मुसलमानों के विरुद्घ हिंसा की जो घटना घटी थी उसने कांग्रेस को मिलने वाले मुस्लिम समुदाय के समर्थन को प्रभावित नहीं किया है।
muslim1मुस्लिम छीपा समाज, उदयपुर, के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवत्त*ा मोहम्मद शरीफ छीपा ने कहा, ’’जहाँ तक मुसलमानों का प्रश्न है, भाजपा विकल्प नहीं है।’’
उन्होंने आगे कहा, ’’उदयपुर में मुसलमान अधिकतर गरीब और शिक्षा की दृष्टि से पिछडे हुए हैं और महसूस करते हैं कि उनकी प्रगति के लिये शैक्षणिक उन्नति आवश्यक है। हालांकि बहुत कुछ करने की आवश्यकता है लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों की मदद के लिये कुछ योजनायें शुरु करके एक शुरुआत की है।’’
शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय एन जी ओ, लाइफ प्रोग्रेसिव सोसाइटी, के अध्यक्ष डा. खलील मोहम्मद अगवानी इस बात से सहमत थे कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक पिछडे होने के कारण उदयपुर के मुसलमानों को शैक्षणिक उन्नति के लिये सहायता की आवश्यकता है।
राष्ट्रदूत जिन लोगों के साथ साक्षात्कार किया उनमें से कई लोगों ने इस भावना की पुष्टी की। तथापि, पिछले एक दशक में, कुछ मुस्लिम एक्टिविस्ट भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया के व्यत्ति*गत प्रयासों के कारण भाजपा में शामिल हुए हैं।
इनका मानना है कि उदयपुर में मुस्लिम नेतृत्व क्रब्रिस्तान, मस्जिद तथा दरगाहों के मुद्दों के आगे देख ही नहीं रहा है। समुदाय की $जरुरतों और मांगों के प्रति समुदाय का जो रुख है उसे लेकर अपनी चिंता जताते हुए एक युवा मुस्लिम एक्टिविस्ट, इकराम रशीद कुरैशी ने कहा, ’’हमें अपना सोच ब$डा करने की $जरुरत है और इन मुद्दों से आगे ब$ढकर सोचना चाहिये।’’
इकराम रशीद कुरैशी भाजपा प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्षों में एक हैं।
इकराम रशीद ने कहा, ’’समुदाय की आकांक्षाओं और उम्मीदों को ऐसे मुद्दों तक सीमित करने से हमारी दृष्टि संकीर्ण होती है। हमें समग्र विकास की कल्पना करनी चाहिये, जो कि उस समिति में संभव नहीं, यदि समुदाय भाजपा को अनदेखा करता है। क्योंकि भाजपा एक ब$डी राजनीतिक ताकत है।’’
उदयपुर जिले में आठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें से २००८ में कांग्रेस ने सात तथा भाजपा ने एक सीट जीती थी। मुस्लिम मतदाता मुख्यत: उदयपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में केन्द्रित हैं, जहाँ इनकी संख्या लगभग ३२ ह$जार है, जबकि उदयपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में करीब १० से १२ ह$जार मुसलमान हैं।

3
सन् २०१० जुलाई में उदयपुर जिले के सरा$डा गांव में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से जहाँ राज्य के विभिन्न भागों के मुसलमान उत्तेजित हुए, वहीं उदयपुर के मुस्लिम एक्टिविस्ट इस घटना को कुछ दूसरी तरह से देखते हैं।
यह घटना २५ जुलाई, २०१० को घटी, जब आदिवासियों के एक झुण्ड ने सरा$डा गांव में मुसलमानों के करीब ७० घरों को लूटा और आग लगा दी। यह घटना एक आदिवासी, शराब विक्रेता मोहन मीना की ३ जुलाई को हुई हत्या को लेकर मुसलमानों और आदिवासियों के बीच पैदा हुए तनाव का नतीजा थी। कथित रुप से शराब के नशे में हुई ल$डाई में एक शह$जाद खान ने मोहन मीना की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने ९ जुलाई को गुजरात से शह$जाद खान को गिरफ्तार कर लिया लेकिन आदिवासी खुश नहीं थे तथा बदला लेना चाहते थे। बातचीत के माध्यम से मुस्लिम और आदिवासी समुदायों के बीच सामान्य स्थिति बहाल करने के निरन्तर किये जा रहे प्रयासों के बावजूद तनाव बना रहा।
एक पंचायत के बाद २५ जुलाई को आदिवासी समुदाय ने मुस्लिम घरों पर हमला कर दिया। छितरे हुए घरों में रह रहे मुस्लिम परिवारों ने पहले ही अपने घरों को छो$डकर पुलिस स्टेशन में पनाह ले ली थी। उनकी अनुपस्थिति में घरों को लूटा गया तथा करीब ७० घरों में आग लगा दी गई।
२६ जुलाई को, आदिवासियों की तरफ से और अधिक हिंसा की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इन मुस्लिम परिवारों को उस क्षेत्र से बाहर भेज दिया तथा बाद में उन्हें उदयपुर लाया गया।
मुस्लिम मुसाफिर खाना, उदयपुर, के अध्यक्ष इब्राहिम खान ने कहा, ’’सरा$डा से करीब १५० मुसलमान उदयपुर लाये गये और यहाँ उन्हें एक सामुदायिक भवन में रखा गया।’’ उन्होंने आगे कहा, ’’जिन मुसलमानों को उदयपुर लाया गया वो अधिकतर वही थे जिन्होंने पुलिस स्टेशन में शरण ली थी।’’ उन्होंने आगे कहा कि हालांकि तत्कालीन गृह मंत्री, शांति धारीवाल एवं राजस्थान मदरसा बोर्ड चेयरमैन फ$जालुल हक इन लोगों से मिलने आये और उनकी शिकायतें सुनीं, लेकिन भोजन तथा अन्य आवश्यकताओं को स्थानीय मुसलमानों ने पूरा किया, जिनमें प्रमुख थे हाजी अब्दुल गफूर मेवाफरोश।
जिस तरीके से मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने राज्य की राजधानी जयपुर में इस मुद्दे को उठाया उसकी कई लोगों ने आलोचना की। एक एक्टिविस्ट ने कहा, ’’जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार को पूरी तरह से दोषी ठहराने के चक्कर में इन नेताओं ने ना तो स्थानीय सामाजिक असलियत को समझा ना ही इस तथ्य को पहचाना कि अत्यधिक उत्तेजित माहौल के बावजूद घटना में एक भी मुसलमान ना तो घायल हुआ ना ही मरा।’’
उदयपुर के एक और एक्टिविस्ट, ने कहा, ’’यह संभव नहीं हो सकता था, यदि पुलिस तथा जिला प्रशासन ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया होता, और यह तथ्य, कि पुलिस ने मुसलमानों को पूरी सुरक्षा दी और आक्रामक आदिवासी उन पर हमला नहीं कर पाये, दर्शाता है कि वहाँ पर मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये पुलिस ने कार्यवाही की।’’
एक स्थानीय मुस्लिम पत्रकार ने कहा ’’लोग, विशेषकर वे लोग जो नेतृत्व पाने का दावा कर रहे हैं, उन्हें हिंसा रोकने के लिये अधिकारियों द्वारा किये गए प्रयासों को पहचानना चाहिये। प्रशासन और पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर जैसे अधिकारियों के कार्य का निर्णय केवल नतीजों के आधार पर नहीं करना चाहिये।’’
यह मुसलमान करीबन १५ दिन की अवधि में सरा$डा लौटे हैं। दंगाइयों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं और लूट, आगजनी एवं दंगा करने के लिये करीबन ६० आदिवासी गिरफ्तार किये गए हैं।
इसके बाद जो मुद्दा शेष रहता है वह संपदाओं की हानि के लिये बेहद कम मुआवजे का है।
इस मुद्दे पर न$जरिया पेश करते हुए इब्राहीम $खान ने कहा कि सरा$डा में मुसलमान पठान पल्टन के वंशज हैं जो आक्रामक रुप से स्वतंत्र आदिवासियों में व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये पुराने मेवा$ड राज्य में सेना के हिस्से के तौर पर यहां तैनात की गई थी। इस क्षेत्र में एक $िकला भी है जो पूर्व कालीन मेवा$ड रियासत के सबसे उद्घंड अपराधियों के कारागार के रुप में काम आता था।
इब्राहीम $खान ने कहा ’’आदिवासी मानसिकता में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अब भी मुसलमानों के बारे में समझ को आकार देती है।’’ उदयपुर दिखाता है कि जब समाज और इसकी सोच को देखने की बात आती है तो अनेक न$जरिये होना मुमकिन है और जो दृश्य के न$जदीक होते हैं वे अक्सर वह तथ्य देख पाते हैं जो दूर के स्थानों के लोगों द्वारा अनदेखे कर दिये जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Betfred Accumulator How to Put You to With your Effortless Publication

BlogsWhat goes on if the a game title try...

Lobstermania Android: 100 percent free APK year of the monkey online slot machine Download

ArticlesLobstermania Position Approach | year of the monkey online...

7 internet kasino taktik att lite fria grejer ett hem i brevlådan

ContentCashback online – Lite tilläg på samtliga förvärv ni...