देखते ही देखते मलबे में बदल गई तीन मंजिला इमारत,

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7689_49उदयपुर. गोवर्धन विलास क्षेत्र की सड़क सीमा में आ रहे बोटल नेक एरिया से यूआईटी ने सोमवार को सात घंटे में 14 मकान ध्वस्त कर दिए। शाम होते-होते 25 फीट चौड़ी बोटल नेक 80 फीट चौड़ी ब्रॉड नेक में बदलने की राह आसान हो गई। हालांकि अभियान मंगलवार को भी चलेगा और अभी मलबा हटाया जा रहा है। यूआईटी दल सुबह साढ़े पांच बजे तैनात हो गया। मकानों को ढहाते देखने आसपास के लोग भी जमा हो गए। शाम तक चली कार्रवाई में यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि मलबा साफ करने के बाद गिट्टी बिछाने के बाद रोड के दोनों तरफ नालियां बना दी जाएंगी।

7686_487683_477677_457680_467694_51 7692_50गौरतलब है कि बोटल नेक के दायरे में 40 पक्के निर्माण आ रहे थे। 26 मालिकों ने पहले ही अपने मकानों में लगी आवश्यक सामग्रियां निकाल ली थी। इस कार्रवाई से पहले यूआईटी सचिव ने स्टॉफ के साथ एक्शन प्लान तैयार किया और यह समझाया की किस तरह इस अभियान को सफल बनाना है। दल में शामिलजाप्ते को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए।

15 मिनट में कई बार बढ़ी धड़कनें : कार्रवाई में पोकलैंड पहला मकान गिराने आगे बढ़ा तो लोगों की धड़कनें बढ़ गईं। जैसे ही पोकलैंड ने मकान के पिलर गिराए कि सहमे लोगों की आंखें खुली रह गई। अब मकान चार पिलर पर था। जैसे ही पोकलैंड ने मकान दो पिलर को टक्कर मारी की मकान के गिरने की आवाज लोगों के कानों में काफी देर तक गूंजती रही। उसके बाद क्षेत्र में उड़ी धूल से लोग काफी परेशान रहे। यह कार्रवाई महज 15 मिनट में पूरी कर ली गई। कार्रवाई के दौरान जब तीन मंजिला भवन गिराया तब इस भवन के हिलने से अधिकारियों के चेहरे पर भी चिंता के भाव दिखे। सफलतापूर्वक इस भवन को गिराने पर पोकलैंड ऑपरेटर को नकद इनाम दिया गया।

बिजली गुल : क्षेत्रवासियों को बोटल नेक कार्रवाई की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई शुरु होने से पहले ही क्षेत्र की बिजली बंद कर दी गई। ताकि कोई दुर्घटना न हो। ऐसे में क्षेत्रवासियों की समस्या और बढ़ गई।

आगे क्या : जाम व हादसों पर लगेगा अकुंश
गोवर्धन विलास में बोटल नेक की स्थिति साफ होने से अब जाम और होने वाली दुर्घटनाओं पर ब्रेक लगेगा। अहमदाबाद हाईवे पर जाने के लिए शहर से गोवर्धन विलास होकर ही गुजरना पड़ता था, ऐसे में दिन में कम से कम दो बार जाम लग जाता था। रात में बोटल नेक के कारण सामने से आते वाहन का पूर्वानुमान नहीं हो पाता था इसके चलते दुर्घटनाएं भी होती थीं। बोटल नेक हट जाने से काफी राहत मिलेगी।

समझौता व कार्रवाई दोनों भाजपा सरकार में
गोवर्धन विलास में कार्रवाई के साथ एक संयोग भी जुड़ा। प्रभावित लोगों व यूआईटी के बीच समझौता वसुंधरा के गत कार्यकाल में हुआ और अब कार्रवाई भी वसुंधरा सरकार में हुई है। दरअसल, पारस से बलीचा मार्ग चौड़ा करते समय गोवर्धन विलास में विरोध होने से सड़क चौड़ी नहीं की जा सकी थी। यूआईटी के तत्कालीन चेयरमैन शिव किशोर सनाढ्य के समय फरवरी 2008 में समझौता समिति बनाई गई थी। अगस्त 2008 में तय किया कि जिन लोगों के भवन, दुकान या जमीन सड़क सीमा में जाएंगे, उन्हें उसके बदले ट्रांसपोर्ट नगर, गोवर्धन विलास में भूखंड दिए जाएंगे। इसके बाद सरकार बदल गई थी।

क्या है बोटल और ब्रॉडनेक ?
सड़क की निर्धारित चौड़ाई के बीच जब पक्के निर्माण हो जाते हैं तो वहां सड़क की चौड़ाई संकरी हो जाती है। जिसे बोटल नेक की कहा जाता है। इसी तरह जहां सड़क अपनी निर्धारित चौड़ाई में होती है उसे ब्रॉड नेक कहा जाता है।

यह भी जानिए
पड़ोसी के नुकसान पर मिलता है मुआवजा
ऐसे कार्रवाई में पड़ोसी के भवन को नुकसान होता है तो उसे मुआवजा दिया जाता है। इससे पहले पड़ोसी को यूआईटी में शिकायत करनी पड़ती है। उसकी शिकायत का आकलन करवाया जाता है। उसके बाद मुआवजा तय होता है। अंतिम चरण में ट्रस्ट की बैठक में अनुमोदन कर संबंधित व्यक्ति को मुआवजा दिया जाता है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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