हम पी रहे है धीमा ज़हर – सरकार लापरवाह

Date:

उदयपुर। प्रदेश में सरकार की लापरवाही व अनदेखी के चलते उदयपूर साहित राजस्थान की १६ जिले धीमा जहर पीने को मजबूर है। केन्द्र सरकार के नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल फ्लोरोसिस (एनपीपीसीएफ) के तहत कराए गए सर्वे में राजस्थान के आधे यानी 16 जिले फ्लोराइड से प्रभावित पाए गए हैं। जिसमे अकेले मेवाड़ में उदयपुर, राजसमन्द, डूंगरपुर,और बांसवाड़ा शामिल हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि राजस्थान की राजधानी जयपूर भी षामिल हैं ।

सर्वे के दौरान मेवाड़ के इन चार्ज जीलों मे सात हज़ार से अधिक व जयपुर में में पांच हजार से अधिक लोग फ्लोरोसिस बीमारी से प्रभावित पाए गए हैं। इस समस्या पर नियंत्रण के उपायों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों की दिल्ली में नौ जुलाई को राष्ट्रीय स्तर की बैठक होगी ।

एक पीपीएम से भी अधिक पाया गया फ्लोराइड का मानक स्तर :
गौरतलब है देश के 19 राज्यों के लोग भूजल में मिला फ्लोराइड नामक धीमा जहर पीने को मजबूर हैं। एनपीपीसीएफ की सर्वे रिपोर्ट में राजस्थान के भूजल में फ्लोराइड का मानक स्तर एक पीपीएम से भी अधिक पाया गया है, जिससे लोग हड्डियों की कमजोरी, पीले दांत, दांत गिरना, जोड़ों व घुटनों व कमर दर्द, झुककर चलना, कब्ज, भूख ज्यादा लगना, पेशाब ज्यादा आना, पेट दर्द, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार ने अधिकतर जिले प्रभावित होने के बावजूद आज तक फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम नहीं चलाया।

क्‍या है फ्लोरोसिस:
पीने के पानी में एक पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड का लगातार सेवन करने से दांत, हड्डी व शरीर के अंगो में विकार उत्पन्न होने को फ्लोरोसिस कहते हैं।

राजस्थान में कौन कौन से जिले प्रभावित:
उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, टोंक, जैसलमेर, नागौर, भीलवाड़ा, पाली, दौसा, सीकर, जालौर, चूरू इसके अलावा सवाई माधोपुर भी प्रभावित है, जहां पर सर्वे चल रहा है।

सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े
-16 जिलों के दो हजार 37 स्कूलों में पढ़ने वाले 86 हजार 594 बच्चों तथा कॉलोनी के लोगों का सर्वे किया गया
-यूरीन के सैंपल जांच में एक पीपीएम से अधिक 4631 तथा एक पीपीएम से कम 1579 केस
-पानी के 1-3 पीपीएम तक 1115, तीन से पांच पीपीएम के 209 तथा पांच पीपीएम से अधिक 69 केस
-कन्फर्म केस 91
दो करोड़ की दवा व उपकरण खरीदने के लिए लिखा है: स्टेट नोडल अधिकारी
एनपीपीसीएफ के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. रामावतार जायसवाल का कहना है कि बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को करीब दो करोड़ रु. की आवश्यक दवाएं, सर्जिकल एवं अन्य उपकरण खरीदने के लिए लिखा है।

पानी में एक पीपीएम से कम फ्लोराइड सामान्य
पानी में एक पीपीएम से कम फ्लोराइड सामान्य माना जाता है। एक से ज्यादा होने पर खतरनाक है। पांच साल तक लगातार पानी पीने से से दांत खराब, 10 से 15 साल तक पानी पीने पर हड्डियों में बदलाव एवं 20 साल से अधिक पीने पर स्पाइनल कॉर्ड की संरचना में बदलाव आ जाता है।

इससे ऐसे बचा जा सकता है :
-आरओ सिस्टम का पानी पीने से फ्लोराइड की मात्रा करीब आधा से कम हो जाती है।
-स्टील के बर्तन के बजाय कांच के गिलास में पानी पीना चाहिए। कांच में सिलिका होने से फ्लोराइड अवशोषित हो जाता है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Bloodstream Suckers Megaways Position Review by the Betting titanic online casinos Zone

ArticlesTitanic online casinos - Blood SUCKERS Slot step one$...

Kasyno mrbetvip com Bez Depozytu 2025 Darmowy bonus w kasynaсh

ContentMrbetvip com | Porady tyczące ubiegania się o nadprogram...

Bobby 7’s Video slot Demonstration golden unicorn $1 deposit Gamble and online Gambling enterprises

ContentGolden unicorn $1 deposit - Says with Courtroom Gambling...