शिल्प बाजार में जमने लगा रंग

Date:

उदयपुर, 24 दिसम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव-2011 में शनिवार को हाट बाजार में लोगों की आवक में इजाफा देखने को मिला वहीं लोगों ने जम कर खरीदारी की।

शिल्पकारों को कलात्मक उत्पादों के विक्रय के लिये बाजार उपलब्ध करवाने तथा शिल्पकला को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित उत्सव के चौथे दिन दोपहर से ही बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम पहुंचना शुरू हो गए तथा शाम तक हाट बाजार में लोगों की रौनक बढ़ गई। हाट बाजार में लोगों ने तीर कमान, पत्थर की मूर्तियाँ, कश्मीरी शॉल, नमदे के बने पायदान, कम्पास, दूरबीन, जूट के बैग्स, जूट के कलात्मक नमूने, कॉटन शर्ट्स, लैदर के बने पर्स, बेल्ट, जैकेट, बाड़मेरी पट्टू, कच्छ के वूलन शॉल, कश्मीर के ऊनी शॉल, मफलर, मिट्टी के कलात्मक पॉट्स, इत्र, मधुबनी पेन्टिंग्स, मिनियेचर पेन्टिंग्स, बर्ड्स आदि खरीदे।

मेले में ही मशक वादको ने मशक वादन से लोगों का ध्यान खींचा वहीं बाँस पर चलते बाजीगर से लोग हंसी मजाक करते नजर आये। मेले में ही बहुरूपिया कलाकारों ने लोगों का खासा मनोरंजन भी किया।

मेले में ही लोगों ने कला निवास के समीप बैठे कलाकार से अपना स्कैच बनवाया। इस दौरान चित्रकार जहां तल्लीनता से चित्रांकन कर रहा था वहीं आवक्ष बनाने वाले हंसी ठठ्ठा करते नजर आये। मेले में ही लोक प्रस्तुतियों को देखने के लिये विभिन्न चोपालों पर लोगों का हूजूम सा एकत्र हो गया वहीं खान-पान के स्टॉल्स पर चटखारे लेते लोग देखे गये। मेले में की मक्की की पापड़ी, सरसों की साग, बाजरे की रोटी, ढोकलों तथा मक्का की राब का लोगों ने धूप में बैठ कर रसास्वादन किया। बाड़मेर के लोक गायक गाजी खां मांगणियार ने मेले में जब अपने गीत गाये तो कई आगंतुक थिरक पड़े।

गुजरात दिवस पर रंगीळो गुजरात, रसीलो गुजरात की झलक भवाई ने रंग जमाया,

शिल्पग्राम उत्सव के चौथे दिन शनिवार की शाम राजस्थान के पड़ौसी राज्य गुजरात को समर्पित रही। इस अवसर पर रंगीलो व रसीलो गुजरात का रंग मंच पर सतरंगी छटा बिखेरता नजर आया। इस अवसर पर गुजराती संस्कृति का प्रतीक गरबा के के दो रूप तथा आदिम संस्कृति को दर्शाता डांगी नृत्य व गुजराती भवाई ने दर्शकों को गुजरात की लखूटी संस्कृति से रूबरू करवाया।

रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरूआत केरल के तिरूवातिरा से हुई इसके बाद महाराष्ट्र के आदिवासी कलाकारों ने सौंगी मुखवटे से दर्शकों को आल्हादित कर दिया। रंगमंच पर रजत जयन्ती वर्ष में उत्सव में विशेष रूप से मनाये जा रहे राज्य दिवसों की श्रंखला में शनिवार को गुजरात दिवस की शुरूआत अर्वाचीन गरबा से हुई। गुजरात सरकार के युवक सेवा एवं सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग की ओर से प्रेषित दल की गुजराती बालाओं ने शीश पर पीतल के बेड़े धारण किये गुजराती बालाओं ने अपने मंथर थिरकन से दर्शकों पर देवी उपासना के रंग से सराबोर कर दिया।

इसके बाद सौराष्ट्र के नर्तकों ने मेर रास की सुरम्य प्रस्तुति से अपने अंचल की छाप छोड़ी। श्वेत केड़िया व चोरणी व शीश पर फैंटा धारण किये नर्तकों ने तेज गति से अपने नर्तन और आपसी सामंजस्य से दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इसके बाद गुजारत के बहुरूपी कलाकारों ने मंच पर अपनी कला दिखाई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

The greatest Public Gambling Web site On the internet!

ContentGood for Cellular Playing: Cafe Gambling enterpriseDaVinci's Silver IncentivesGames...

Bier Haus Casino slot games, Free Enjoy inside the Demo Secret Slots casino signup bonus from the WMS

ArticlesBier Haus Examined by the Casinogamesonnet.com - Secret Slots...

Greatest On-line casino Sites within casino gala sign up bonus the Uk Required Online casinos 2025

ArticlesCasino gala sign up bonus: As to why 888poker...

Flames Joker Slot machine: Start electric spins casinos uk To try out On the internet Free of charge Now

ContentAdded bonus Controls - electric spins casinos ukControls out...