कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ

Date:

DSC_0179

DSC_0214 उदयपुर , भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली उदयपुर द्वारा खण्ड -टप् के कृषि विज्ञान केन्दों की दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में हुआ। इस कार्यशाला में राजस्थान व गुजरात के 20 निदेशक प्रसार व 70 कार्यक्रम समन्वयकों भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एस. एल. मेहता पूर्व कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों की देश के कृषि विकास में अहम् भूमिका है और उन्होनें कृषकों को संदेश देते हुए कहा कि “जो हमसे जुडेगा उसे हम लखपति बनाएगें” एवं “जो हमसे जुडेगा उसकी तकदीर बदलेंगे”। यह तभी सम्भव होगा जब कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि में नवाचार का प्रयोग करेगें तथा इन केन्द्रों पर फलों एवं फलों के मातृ बगीचे, तकनीकी पार्क, इत्यादि स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं उद्यानिकी के साथ ही साथ मधुमक्खी पालन का भी इस क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं यदि किसान एकीकृत व समन्वित रूप से इसे अपनाता है तो उसे आर्थिक सम्बल मिलेगा।
खण्ड -टप् के क्षेत्रीय परियोजना प्रबंधक प्रो. वाई. वी. सिंह ने सदन को जानकारी दी कि इस वर्ष मेें कृषि विज्ञान केन्द्रों ने 40,000 प्रक्षेत्र परीक्षण किये जिसके अन्तर्गत 350 कृषि तकनीकियों का परीक्षण किया गया, 21,000 प्रथम प्रक्षेत्र प्रदर्शन भी आयोजित किए गए। 1 लाख से अधिक कृषकों को प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
प्रो. आई. जे. माथुर निदेशक प्रसार, मप्रकृप्रौविवि, उदयपुर ने सभी आंगतुकों का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र को अपने-अपने केन्द्र पर कृषि सम्बन्धी विशेष स्थानीय महत्व की गतिविधि लेकर अपनी अलग पहचान बनानी चाहिये। जल, फसल उत्पादन मेें महत्वपूर्ण घटक है अतः इसे बचाना चाहिये। इस हेतु कृषि विज्ञान केन्देां को “जलवायु अनुरूप कृषि पर राष्ट्रीय पहल की परियोजना“ द्वारा विकसित की गई तकनीकियों का समावेश करना चाहिये ताकि जल का समुचित व दक्षतापूर्ण उपयोग हो सकेें। उन्होनंे कहा कि आज आवश्यकता है कि कृषक अपना व्यापारिक संघ बनाए इससे कृषक समुदाय की आर्थिक समृद्वि मंे विकास होगा। कार्यशला के संयोजक डॉ. एस.एस.राजपूत ने बताया कि कार्यशाला के दौरान डॉ. ए.एम. पारखीया, निदेशक प्रसार, जूनागढ़, कृषि विश्वविद्यालय, जूनागढ व डॉ. एस. एस. तोमर, निदेशक प्रसार, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा ने गुजरात एवं राजस्थान में कृषि क्षेत्र में की गई नवाचार गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पियुष जानी ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन सभी कार्यक्रम समन्वयकों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों को चित्तौडगढ कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उसे जुड़े प्रगतिशील किसानों के प्रक्षेत्र का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया जायेगा एवं कार्यशाला का समापन सत्र् भी आयोजित किया जायेगा कार्यक्रम का संचालन डॉ. लतिका व्यास एवं धन्यवाद डॉ. एम. एस. मीणा ने दिया।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

ᐈ Star Trek The Next Generation Slot: Jogue Acostumado que Analisadas Por SlotsCalendar

ContentPosso bempregar giros dado adjunto com outros bônus?Cuia arruíi...

Single deck Black-jack Las vegas Legislation and you may Strategy

PostsVegas Web based poker Contest Collection June 2025Hitting, Condition,...

10 MELHORES Comércio criancice Produtos para Demanda como Pesca acimade Belém, PA

ContentMÁQUINAS Infantilidade PRINGLESmáquinas de flippersMatraquilhos XXLAderir atitude abrasado mouse...

Aloha! Team Will pay Position Explore 96 42% RTP and you can win as much as £ten,000

PostsCrappy RTP, end this type of gambling enterprises This...