बंधक बने हुए है जनप्रतिनिधि

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electionRPJHONL004211220148Z42Z16 AMउदयपुर । जिन जन प्रतिनिधि को जनता ने अपना वोट देकर चुना है वह पिछले चार दिनों से बंधक बने हुए दर दर भटक रहे है | बड़ी राजनैतिक पार्टियों ने पिछले चार दिनों से जन प्रतिनिधियों को एक तरह से बंधुआ मजदूर की तरह कैद कर के रखा हुआ है | पंचायती राज चुनाव के आखरी चरण के बाद से ही पंचायती समिति सदस्य और जिलापरिषद सदस्यों के प्रत्याशियों को भाजपा कांग्रेस के नेता एक तरह से बंधक बनाये हुए | सैर सपाटे के नाम पर दर दर भटका रहे है | पिछले चार दिनों से रातों रात अपने अपने घर से उठाये गए ये जन प्रतिनिधि अब अपनी मालिक मर्जी के मालिक नहीं है, इनको पार्टी के पदाधिकारियों के रहमो करम पर रहना पढ़ रहा है | गुरुवार को होने वाली मतगण्ा के बाद ही बाड़बंदी में बंद इन प्रतिनिधियों को सामने लाया जाएगा |
सूत्रों के अनुसार 17 पंचायत समिति के इन प्रत्याशियों को तीन दिन से लग्जरी गाडिय़ों में जगह-जगह घुमाया जा रहा है। दो दिन पहले भाजपा की ओर से गई दो लग्जरी बसों में ये जनसेवक अंबाजी दर्शन के बाद माउंट आबू के राजपुताना रिसोर्ट में एक दिन के लिए ठहरे लेकिन सर्दी ज्यादा होने के कारण उनको गुजरात ले जाया गया। मंगलवार को अहमदाबाद के पास सुरती रिसोर्ट में दिनभर रुकने और नजरबंद रखने के बाद उन्हें गुजरात में ही किसी भाजपा नेता के फार्महाउस में रखा हुआ है। इन जन प्रतिनिधियों के साथ शहर और देहात के कई भाजपा पदाधिकारी भी है। इनमें प्रमोद सामर, देहात जिलाध्यक्ष तख्तसिंह शक्तावत, युवा मोर्चा के गजपालसिंह और कई पदाधिकारी शामिल है। दूसरी और कांग्रेस ने भी अपने सभी समर्थक प्रतिनिधियों को तीन बड़ी लग्जरी गाडिय़ों और पांच छोटी लग्जरी कारों में सैर-सपाटे के लिए भेज दिया है और पिछले चार दिन से यह सैर-सपाटा चल रहा है। जानकारी के अनुसार चार दिन पहले गौरेला स्थित जगत रिसोर्ट पर सभी को जमा किया गया था। उसके बाद उन्हें बांसवाड़ा जिले में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया
अगर सूत्रों की माने तो कई जन प्रतिनिधि के समर्थक और घर वाले एक तो उनके चार दिन से गायब होने को लेकर परेशान है, दूसरी तरफ जिन समर्थकों ने बिना किसी पार्टी के मोह के चुनाव प्रचार में सहायता की उनका कहना है कि यह बड़ी पार्टी वालों की एक तरह से दादागिरी और दबंगई है कि जिन प्रतिनिधियों को जनता चुन रही है, उन्हें खुद अपनी मर्जी का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार नहीं है। पिछले चार दिनों से किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सूत्रों की मानें तो एक पार्टी ने सभी प्रत्याशियों के मोबाइल ले लिए है और अगर कोई अर्जेंट कार्य है तो दिन में एक बार घर पर बात करवा दी जाती है। उल्लेखनीय है कि पंचायतीराज चुनाव में इस बार अधिकतर जगह कांग्रेस के सरपंच बने हैं। इससे हवा का रूख कांग्रेस की ओर दिखाई दे रहा है। और उनकी सेवा में बांसवाड़ा के कद्दावर नेता महेंद्रजीतसिंह मालवीया के कार्यकर्ता लगे रहे। कांग्रेस सूत्रों की माने तो बांसवाड़ा से उन्हें दो दिन के सैर-सपाटे और गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटन स्थलों पर भेज दिया गया है। गुरुवार को गणना के पहले सभी को लाया जाएगा।

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