चुनाव होता तो अहारी के लिए होती मुश्किल

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उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में केंद्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद पर भले ही एबीवीपी का प्रत्याशी सोनू अहारी हथकंडों से निर्विरोध निर्वाचित हो गया है, लेकिन कल आए चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया है कि अगर अध्यक्ष पर के लिए मतदान होते, तो सोनू अहारी जीत मुश्किल थी, क्योंकि उपाध्यक्ष के पद पर निर्दलीय का जीतना और सबसे ज्यादा मतदाताओं वाले कॉमर्स कॉलेज में एनएसयूआई के प्रत्याशी जीत सोनू अहारी की अप्रत्यक्ष हार दर्शाती है।
एबीवीपी को अपनी हार का पहले ही आभास था। इसीलिए कूटनीति चालें चलकर एनएसयूआई के रौनक पुरोहित को रास्ते से हटा दिया और सोनू अहारी निर्विरोध निर्वाचित हो गया। अगर चुनावी नतीजों पर गौर करें, तो रौनक पुरोहित की जीत तय थी। इस जीत से एबीवीपी के पदाधिकारी और उदयपुर के चुनाव प्रभारी आशंकित थे, इसीलिए उन्होंने बजाय चुनाव लडऩे के यह कूटनीति चाल चली और रोनक पुरोहित के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे ले आए, जिसमें कॉलेज प्रशासन ने भी सत्तारूढ़ भाजपा और एबीवीपी का पूरा सहयोग किया।
चौकड़ी की धाक कायम :

छात्रसंघ चुनाव में पिछले चार सालों से चौकड़ी के चारों यार परमवीरसिंह चूंडावत, पंकज बोराणा, अमित पालीवाल और हिमांशु चौधरी एक के बाद एक अध्यक्ष पद पर काबिज होते आए हंै। ये छात्रनेता चाहे अलग -अलग संगठनों से हो लेकिन एक दूसरे की सहायता करते आए हैं। इस बार भी इस चौकड़ी ने कामयाबी हासिल की और रौनक पुरोहित का पर्चा निरस्त होने के बाद चारों ने अमन असनानी को जीताने की ठान ली थी। आखिरकार इस चौकड़ी ने कॉमर्स कॉलेज पर अमन असनानी को जीत दिला दी। इधर, कल शाम को चुनाव परिणाम आने के बाद हर छात्र के मुंह पर यह बात थी कि अगर केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव हुआ होता तो निश्चित तौर पर रौनक पुरोहित की विजय होती।
सुखाडिय़ा के परिणाम :

मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवरसिटी छात्रसंघ चुनाव के परिणामों में केंद्रीय छात्रसंघ के अध्यक्ष पद पर रौनक पुरोहित का पर्चा निरस्त होने के बाद पहले ही सोनू अहारी को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया, जिन्हें कल अध्यक्ष पद पर की शपथ दिलाई गई। बाकी के घोषित परिणामों में उपाध्यक्ष पद पर वीरेंद्रसिंह राव निर्दलीय विजयी रहे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी एनएसयूआई की नेहा गोस्वामी को 183 मतों से पराजित किया। नेहा गोस्वामी ने 2217 मत प्राप्त किए। महासचिव पद पर एबीवीपी के प्रफुल्ल वर्मा विजयी रहे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी दिव्यांशु डामोर को 196 मतों से पराजित किया। संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई व एबीवीपी की सीधी टक्कर में एनएसयूआई की आकांक्षा हेडा विजयी रही। विभिन्न संघटक कॉलेज में वाणिज्य महाविद्यालय अध्यक्ष पद पर अमन असनानी, उपाध्यक्ष पद पर पूजा सालवी, महासचिव पद पर पिंकेश कोटिया व संयुक्त सचिव पद पर रौनक जैन विजयी रहे। विधि महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर पांच प्रत्याशी मैदान में थे जिनमें नरेश शर्मा ने 14 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुरेंद्रसिंह राठौड़ को हराया। उपाध्यक्ष पद पर यश मोगरा, महासचिव पर पूजा उपाध्याय, संयुक्त सचिव पर भूमिका छाप्या ने जीत हासिल की। कला महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर मोहित परमार, उपाध्यक्ष पद पर सतीश कुमार, महासचिव देवेंद्र कुमार खटीक व संयुक्त सचिव पद पर माया जाट विजयी रही। विज्ञान महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर लोकेश बम्बोरिया, उपाध्यक्ष पद पर सतीश कुमार गुर्जर निर्विरोध निर्वाचित हुए। महासचिव पद पर अंकित पटेल व संयुक्त सचिव पद पर कामिनी गुप्ता ने विजयी परचम लहराया।

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