पीएमओ के इशारे पर खुला महा घूसकांड – वसुंधरा और कटारिया को भी नहीं थी जानकारी

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राजस्थान की माइनिंग लॉबी ने की थी प्रधान मंत्री  और भाजपा अध्यक्ष को शिकायत, पीएमओ के निर्देशन में चला दो माह का गुप्त ऑपरेशन
Screenshot_2015-09-17-16-58-04नई दिल्ली। खान विभाग में चल रहे रिश्वत के काले कारनामों का खुलासा पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) के निर्देश पर हुई है, जिसकी जानकारी राज्य की मुख्य मंत्री और गृह मंत्री  को भी नहीं थी।यह सारी कार्रवाई माइनिंग लॉबी द्वारा पीएमओ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को की गई शिकायत पर हुई है।
इसके बाद खान विभाग के मुख्य खान सचिव अशोक सिंघवी, अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, जैसे उच्च अधिकारियों पर करोड़ों की घूसखोरी पर कार्रवाई प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हुई है।
यह सनसनी खेज खुलासा अंग्रेजी दैनिक अखबार  “टाइम्स ऑफ इंडिया” द्वारा किया गया।  “टाइम्स ऑफ इंडिया”  में लिखा है कि दो माह से चल रहे इस गुप्त मिशन की जानकारी मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे और गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया तक को नहीं थी। उन्हें भी ऑपरेशन होने के बाद बताया इस कार्रवाई का पता चला। पता चला है कि राजस्थान की माइनिंग लॉबी ने खान विभाग के अफसरों की घूसखोरी से परेशान होकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्टी लिखी थी। माइनिंग लॉबी ने चिठ्ठी के जरिये बताया था कि किस तरह राज्य में माइंस और मार्बल की माइंस चलाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किस तरह से नियमों के अनुरूप चल रही माइंसों को खान विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी से बंद कर देते हैं और फिर उसको चालू करने के लिए करोड़ों रुपयो की मांग करते हैं। चिठ्ठी में यह भी हवाला दिया गया था कि इस घूसखोरी में खान विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी लिप्त है। उन्हीं के इशारे पर ये सारा खेल होता है। पीएमओ कार्यालय से इस सारे ऑपरेशन को गुप्त रूप से करने के लिए आईपीएस दिनेश एमएन और अन्य कुछ अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद पिछले दो माह गुप्त तरीके से इस सारे कांड के साक्ष्य जुटाए गए। अधिकारियों और दलालों की फोन टेपिंगकर सारे ऑपरेशन को नियोजित तरीके से अंजाम दिया।
राज्य में किसी को भनक नहीं : दो माह से इस ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी और इस सारे ऑपरेशन की जानकारी राज्य की मुख्य मंत्री  वसुंधरा राजे, गृह मंत्री  गुलाबचंद कटारिया सहित किसी और नेता या मंत्री को नहीं थी। यहां तक कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के 10 मिनट पहले तक भी किसी और अधिकारी को पता नहीं था कि वे किसको गिरफ्तार करने या किसको ट्रेप करने जा रहे है? इस ऑपरेशन को अंजाम देने के मुख्य सूत्रधार बने दिनेश एमएन ने भी यह बात स्पष्ट की है कि यदि ऐसे ऑपरेशन की जानकारी किसी को लग जाती है तो फिर उसमें सफलता नहीं मिलती और एसीबी को इसी तरह काम करना पड़ता है। इधर, गृह सेवक श्री कटारिया भी कह चुके हैं कि चाहे उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन जो भी कार्रवाई हुई है, वो बहुत अच्छी कार्रवाई हुई है।
आरोपियों को जयपुर ले गए : महा घूसकांड में गिरफ्तार आठों आरोपियों को रात उदयपुर रखा गया। कल भ्रष्टाचार निरोधक की विशेष अदालत में सभी आरोपियों को पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया गया था। रात को सभी आरोपियों को अलग-अलग थानों में रखकर पूछताछ की खान सचिव अशोक सिंघवी को प्रतापनगर थाने में रखा था। जानकारी के अनुसार आज दिन में 12 बजे एसीबी के अधिकारी सभी आरोपियों को लेकर जयपुर रवाना हो गए हैं।

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