मीडिया आंतकवादी सेल गिरफ्तारियों तक तो दिलचस्पी लेती है , रिहा होने पर चुप रह जाती है

Date:

उदयपुर ,सन 1998 में दिल्ली पुलिस ने 18 वर्षीय मोहम्मद आमिर खान को 21 बम विस्फोटों का मास्टर माइंड बता कर गिरफ्तार किया था और मिडिया ने इसे प्रमुखता से छापा था ।अब 14 साल जेल में रहने के बाद , आमिर खान को 18 मामलों में ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया है ।एक मामले में हाईकोर्ट ने निर्दोष माना है तथा दो की अपील हाईकोर्ट में चल रही है । मिडिया आमिर खान के निर्दोष होने के मामले में लगभग चुप रहा है

पुलिस ने 2010 की जामा मस्जिद फायरिंग और 2011 के जवेरी बाज़ार बम विस्फोट में कथित रूप से कई युवकों की गिरफ़्तारी का दावा करते हुए मिडिया को जो ख़बरें लिक की है उनके बिच 14 साल जेल में रहे एक मुस्लिम युवक के निर्दोष करार दिए जाने की खबर कहीं खो गयी । मोहम्मद आमिर खान नाम का एक व्यक्ति 14 वर्ष जेल में बिताने के बाद इसी वर्ष जनवरी में जेल से बहार आया ।दिल्ली पुलिस ने इसे विस्फोट के 21 मामलों के केसों में आरोपी माना था ।

मोहम्मद आमिर खान को 1998 में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली और आसपास हुए केसों को “मास्टर माइंड “करने का आरोप लगते हुए गिरफ्तार किया था । आमिर को जब गिरफ्तार किया 18 वर्ष की आयु में उस समय मिडिया के विभिन्न वर्गों ने उसे 21 बम विस्फोट घटनाओं का “मास्टर माइंड ” कह कर बुलाया था ।आमिर खान की गिरफ़्तारी के साथ ही पुलिस ने न केवल दिल्ली बल्कि गाज़िया बाद सोनेपत और रोहतक के कई पुलिस थानों में लंबित पड़े 21 केसों को सुलझाने का दावा किया था ।

दिल्ली पुलिस ने दावा किया था की शकील अहमद नाम के एक व्यक्ति के साथ मिल कर आमिर खान गाज़ियाबाद में पिल्कुआ स्थित कपडा छापी की फेक्ट्री में बम बनता था इन बमों का इस्तमाल आमिर ने दिल्ली , गाज़ियाबाद , सोनेपत , और रोहतक में बम विस्फोट करने के लिए किया था ।

अपने केस को मजबूत करने के लिए पुलिस ने फेक्ट्री से कई किलो आर डी एक्स और अन्य विस्फोटक सामग्री भी बरामद करने का दावा किया था । परन्तु इस बरबदगी में एक मात्र चश्म दीद गवाह चन्द्रभान ने अदालत में पुलिस के दावे का समर्थन करने से इनकार कर दिया ।

18 केसों में आमिर को निर्दोष माना और तिन केसों में ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी पाया । इन तीनो केसों में से एक में दिल्ली हाईकोर्ट ने आमिर को निर्दोष माना ।जबकि बाकि दो में अपराध सिद्ध होने के विरुद्ध अपील लंबित हे ।

सन 1999 में गाज़ियाबाद के एक गरीब हाकर शकील अहमद को भी गिरफ्तार किया गया और आमिर के साथ उसे सह आरोपी बनाया गया । 19 जून 2009 को दसाना जेल के हाई सिक्युरिटी बेरक में शकील का शव सीलिंग से लटका मिला । तत्कालीन जेल सुपरिटेंड वि. के. सिंह ने दावा किया की आरोपी ने आत्महत्या करली । परन्तु राष्ट्रीय मानव आयोग की मांग पर मजिस्ट्रेट द्वारा करायी गयी जांच में इसे ज़हर खुरानी का केस पाया गया इस केस के पूर्व जेल सुपरिटेंड के खिलाफ ऍफ़ आई आर दर्ज की गयी । दिल्ली के कुछ केसों में आमिर के वकील फ़िरोज़ खान गाजी ने कहा की बाकि दो केसों में भी साक्ष्य संदिग्ध हे उन्हें विशवास हे की इस में भी हाई कोर्ट आमिर को निर्दोष मानेगा ।

बड़ा प्रश्न – पुलिस ने १८ साल के एक निर्दोष बालक को एक नहीं बल्कि २१ केसों में गलत आरोपी केसे बनाया , जवाबदेहि के भय के बिना ? इससे भी अधक महत्त्व पूर्ण बात यह हे की इन विस्फोटों को अंजाम देने वाले कोन लोग है ? क्या विस्फ़ो पीड़ित न्याय से वंचित नहीं रह गए क्योकि असली आरोपी तो स्वतंत्र घूम रहेहै

सो . सालार खान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Beyond the Ascent Leveraging an aviator predictor for smarter play and potential payouts in this cap

Beyond the Ascent: Leveraging an aviator predictor for smarter...

Przejmij kontrolę nad wygraną – czy vincispin to klucz do niezapomnianej przygody w kasynie online z

Przejmij kontrolę nad wygraną – czy vincispin to klucz...

Бесплатная азартная игра Plinko скачать почувствуй всплеск адреналина и получи шанс на крупный выигр

Бесплатная азартная игра Plinko скачать: почувствуй всплеск адреналина и...

Покердом Промокод на бездепозитный бонус в 2024 году Фаник рупромокод покердом бездепозитный

Бонусы в Покердом в 2025 бездепозитные за регистрацию, бонусный...