अपनी जान के डर से सोहराबुद्दीन के भाई ने अमित शाह के खिलाफ याचिका वापस ली

Date:

rubabuddin_gujrat_fake_encounters_

2005 के सोहराबुद्दीन शेख़ फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को एक और राहत मिली है.

सोहराबुद्दीन शेख़ के भाई रूबाबुद्दीन ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस मामले से बरी किए जाने के ख़िलाफ़ अपनी याचिका स्वेच्छा से वापस ले ली है. रूबाबुद्दीन ने 2007 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि गुजरात एटीएस की टीम ने सोहराबुद्दीन को फर्ज़ी मुठभेड़ में मार दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच गुजरात पुलिस को दे दी थी. गुजरात एटीएस की टीम ने नवंबर 2005 में सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी का कथित तौर पर हैदराबाद से सांगली जाते हुए रास्ते में अपहरण कर लिया था और गुजरात की राजधानी गांधीनगर के पास दोनों को फर्ज़ी मुठभेड़ में मार दिया था. गुजरात सरकार ने सीआईडी (क्राइम) को मामले की जांच सौंप दी थी. लेकिन ढिलाई की शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंप दी थी.

sohrabuddin_kauserbi

सीबीआई ने अमित शाह पर क़त्ल और आपराधिक साज़िश रचने के आरोप लगाकर उन्हें चार्जशीट में अभियुक्त नंबर 16 बनाया था. सीबीआई ने कहा था कि कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक़ मुठभेड़ के दौरान अमित शाह अन्य अभियुक्तों के साथ लगातार संपर्क में थे. लेकिन सुनवाई से पहले ही सीबीआई की विशेष अदालत ने अमित शाह पर से आरोप हटा लिए थे. इसके ख़िलाफ़ सीबीआई ने तो अपील नहीं की थी लेकिन सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने विरोध जताया था. रूबाबुद्दीन ने बीबीसी को बताया, ”जिस तरह मामले को चलाया गया वो काफ़ी अजीब था. मैं पिछले 10 साल से (शाह को) बरी करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ लड़ता रहा. लेकिन तबसे ही मैं डर में जी रहा हूं. मेरा परिवार और ज़िन्दगी दांव पर लगे हुए हैं. अगर मैंने ये याचिका वापस नहीं ली होती तो मेरी जान चली जाती.” पिछले महीने रूबाबुद्दीन ने अदालत को बताया कि वे याचिका वापस ले रहे हैं तो अदालत ने उन्हें विचार करने के लिए एक महीने का समय दिया था.

रूबाबुद्दीन ने कहा, “अभी मैं धमकी देने वाले लोगों के नाम नहीं बता सकता लेकिन जब समय आएगा तो मैं खुलासा करूंगा. मैंने अपने भाई को खो दिया है, अब मुझे अपने बच्चों और पत्नी के लिए डर लगता है. मेरे साथ कोई नहीं है इसलिए मैं डरा हुआ हूं और अकेले इस लड़ाई को नहीं लड़ सकता.” “मैं अदालत के बारे में कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि मैं अब भी अदालत की इज़्ज़त करता हूं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से मेरा फ़ोन हैक कर लिया गया है और उससे अंतरराष्ट्रीय कॉल किए जा रहे हैं, मुझे डर है कि मुझ पर विदेश में असामाजिक तत्वों से जुड़े होने के आरोप न लगाए जाएं.”

cbi_investigation_india

अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख़ के फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में जांच करने वाली एजेंसियों और अदालतों से राहत मिलती रही है. हालांकि आईएएस अफ़सर हर्ष मंदर ने भी अमित शाह को बरी करने के ख़िलाफ़ याचिका दायर की है जिस पर अगले हफ़्ते सुनवाई होनी है. हर्ष मंदर ने बीबीसी को बताया, “ऐसा बहुत ही कम हुआ होगा कि मामले की सुनवाई से पहले ही किसी पर से आरोप ही हटा लिए जाएं. मैं तो विश्वास ही नहीं कर पा रहा कि अदालत ने शाह को बरी कर दिया और सीबीआई ने अदालत के फ़ैसले को चुनौती नहीं दी.”मंदर ने कहा कि उन्हें दुख है कि 10 साल तक इस लड़ाई को लड़ने के बाद रूबाबुद्दीन को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ रही है. हर्ष मंदर ने कहा कि वो अपनी याचिका वापस नहीं लेंगे.

सोजन्य – बीबीसी हिंदी 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Gamble 100 deposit bonus casino Totally free Baccarat Game Set of Finest Baccarat Casinos

BlogsThe Better Baccarat Online casinos for June, 2025 |...

Bankbiljet winnen over kosteloos kienspel offlin

InhoudSchapenhoeder begin jij over online recht kienspe performen?Het beste...

United kingdom Ports Not on GamStop, Low GamStop Slot Sites 2025

ArticlesGreatest Uk Position Websites – Frequently asked questionsSituation Gaming...

No no deposit bonus indian dreaming deposit Baccarat Incentives 2024 Get a totally free Bet

ContentThe newest! Slotastic: no deposit bonus indian dreamingComplex...