post. आत्मविश्वास वह भावना है, जो इंसान के हौसले को अगम्य ऊंचाइयों तक भी आसानी से ले जा सकती है… इस बात को साबित कर दिखाया है कश्मीर के 26-वर्षीय आमिर हुसैन ने, जो अपनी इच्छाशक्ति के बूते दुनियाभर के लिए अदम्य साहस और जुझारू प्रवृत्ति की मिसाल बन चुका है…
हालात ने जो कुछ भी आमिर के साथ किया, उसके बाद किसी का भी अपने पांवों तक पर खड़े होना आसान नहीं था, लेकिन आमिर ने हार नहीं मानी और हालात को अपने हक में मोड़कर एक मिसाल कायम की… Barcroft TV द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया गया आमिर का यह वीडियो आप देखें, और हमारा वादा है, आप अविश्वास में अपनी आंखें मलने के लिए मजबूर हो जाएंगे…
दरअसल, बचपन में हुए एक हादसे ने आमिर से उसके दोनों हाथ छीन लिए थे, लेकिन अब आमिर इस वीडियो में आपको बिल्कुल सामान्य लोगों के साथ बेहद ‘असामान्य’ तरीके से क्रिकेट खेलता दिखाई देगा… दरअसल, आठ साल की उम्र में आमिर के हाथ आरा मशीन (लकड़ी चीरने वाला मशीन) की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद हाथों को कंधे से ही काट देना पड़ा…
बैट बनाने का काम करने वाले आमिर के पिता बशीर अहमद ने बेटे को बचाने के लिए सब कुछ बेच डाला… तीन साल तक अस्पताल में रहने के बाद जब आमिर बाहर आया, तो निराश या हताश नहीं था, बल्कि मन में नए सिरे से जीवन की शुरुआत करने का जज़्बा था… आज आमिर शॉट लगाने में माहिर क्रिकेटर माने जाते हैं, और यही नहीं, कश्मीर की पारा क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं…
शायद पिता के पेशे की वजह से था, लेकिन आमिर को क्रिकेट से बचपन से ही लगाव था… हाथों के जाने के बाद भी क्रिकेट से लगाव कम नहीं हुआ, और उन्होंने बल्ले को पकड़ने की नया ही तरीका ईजाद कर डाला… आमिर बल्ले को अपने कंधे और गले के बीच में फंसाकर खेलते हैं, और शानदार शॉट लगाने में माहिर कहे जाते हैं… आमिर गेंदबाजी भी करते हैं… हैरानी हो रही है…? लेकिन सच यह है कि वह पैर की अंगुलियों के बीच गेंद को फंसाकर स्पिन बॉलिंग भी कर लेते हैं… और हां, फील्डिंग के वक्त भी आमिर मैदान में ही रहते हैं, क्योंकि पैरों से बॉल को रोककर फील्डिंग करने में भी उन्हें महारत हासिल है…
क्रिकेट खेलने के अलावा आमिर पैरों की मदद से लिख भी लेते हैं, और पेंटिंग तक कर पाते हैं… 12वीं तक स्कूली पढ़ाई कर चुके आमिर किसी पर भी निर्भर नहीं हैं, और अपना सारा काम – जैसे दाढ़ी बनाना, नहाना, कपड़े पहनना – खुद ही करते हैं…
news source – NDTV