न्यूज़ पोस्ट . जयपुरविकास प्राधिकरण (जेडीए) की नींदड़ आवासीय योजना में जमीन समाधि सत्याग्रह पर किसान जेडीए अब एक दूसरे पर समाधान नहीं करने का आरोप लगा रहा है। किसान इसके लिए जेडीए सरकार को संवेदनहीन बता रहे है। वहीं जेडीए के अधिकारी संघर्ष समिति पर गुमराह करने बेवजह सर्वे की जिद्द का आरोप लगा रहे है। सत्याग्रह 27 दिन से चल रहा है और 1350 से ज्यादा लोग रोजाना गड्ढों में क्रमिक उपवास कर रहे है। धरना स्थल पर शनिवार को किसानों के सैकड़ों बच्चों ने अपनी माता-पिता के साथ गड्ढों में बैठकर जमीन समाधि ली। लोगों ने दीपावली दूसरे त्योहार भी धरना स्थल पर ही मनाए है। अब देवउठनी एकादशी से क्षेत्र में शादी- विवाह है। आंदोलनकारियों के परिवारों में भी शादियां है। माना जा रहा है कि अब आंदोलन स्थल पर ही शादियों का आयोजन होगा।
जेडीए के डिप्टी कमिश्नर राजकुमार सिंह का कहना है कि आंदोलन कर रहे किसान से मंत्री जेडीसी, कलेक्टर मंत्री स्तर पर 6 बार वार्ता हो चुकी है। लेकिन किसान जिस तरह से सर्वे की बात कर रहे है, वह कानूनी तकनीकी से रुप संभव नहीं है। जायज संभव मांगे जेडीए सरकार ने मान ली है। संघर्ष समिति बेवजह आंदोलन सर्वे की मांग कर रही है। नींदड़ बचाओं युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष कैलाश बोहरा उपाध्यक्ष गोपाल कुमावत का कहना है कि लोग अपना काम-धंधा परिवार छोड़ कर 27 दिन से आंदोलन कर रहे है। लेकिन जेडीए सरकार की हठधर्मिता कब्जा करने की नीति ने संवेदनहीनता की हदें पार कर दी। किसान आंदोलन तेज करेगा। वहीं

Previous articleसरकार का मंहगाई वाला चाबुक फिर जनता की पीठ पर – मकान बनाना हुआ और मंहगा
Next article10 हजार सेवारत डॉक्टरों ने दी इस्तीफे की चेतावनी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here