रसूखदार जमीन खोरों ने कोर्ट के आदेषों को भी किया दरकिनार, बुरहानी नगर में अवैध निर्माण बदस्तूर जारी, बाहुबलियों के आगे नतमस्तक हुए जिम्मेदार .

Date:

उदयपुर। चलिए आज आपको फिर लिए चलते है 100 करोड़ के महाजमीन घोटाले की ओर जिस पर कार्रवाई करने की हिम्मत शहर के किसी निजाम में शायद बची नहीं है। जीहां हम बात कर रहे है उदयपुर के बुरहानी नगर की प्लानिंग करने वाले जमीनखोरों की। जिन्होंने वहां की जनता के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ करते हुए एक लाख से ज्यादा स्कवायर फीट जमीन को कागजों से ही गायब करके उस मौके पर आकर बैठ गए जहां की कीमत आज आसमान छू रही है। इतना ही नहीं नगर विकास प्रन्यास की हिदायत और माननीय न्यायालय की रोक के बावजुद यह रसूखदार जमीनखोर इस हिस्से को खुर्दबुर्द करने में लगे हुए हैं जिसे रोकना शायद शहर के सबसे ईमानदार सचिव रामनिवास मेहता के हद में भी नहीं है। शहर का सबसे आगे रहने वाला केबल चेनल उदयपुर न्यूज के मनु राव ने दो वर्ष पूर्व अपने खास कार्यक्रम खबरदार में इसका बुरहानी नगर में हुए इस घोटाले का खुलासा किया था,जिसमें इस नगर के प्लानर्स दिलीप सुराणा और भुपेंद्र बाबेल ने भी अपनी बात रखी थी, लेकिन जो जमीन गायब हुई उसके बारे में पूछने पर उनमे से एक भी सही जवाब नहीं दे पाया। खबर लगाए जाने के बाद थोड़ी बहुत कार्रवाई तो हुई, लेकिन कहते है न जहां बात करोड़ों की हो तो अच्छे अच्छे ई्मानदारों का ईमान भी डोल जाता है यहां की स्थिति को देखते हुए भी कुछ ऐसा ही लग रहा है। क्योंकि इस शहर में न्यायपालिका का डर तो किसी को है ही नहीं।
बुरहानी नगर की 80 फीट रोड़ पर लगे इस बोर्ड को ध्यान से देखिए। इसमें युआईटी सचिव की ओर से साफ कृ साफ दर्शाया गया है कि श्श्ग्राम भुवाणा की आराजी नम्बर 3609 से लेकर 3621 तक की आराजी भूमि कृषि भूमि योजना में है। इसमें किसी प्रकार का निर्माण क्रय विक्रय अवैध है। माननीय न्यायालय में भी प्रकरण लम्बित है। लेकिन यह आदेश यहां पर कोई मानता दिखाई नहीं दे रहा है और इस जमीन पर लगातार निर्माण भी हो रहा है। वहीं 3619 से लेकर 3621 तक की जमीन पर कुल 63 हिस्सेदार हैं। अपने साथ हुए जमीनी धोखे के बाद एक खातेदार ने न्यायालय की शरण भी ली। जिसकी सुनवाई 29 जनवरी को होने वाली पेशी में होनी है तब तक के लिए इन तीनों ही आराजीयों में अदालती स्टे लगा हुआ है और माननीय न्यायालय ने इस स्टे को कायम रखने के लिए बड़गांव तहसीलदार को निर्दशित भी कर रखा है। लेकिन यहां होते निर्माण को देखते हुए तो यही लगता है कि तहसीलदार को भी आंखों पर पट्टी बांध लेेने के लिए ही निर्देशित कर दिया गया होगा। आपको बता दे कि करीब 23 वर्ष पूर्व दिलीप सुराणा, भुपेन्द्र बाबेल सहित चार भुका​रोबारियों ने बुरहानी नगर बसाने की योजना बनाई थी। जिसमें करीब बोहरा समुदाय से जुड़े 300 परिवारों को बसाया जाना था। सभी लोग बोहरा समुदाय के पास पंहुचे जो काफी संभ्रांत भोले और भीरू प्रव्रति के होते हैं। एक मुलाकात के बाद तय हो गया कि यहां पर बुरहानी नगर बसाया जाएगा,क्योंकि षड़यंत्रकर्ताओं ने इस प्लानिंग का नाम ही समुदाय के धर्मगुरू के नाम पर जो रखा था। करीब 36 बीघा जमीन इन भूकारो​बारियों ने समाज की सुविधाओं केलिए जमातखाना, मस्जिद, मदरसा, मुसाफिर खाना, चिकित्सालय, गार्डन आदि बनाने का वादा भी किया। 1986 में बोहरा समुदाय से जुड़े लोगों ने यहां पर जमीन लेना भी शुरू कर दिया लेकिन बाद में एक ऐसा समय आया जब भीरू स्वभाव वाले समाजजनों पर दबाव बनाकर बुरहानी नगर की काफी जमीन पर इन लोगों या इनसे जुड़े बाहूबलियों ने रजिस्ट्रियां करवा ली। बंटवारा नहीं होने के कारण जिसकी जहां मर्जी पड़ी वहां पर काबिज होता गया, लेकिन इस बीच प्लानर्स दिलीप सुराणा और भुपेंद्र बाबेल ने एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत जमातखाना, मुसाफिर खाना, चिकित्सालय, मस्जिद, मदरसा, गार्डन की जगह गायब करते हुए एक बड़ा हिस्सा बुरहानी नगर से जुड़ी 80 फीट पर निकाल दिया और उसके स्वयंभू मालिक बन बैठे। यहां पर रहने वाले मुट्ठीभर लोगों ने आपत्ती भी जताई थी, लेकिन इन रसूखदार बाहूबलियों के आगे किसी की एक न चली और जिस जमीन के उपयोग का अधिकार बुरहानी नगर में रहने वाले हर इंसान का था उस जमीन को इन जमीनखोरों ने ऐसा हड़पा की मुलभूत सुविधाएं ही 36 बीघा जमीन से गायब हो गई।
अब मौजूदा हाल यह है कि बुरहानी नगर में अदालत से मिले स्टे के बावजुद भी रसूखदार जमीनखोर अपना काम बदस्तुर जारी किए हुए है। वैसे सूत्र तो यह भी बताते है कि यहां पर शहर के बहुत बड़े-बड़े अफसरों ने भी यहां जमीन ले रखी है और यह भी एक वजह हो सकती है कि यहां पर कार्रवाई की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा हो। उदयपुर पोस्ट और उदयपुर न्यूज चैनल की नजर इस खबर पर लगातार बनी रहेगी और कोशिश यह रहेगी की जो जिम्मेदार अभी अपने बयान देने से बचे है उन जिम्मेदारों के बयानों को भी आपके समक्ष लेकर आ सके। ताकी यह तो साफ हो जाए कि स्टे के बावजुद भी किसके कहने पर यहां निर्माण किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Gedurende welke gokhuis Abundance Spell 120 gratis spins kun jou nog strafbaar gieten? Programma

VolumeAbundance Spell 120 gratis spins: Karaf ego allen lezen...

Gonzo’s Journey Slot Comment: An enthusiastic Thrill for mr bet slots the City of Gold

ArticlesMr bet slots - Gonzos Quest Megaways 100 percent...

Casino Bonuser Norge 2024 Arve 1000-hvis fra kroner inni gold factory Symboler bonuser!

ContentCasinobonuser.nu | gold factory SymbolerEr det forskriftmessig bekk anstille...

Enchanted Flames Queen online θέση γοργόνα on line status στις ΗΠΑ

ΆρθραΟ φρέσκος αθλητής προσφέρει 100% μέχρι £ 100, 65...