एक अप्रेल से राजस्थान में बदल रहे कई नियम, आम जिंदगी पर ये होगा असर

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पोस्ट न्यूज़। एक अप्रेल से नया वित्तीय वर्ष लागू होने जा रहा है। आम बजट आैर राजस्थान बजट 2018-19 में की गई अहम घोषणाएं इसी दिन से प्रभावी होंगी। यानी एक अप्रेल से आम आदमी के जीवन में कई बदलाव आने वाले हैं। प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं
– राजस्थान में एक अप्रैल से स्टेट हार्इवे पर टाेल फ्री हाे जाएगा। जनता को इससे सालाना करीब 200 करोड़ रुपए का फायदा होगा। प्रदेश के स्टेट हाइवे पर सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन होता है।
सरकारी स्कूलों का संचालन एक अप्रेल से 30 अप्रेल तक सुबह 7:50 से दोपहर 2:10 बजे तक किया जाएगा। फिलहाल स्कूलों का समय सुबह 9:20 से दोपहर 3:40 बजे तक है। एक अप्रेल को रविवार होने से समय में बदलाव दो अप्रेल से प्रभावी होगा।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों का ग्रीष्मकालीन समय एक अप्रेल से बदलेगा।
अब सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ओपीडी समय प्रात: 9 से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। जबकि चिकित्सा विभाग के अधीन जिला, उप जिला, सेटेलाइट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और अन्य अस्पतालों में समय प्रात: 8 से 12 और शाम 5 से 7 बजे तक रहेगा।
सभी राजकीय अवकाश व रविवार के दिन सभी तरह के अस्पतालों का समय में प्रात: 9 से 11 बजे तक रहेगा।
बजट में ई-रेलवे टिकट पर सर्विस चार्ज घटाने का एलान हुआ था। इस तरह 1 अप्रेल से ऑनलाइन टिकट बुकिंग सस्ती हो जाएगी।
एक्साइज ड्यूटी, घटने से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के दाम कम होंगे। इसके अलावा पीओएस मशीनें, फिंगर स्कैनर, माइक्रो एटीएम, आरओ, मोबाइल चार्जर, देश में तैयार हीरे, टाइल्स, तैयार लेदर प्रोडक्ट्स, नमक, जीवनरक्षक दवाएं, माचिस, एलईडी, एचआईवी की दवा, सिल्वर फॉइल, सीएनजी सिस्टम भी सस्ती हो जाएंगी।
-नए वित्तीय वर्ष में डियोडरेंट्स, रूम फ्रैशनर, परफ्यूम, आफ्टर शेव, स्मार्ट वॉच फु टवियर और धूप के चश्मे के दाम बढऩे वाले हैं।
-सिगरेट, सिगरेट लाइटर, पान मसाला, जर्दा, खैनी और सिगार के दाम बढ़ जाएंगे।
-आयकर पर हेल्थ और शिक्षा सेस 1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ लागू होगा। बजट में इसे 3 से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया था।
-वेतनभोगी वर्ग के लोगों को 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। यानी आपकी सैलरी से 40,000 रुपए की सीमा छोड़कर बाकी पर इनकम टैक्स लगेगा।
-सीनियर सिटीजंस को पोस्ट ऑफिस और बैंकों से मिले 50,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
-जो लोग शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, उन्हें शेयर बाजार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में किए निवेश पर एक साल में एक लाख रुपए से ज्यादा का फायदा होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
– ई-वे बिल लागू हो सकता है। राज्यों के बीच 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के वस्तुओं की ढुलाई के लिए ई-वे यानी इलेक्ट्रानिक वे बिल की जरूरत होगी।
-बजट में कई ऐसे प्रावधान भी नए वित्तीय वर्ष में लागू होंगे, जिनका फीसदी गरीब तबके पर पड़ेगा। जैसे – आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत गरीबों के इलाज के लिए 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं टीबी रोगियों के लिए भी सरकार 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

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