77.19रु. प्रति लीटर पेट्रोल

बधाई हो हमारी सरकार ने पेट्रोल के दामों को उन उंचाई तक पहुचा दिया जहाँ पिचले 55 महीनों में नहीं पहुचे। ज़ाहिर सी बात है पैट्रोल और डीज़ल के भाव इतने ऊँचे होंगे तो बाकी वस्तुएं मंहगी होनी ही है। लेकिन शायाद ना तो विपक्ष को ना ही सरकार को इन बड़े हुए भावों से जनता को होने वाली परेशानी में कोई दिलचस्पी है। जनता मरती है मरती रहे अब इस पर कंट्रोल शायद किसी का ना रहा। आम जनता लूटती रहे परेशान होती रहे चुनाव नजदीक आरहे है नेता लोग जोशीला भाषण देंगे कोई लोलीपोप जैसा कोई नारा थमाएंगे और अपना काम कर निकल जायेगें हम वही के वही बस उस लोलीपोप को देखते रहेगें। दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार पैट्रोल और डीज़ल के दाल पिचले 55 सालों में सबसे ज्यादा हुए है।
तीन साल पहले कच्चे तेल के दाम घटने पर जब सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा रही थी, तब पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ने पर सरकार ड्यूटी घटाएगी। लेकिन अब सरकार इनकार कर रही है। सोमवार को जयपुर में पेट्रोल 77.17 रुपए प्रति लीटर रहा। यह 55 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 1 सितंबर 2013 को यहां पेट्रोल 77.78 रुपए प्रति लीटर रहा था। दिल्ली में भी सोमवार को पेट्रोल की कीमत 74.50 रुपए प्रति लीटर हो गई। इससे पहले 14 सितंबर 2013 को दाम 76.06 रुपए था। डीजल भी जयपुर में सोमवार को 70.06 रुपए प्रति लीटर रहा जो अब तक सबसे ज्यादा है।
दिल्ली में डीजल 65.75 रुपए है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। फिर भी केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाने के पक्ष में नहीं है। वह चाहती है कि राज्य वैट कम करें।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी एक-एक रुपया कम हुई तो केंद्र सरकार का रेवेन्यू 13,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा।
गर हमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखना है तो एक्साइज कम नहीं कर सकते। वैसे भी अभी तक पेट्रोलियम मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से एक्साइज कटौती का प्रस्ताव नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादन करने वाले देशों में तनाव कम होने और अमेरिका में शेल ऑयल का उत्पादन बढ़ने से कच्चे तेल के दाम नीचे आएंगे। सरकारी तेल कंपनियां पिछले साल जून से पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय कर रही हैं। अब उनसे यह कहना उचित नहीं होगा कि दाम में बढ़ोतरी को वे खुद वहन करें
क्रूड सस्ता हुआ तो सवा साल में 9 बार बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी : मई 2014 में भारतीय बास्केट क्रूड 106.85 डॉलर प्रति बैरल था, जो जनवरी 2016 में दो-तिहाई घटकर 29.80 डॉलर रह गया था। -नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। 15 महीने में पेट्रोल पर ड्यूटी 11.77 रुपए और डीजल पर 13.47 रुपए बढ़ी।
दो साल में क्रूड ढाई गुना महंगा, एक्साइज एक बार घटी : बीते दो साल में क्रूड ढाई गुना महंगा हुआ। मौजूदा कीमत 73.5 डॉलर प्रति बैरल है। लेकिन इस दौरान सरकार ने एक्साइज में सिर्फ एक बार कटौती की।
अक्टूबर 2017 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज 2-2 रु. घटाया गया। राज्यों से वैट कम करने को कहा गया, लेकिन सिर्फ महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने ऐसा किया।

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