सुप्रीम कोर्ट के तीन अहम् फैसले – आधार , आरक्षण और प्रसारण ,.. जानिये क्या है ?

Date:

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तीन अहम फैसले दिए। पहला अाधार की अनिवार्यता पर था। शीर्ष अदालत ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। कहा- ‘सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए यह अनिवार्य रहेगा। हालांकि, स्कूलों में एडमिशन और बैंक खाता खोलने के लिए यह जरूरी नहीं है।’ दूसरा फैसला सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देने पर था। इस पर कोर्ट ने अपना 2006 का फैसला बरकरार रखते हुए कहा कि राज्यों को प्रमोशन में आरक्षण के लिए आंकड़ा जुटाने की जरूरत नहीं है। तीसरे फैसले में अदालती कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग को मंजूरी दी गई। कोर्ट का कहना था कि इससे पारदर्शिता आएगी।

आधार कहां जरूरी, कहां नहीं; इस पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश

  1. ‘‘सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार जरूरी है। पैन कार्ड को लिंक करने और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार कार्ड जरूरी रहेगा।’’
  2. ‘‘शिक्षा ही हमें अंगूठे के निशान से दस्तखत की ओर ले गई। अब टेक्नोलॉजी हमें दस्तखत से दोबारा अंगूठे के निशान पर ले जा रही है, लेकिन स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता।’’
  3. ‘‘यूजीसी, नीट और सीबीएसई की परीक्षाओं के लिए आधार जरूरी नहीं है। अदालत की इजाजत के बिना किसी भी एजेंसी के साथ बायोमैट्रिक डेटा साझा न किया जाए।’’
  4. ‘‘बैंक खाता खोलने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है।’’
  5. ‘‘आधार एक्ट की धारा 57 रद्द की जाती है। निजी कंपनियां आधार कार्ड नहीं मांग सकेंगी।’’
  6. ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन या नया सिम कार्ड खरीदने के लिए आधार जरूरी नहीं है।’’
  7. ‘‘आधार नहीं दिखा पाने के चलते किसी भी बच्चे को किसी योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।’’

 

डेटा की हिफाजत के लिए कानून बनाए सरकार :  जस्टिस सीकरी और सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणियों में कहा, “यह जरूरी नहीं है कि हर चीज सर्वोत्तम (बेस्ट) हो, कुछ अलग (यूनिक) भी होना चाहिए।” आधार हाशिए पर मौजूद समाज के तबके को सशक्त करने और उन्हें पहचान देने का काम करता है। आधार दूसरे आईडी प्रूफ की तुलना में अलग है, क्योंकि इसका डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता। एक व्यक्ति को आवंटित हुआ आधार नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। केंद्र को डेटा की हिफाजत के लिए जल्द से जल्द कानून बनाने की जरूरत है। सरकार यह सुनिश्चित करे कि देश में किसी भी अवैध प्रवासी को आधार कार्ड आवंटित न हो।

फैसले से अलग जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणियां- आधार का डेटा डिलीट करें मोबाइल कंपनियां

  • जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसले से अलग अपनी टिप्पणियों में कहा कि मोबाइल कंपनियों को ग्राहकों से लिया गया आधार का डेटा डिलीट कर देना चाहिए।
  • ‘‘आधार का डेटा संवेदनशील है। किसी थर्ड पार्टी या किसी वेंडर की तरफ से इसका दुरुपयोग होने का खतरा है।’’
  • ‘‘निजी कंपनियों को आप आधार के डेटा का इस्तेमाल करने देंगे तो वे नागरिकों की प्रोफाइल करेंगी और उनके राजनीतिक विचार जानने की कोशिश करेंगी। यह निजता का उल्लंघन है।’’
  • ‘‘क्या आप ये मानकर चल रहे हैं कि बैंक खाता खुलवाने वाला हर शख्स संभावित आतंकी या मनी लॉन्डरर है?’’
  • ‘‘आधार अपने मकसद में फेल हो चुका है। आज आधार के बिना भारत में रहना असंभव हो गया है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।’’
  • ‘‘आधार एक्ट को मनी बिल के तौर पर संसद से पारित कराना संविधान के साथ धोखा है।’’

 

प्रमोशन में आरक्षण पर पुराना फैसला बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर 2006 में दिए अपने फैसले पर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया। यह फैसला एम नागराज के मामले में दिया गया था। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकारें कुछ शर्तों के साथ प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें संबंधित समुदाय के पिछड़ होने के आंकड़े देने होंगे। केंद्र का कहना था कि इसमें शर्तें बेवजह लगाई गई हैं। ऐसे में इसे सात जजों की बेंच के पास दोबारा विचार के लिए भेजा जाना चाहिए।

प्रमोशन में आरक्षण के लिए आंकड़ा जुटाने की जरूरत नहीं : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने एकमत से फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारों को एससी-एसटी के पिछड़ेपन को बताने वाला संख्यात्मक आंकड़ा इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है। 2006 में पांच जजों की बेंच ने कहा था कि इन समुदायों के कर्मचारियों को पदोन्नत में आरक्षण देने से पहले राज्य सरकारी नौकरियों में उनके अपर्याप्त प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक कार्यकुशलता के बारे में तथ्य पेश करेंगे।

 

लाइव प्रसारण को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण और वीडियो रिकॉर्डिंग को भी मंजूरी दे दी। कोर्ट ने कहा कि इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से ही हो। इसके लिए नियम बनाएं जाएं। अदालती कार्यवाही के प्रसारण से न्यायिक व्यवस्था में जवाबदेही आएगी।

 

इन्फेक्शन दूर करने के लिए सूरज की किरणें बेस्ट होती हैं। इसी तरह लाइव स्ट्रीमिंग से न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी। जनता को जानने का अधिकार मिलेगा -“सुप्रीम कोर्ट”

सरकार को आधार से 90 हजार करोड़ का फायदा

अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यूनिक आइडेंटिटी नंबर (यूआईएन) को कानूनी समीक्षा के बाद ही स्वीकार किया गया था। इस अमल में लाने के बावजूद कांग्रेस यह नहीं जानती थी कि आधार से क्या होगा? भारत में 122 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है। हमारा मानना है कि इससे सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों के पहचान सुनिश्चित की जा सकती है और जाली हितग्राहियों को रोका जा सकता है। सरकार को इससे हर साल 90 हजार करोड़ का फायदा हो रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

تحميل تطبيق 1xbet لتجربة مراهنة رياضية مخصصة

تحميل تطبيق 1xbet لتجربة مراهنة رياضية مخصصةإذا كنت من...

Mostbet Promo Kodları Açıklandı: Faydalar ve Kullanım İpuçları

Mostbet Promo Kodları Açıklandı: Faydalar ve Kullanım İpuçlarıMostbet promo...

Nuevas Tendencias en el Deporte: Desafíos y Oportunidades

Nuevas Tendencias en el Deporte: Desafíos y Oportunidades Innovación Tecnológica...

1xbet Cкачать На Телефон 1хбет Андроид только Ios Мобильная Версия Вход

Скачать 1xbet На Андроид Официальное Приложение БесплатноContentже Делать Ставки...