साढ़े 4 घंटे में खत्म हो गईं 4 जिंदगियां, पहले पत्नी की मौत, फिर चंद घंटे पहले पैदा हुए जुडवां बच्चों ने तोड़ा दम, आखिर में पति की भी थम गईं सांसे

Date:

खबर मध्यप्रदेश भोपाल की है,. हॉस्पिटल में पति की हालत बिगड़ने का पता चलने के बाद सोमवार को प्रेग्नेंट महिला ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। खून से लथपथ हालत में उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया और खुद दम तोड़ दिया। तीन घंटे बाद दोनों मासूम दुनिया से चले गए। कुछ देर बाद वेंटिलेटर पर चल रहे पति की भी मौत हो गई। महिला के भाई का कहना है कि उसे लगा कि पति की सांसें थम चुकी हैं।
महिला ने कहा था- प्रेग्नेंसी की बात किसी को न बताना, बच्चों के जन्म के बाद बड़ा सेलिब्रेशन करेंगे…

सालभर पहले भी गायत्री गर्भवती हुई थी। इससे बेहद खुश हुए बड़े भाई नरेश ने नाते-रिश्तेदारों को इसके बारे में बता दिया। कुछ महीने बाद ही गायत्री को मिसकैरेज हो गया। इस बार वह नहीं चाहती थी कि गर्भ में पल रहे दोनों बच्चों के बारे में किसी को बताया जाए। उसने नरेश से कहा था कि भैया दोनों बच्चों के जन्म के बाद सारे नाते-रिश्तेदारों को बुलाकर एक बड़ा सेलिब्रेशन करेंगे। अभी किसी को मत बताना। लेकिन निमोनिया से पीड़ित पति की हालत बिगड़ने का पता चलने के बाद सोमवार को 7 महीने की प्रेग्नेंट गायत्री ने एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी।

भाई बोला- शादी उसकी पसंद के लड़के से करवाई थी, घर में खुशियां आने वाली थीं, लेकिन ये क्या हो गया

महिला के प्रेग्नेंट होने के बारे में केवल गायत्री और मनोज के परिवार को पता थी। नरेश ने बताया कि 1996 में मम्मी की डेथ हो गई। उस वक्त गायत्री 17 साल की थी। 2002 में पापा ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हम दो भाइयों की गायत्री इकलौती बहन थी। उसे कोई अफसोस न रहे इसलिए शादी उसकी पसंद के लड़के से करवाई थी। घर में खुशियां आने वाली थीं, इसलिए मनोज ही गायत्री की पूरी देखरेख करते थे। लेकिन भगवान ने ये क्या कर दिया।

क्या ये विडियो देखा आपने ,.. अगर नहीं तो जरूर देखिये .

 

 

हंसों के जोड़े के बारे में सुना था.

रविवार को गायत्री का जन्मदिन था। दोस्त और परिजन फोन और फेसबुक पर बधाई देते रहे। सोमवार रात जैसे ही दोस्तों को गायत्री की मौत की जानकारी मिली, वैसे ही एक दोस्त ने लिखा हंसो के जोड़े के बारे में सुना था, आप दोनों को उनके रूप में देख लिया…।

10 साल बाद घर में किलकारी का इंतजार था

गायत्री के बड़े भाई नरेश ने बताया कि शादी के 10 साल बाद भी गायत्री को कोई संतान नहीं थी। शहर और उसके बाहर शायद ही कोई ऐसा स्पेशलिस्ट डॉक्टर बचा हो, जहां मनोज और गायत्री न गए हों। किसी रिश्तेदार ने जानकार बाबा की सलाह दी तो बच्चे की चाह में दोनों उससे भी मिलने पहुंच गए। घर में बेहद खुशियों का माहौल था। गायत्री को सात महीने का गर्भ था, वो भी जुड़वां। दोनों के परिवारों को इस खुशी का बेसब्री से इंतजार था।

एक्यूट डिप्रेशन के कारण महिला ने दी जान

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में हमेशा बच्चे को लेकर डर बना रहता है। इस बीच अगर किसी महिला का पति अस्पताल में भर्ती हो और वह उसकी देखभाल भी नहीं कर पाती तो वह वैसे ही परेशान रहती है। ऐसे में जब महिला को अचानक अस्पताल पहुंचने का संदेश मिलता है तो एक्यूट डिप्रेशन में जाने की आशंका रहती है। शायद इन्हीं परिस्थितयों के कारण यह घटना हुई।

– डॉ. आरएन साहू, एचओडी साइकेट्री डिपार्टमेंट, जीएमसी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Beste Nettcasino gå til nettsiden for Formue inne i Norge

ContentGå til nettsiden | Billys game Slot RTP –...

Triple Red-hot 777 Slot Review IGT play alaskan fishing online RTP 95percent

BlogsPlay alaskan fishing online - Rating step 3 Free...

Happy Cherry Free Slot machine game Gamble best rated online casinos Demonstration Game inside Canada

ArticlesLucky Cherry Local casino Position Items | best rated...

Tagesordnungspunkt Online Kasino Provision Angebote inside Brd Beste Online Casinos für echtes Geld 2025

ContentGenau so wie wird diese Folge das Spielsaal Ernährer...