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हिन्दुस्तान जिंक के स्वास्थ्य अभियान के तहत विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित

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हिंदुस्तान जिंक, द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत् विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान अपनी विभिन्न इकाईयों में जागरूकता सत्र आयोजित किये। दीपक फाउंडेशन के सहयोग से हिंदुस्तान जिंक द्वारा मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत जावर, चंदेरिया और आगुचा आयोजित किये गये। यह अभियान हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा देश भर में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के भीतर स्तनपान की सुरक्षा, प्रचार और समर्थन पर मुख्य ध्यान देने के उद्धेश्य से आयोजित किया गया।

1992 में शुरू किए गए, विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य महिलाओं, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों, सामुदायिक सहायता, पारिस्थितिकी और मानवाधिकारों के बीच स्तनपान को बढ़ावा देना है। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा वर्ष 2016 से पहल कर धात्री महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए विशेष रूप से स्तनपान है और इसके बाद 2 साल और उससे अधिक उम्र तक उचित पोषण वाले भोजन के साथ स्तनपान जारी रखने के प्रति जानकारी प्रदान कर रहा है। सप्ताह के दौरान महिलाओं को कुपोषण कम करने में मां के दूध की महत्वपूर्ण भूमिका, नवजात जिसे जन्म के एक घंटे के भीतर मां का दूध पिलाया जाता है, वह स्वतः ही पुरानी और संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित होने, स्तनपान मां और शिशु के बीच साझा किए गए बंधन को मजबूत करने जैसी जानकारियां दी गयी। जागरूकता सत्र में 550 माताएं लाभान्वित हुई।

हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से ग्रामीण सखी महिलाएं बनी सशक्तिकरण की मिसाल

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अजमेर जिले के कायड गांव की रहने वाली गुड़िया कंवर महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं। वह ढाई साल पहले हिन्दुस्तान जिं़क की सखी परियोजना के तहत् संचालित उड़ान स्वयं सहायता समूह में शामिल हुई थी, जिसके बाद से वह अचार की यूनिट से जुड़कर कार्य कर रही है।गुडिया कंवर अपने परिवार के सहयोग से स्वयं सहायता समूह में शामिल हुईं जिसने उसे  कार्य करने का अवसर देने और प्रभावी ढंग से बातचीत करने का अवसर प्रदान किया, जिससे समुदाय में उनकी पहचान और व्यक्तित्व विकास हुआ। वह अपने परिवार की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिरण का आधार है। गुडियां कंवर की तरह ही कायड की अनिशा बानू भी हिन्दुस्तान जिंक के सखी परियोजना से जुड़कर अचार यूनिट में कार्यरत है जिसने उसे आत्मविश्वास देकर आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है अनिशा अब आगे पढ़ाई कर अपने परिवार और समाज में सशक्तिरण की मिसाल बनना चाहती है जिसमें अब उसका परिवार भी उसके साथ है।

परिवार और समुदाय के सर्वागिंण विकास सुनिश्चित करने का दृष्टिकोण महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है।स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामुदायिक विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करना हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धताओं में से एक है।

सखी कार्यक्रम के तहत् वर्ष 2020 में कायड में अचार इकाई के रूप में लघु उद्यम स्थापित किया गया, जो स्थानीय महिलाओं को आय और आजीविका बनाने का अवसर प्रदान करता है।वर्तमान में 12 से 15 सखी महिलाएं कच्चे माल के प्रसंस्करण से लेकर तैयार उत्पादों की पैकेजिंग तक व्यवसाय के सभी क्षेत्रों में जुडी हैं। अचार इकाई में प्रसंस्करण, पैकिंग, भंडारण सुविधा और तैयार उत्पाद हेतु स्थान है। अपने उत्पाद को बाजार से जोड़ने के अधिक से अधिक अवसरों ने महिलाओं को अधिक स्वतंत्र और समाज में अधिक मान्यता के लिए प्रेरित किया है।

कायड में स्थित अचार यूनिट में आम का अचार, लिसोडा अचार, लेमन स्वीट, लेमन सॉर, हल्दी अचार, लहसुन का अचार, सिंघाडा अचार, मिक्स अचार और हरी मिर्च अचार सहित दस अलग-अलग प्रकार के अचार वर्तमान में बनाएं जाते हैं।12 सखी इन अचारों के विक्रय और विपणन से जुडी हैं।  ये सखी अचार इकाई में कार्य कर 4,500 से 6,000 रुपये प्रति माह अर्जित कर रही हैं। अब तक कुल 20,710 किलोग्राम अचार का उत्पादन किया जा चुका है। इसके अलावा, उनके पास एक मार्केटिंग टीम है जो अजमेर, दिल्ली, जयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और राजस्थान के अन्य स्थानों में अचार बेचने के लिए थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के साथ संबंध स्थापित करने के लिए कार्यरत है।

अचार की इकाई पूर्व में महिलाआंे द्वारा घर में ही द्वारा चलाई जाती थी, जिसने उनके सशक्तिकरण और उत्पादकता को सीमित कर दिया।हिंदुस्तान जिंक और मंजरी फाउंडेशन की दृढ़ पहल से ग्रामीण महिलाएं प्रेरित हुईं और परिणामस्वरूप, उन्हें व्यवसाय चलाने में विश्वास हुआ।

अचार इकाई में सखियों ने इस व्यवसाय में महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए अन्य महिलाओं के जीवन और कल्याण में सुधार करने की अपनी उल्लेखनीय क्षमता साबित की है।इन महिला व्यवसाय उद्यमियों ने सहयोगात्मक सामाजिक और सामुदायिक पहल को प्रोत्साहित किया है।

हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड कर उन्हें उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।हिन्दुस्तान जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है।

हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा अपने संचालन में ना सिर्फ अपने सयंत्रों और खानों के विभिन्न विभागों में महिलाओं को पुरूषों के बराबर दर्जा है बल्कि आस पास के गांवों में संचालित की जा रही सखी परियोजना से जुडी महिलाएं समाज में कंधे से कंधा मिला कर परिवार के उत्थान के लिए कार्यरत है।अजमेंर जिलें में सखी परियोजना आज न सिर्फ स्वयं आत्मनिर्भर बन महिला सशक्तिकरण की मिसाल है बल्कि अपने आस पास की महिलाओं को समूहों से जोड़ कर उन्हें स्वावलंबन हेतु प्रोत्साहन देकर प्रेरित भी कर रही है।

अजमेंर जिलें में सखी प्रयास समिति में 5 ग्राम पंचायतों के  6 गावों से 144 स्वयं सहायता समूह संचालित है जिससे 1708 महिलाएं जुडी हुई है। इनकी कुल बचत 1 करोड 23 हजार है, इन्होंने 3 करोड 87 लाख 66 हजार का ऋण प्रदान किया जिसमें से 2 करोड 63 लाख 93 हजार पुर्नभुगतान कर दिया गया है।सखी प्रयास समिति से 392 सदस्यों को आजिविका संवर्धन से जोड़ा गया। वित्तिय सहयोग से 78 सखी माट विकसित किये गये। महिलाओं को आवश्यकतानुसार सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया।

हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में आंतरिक प्रतिभा के कौशल एवं अवसर वृद्धि हेतु जावर में ‘हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी’ का शुभारंभ

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इस अनूठी पहल से भूमिगत खदानों में जंबो हेल्पर्स प्रमाणित ऑपरेटर बन सकेंगे

– पांच महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 सप्ताह का क्लासरूम इंस्ट्रक्शन शामिल होगा

उदयपुर, 30 जुलाई, 2022: देश की एकमात्र और विश्व की अग्रणी एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक, कंपनी हिंदुस्तान ज़िंक द्वारा खनन कार्यों में व्यापारिक भागीदारों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के उद्येश्य से अनूठी पहल कर जावर में  ‘हिंदुस्तान जिंक माईनिंग अकादमी’ की स्थापना की है।  देश मे  खनन क्षेत्र में कुशल कर्मचारियों की महती आवश्यकता है, इस समस्या को हल करने के उद्देश्य से इस हेतु सहायता के लिए, कंपनी ने अनुसंधान किया जिसने जंबो ड्रिल ऑपरेटरों की पहचान करने में मदद की। इस क्षेत्र में अक्सर एक्सपैट्स द्वारा रूचि ली जाती है। खनन  व्यवसाय में आंतरिक प्रतिभाएं अधिक और बेहतर कुशल कर्मचारी विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकते है। उदघाटन समारोह में हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, सीएचआरओ अजय सिंगरोहा, जावर के आईबीयू सीईओ विनोद कुमार एवं जावर मजदूर संघ के जनरल सेक्रेट्री लल्लू राम मीणा उपस्थित थे।

खनन अकादमी को जीएचएच इंडिया माइनिंग एंड टनलिंग इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है।जिसका उद्देश्य जंबो ड्रिल संचालन के लिए विशेषज्ञ कौशल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कंपनी में कार्यरत प्रतिभा विकसित करना है। हिंदुस्तान जिंक ने इस कार्यक्रम को 3डी सिम्युलेटर जैसे विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से मजबूत किया है, जो एक वर्चुअल रियलिटी हाई-टेक डिवाइस है जिसका उपयोग ऑपरेटरों को भारी मशीनरी में प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। सिमुलेटर नियंत्रण परिचित, प्रक्रिया अनुपालन आदि सहित अवधारणाओं के साथ-साथ कौशल के बारे में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक लागत प्रभावी, सुरक्षित और कुशल तरीका साबित हुआ है। इसके अलावा, इस तरह के सिमुलेशन प्रशिक्षण उत्पादकता को अनुकूलित करने और दक्षता बढ़ाने में भी मदद करता है। कार्यक्रम कक्षा तथा सिम्युलेटर प्रशिक्षण और जाॅब पर प्रशिक्षण का एक एकीकरण है जो आॅन द जाॅब प्रशिक्षण के प्रमुख तत्वों में से एक आॅपरेटर शैडोइंग है जिसमें उम्मीदवार वर्तमान जंबो आॅपरेटरों को बारीकी से शैडोइंग करेंगे जो उन्हें प्रशिक्षको के रूप में दायित्व सौंपे गए हैं और वे इस प्रकार व्यापक व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।

इस अवसर पर, हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,  अरुण मिश्रा ने कहा, कि”जावर में ‘हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी’ की स्थापना का उद्देश्य देश के युवाओं के लिए खनन उद्योग में कौशल को बढ़ाना है। यह अकादमी जंबो ड्रिल ऑपरेटरों, लोड हॉल डम्पर (एलएचडी) ऑपरेटरों और लो-प्रोफाइल डम्पर ट्रक (एलपीडीटी) ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगी और उन्हें भारतीय खनन उद्योग में कौशल बढ़ाने और प्रवासियों पर निर्भरता को कम करने में सक्षम बनाएगी। हम 20 खनन अनुभवी जंबो हेल्पर्स के साथ जावर में माइनिंग एकेडमी का पहला बैच शुरू करेंगे और अन्य खनन स्थानों से बैचों को आमंत्रित करना जारी रखेंगे।

यहअनूठी पहल जंबो हेल्पर्स और संबद्ध क्रू सदस्यों को प्रमाणित जंबो ड्रिल ऑपरेटरों में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है।कार्यक्रम पांच महीने की अवधि में होगा जिसमें 16 सप्ताह का कक्षा निर्देश, अनुकरण प्रशिक्षण और सात सप्ताह का ऑन-द-जॉब निर्देश शामिल होगा। इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जंबो ड्रिल ऑपरेशन के सभी पहलुओं के साथ-साथ रखरखाव की कुछ बुनियादी बातें शामिल होंगी।

हिन्दुस्तान जिंक की आरडी माइन को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु सिल्वर अवार्ड

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हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्मेल्टिंग काॅम्प्लेक्स के राजपुरा दरीबा माइन के प्रोजेक्ट आरडी पेस्ट फिल एंड ड्राई टेलिंग प्रोजेक्ट को स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदर्शन के लिए राॅयल सोसायटी फोर द प्रिवेन्शन आफ एक्सीडेन्ट्स द्वारा सिल्वर अवार्ड- 2022 से पुरस्कृत किया गया है। आरडी माइन में प्रोजेक्ट के दौरान 2 मिलियन सुरक्षित कार्य कर शून्य रिकॉर्ड करने योग्य दूर्घटना दर्ज की गयी। कामगारों की प्रेरणा के लिए पुरस्कार और मान्यता कार्यक्रम चलाया गया। साइट पर असुरक्षित परिस्थितियों से बचाव के लिये कार्यबल  को सकारात्मक व्यवहार हेतु  सेफ्टी ड्रामा एवं नुक्कड़ नाटक के आयोजन किये गये।  सजीव प्रदर्शन विशेषज्ञ और प्रमाणित तृतीय पक्ष द्वारा शुरू और संचालित सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए विशेष जागरूकता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया। सुरक्षा जानकर जैसी पहल द्वारा असुरक्षित कार्य की पहचान में कामगारों की भागीदारी। आंतरिक सीएससी ऑडिट, श्रमिकों की जागरूकता में सुधार के लिए हिन्दुस्तान जिं़क प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण और निरीक्षण। आठ कर्मियों के साथ समर्पित बचाव दल को सक्षम तृतीय पक्ष द्वारा प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया है जो कि आपातकालीन स्थितियों को संभालने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।

ज़िंक द्वारा स्वास्थ्य सेवा के तहतविश्व हेपेटाइटिस दिवस पर ग्रामीणों को किया जागरूक

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विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर हिन्दुस्तान जिंक द्वारा दीपक फाउंडेशन के सहयोग से संचालित मोबाइल स्वास्थ्य ईकाई के माध्यम से हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए प्रयासरत है। इस सम्बन्ध में उदयपुर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले के जावर माइंस, अगुचा माइंस और चंदेरिया के समीपस्थ गणेशपुरा, बोधियाना, आनंदीपुरा, लक्ष्मीपुरा, नेवतलाई और भलदिया गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये। 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ बारूक ब्लमबर्ग का जन्मदिन है, जिन्होंने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की और वायरस का परीक्षण कर टीका विकसित किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित दुनिया भर के संगठन वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाते हैं, जो दुनिया भर में 354 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है।

जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम के तहत् किशोरियों को दी मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता की जानकारी

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मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मासिक धर्म की स्वच्छता के प्रबंधन में उचित मासिक धर्म प्रथाओं के बारे में बालिकाओं और महिलाओं को संवेदनशील बनाना आवश्यक है। इस हेतु हिन्दुस्तान जिं़क के जीवन तरंग जिं़क के संग परियोजना के तहत् मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ाने के लिए मूक और बधिर किशोरियांे के लिए वर्चुअल जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। सत्रं में 180 से अधिक बालिकाओं को सांकेतिक भाषा में लीना जैन ने महिला प्रजनन प्रणाली, मासिक धर्म, मासिक धर्म उत्पादों, सैनिटरी नैपकिन के उपयोग, सैनिटरी नैपकिन के निपटान, ओव्यूलेशन और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में शिक्षा प्रदान की। साथ ही मासिक धर्म के दौरान तीव्र दर्द के कुछ घरेलू उपचारों पर भी चर्चा की गयी। सत्र के दौरान किशोरियांे ने अपने मासिक धर्म के अनुभव और चुनौतियों के बारे में जानकारी साझा की । हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा जीवन तरंग कार्यक्रम का संचालन  वर्ष 2017 में विशेषयोग्यजन व्यक्तियों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने और अंततः उन्हें अपने परिवार के योगदानकर्ता सदस्य में बदलने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम से लगभग 700 से अधिक दृष्टिहीन और मूक बधिर  बच्चों को बेहतर शिक्षा से जोडा गया है। जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम इन विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के देने हेतु प्रयासरत है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के योगदानकर्ता सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिं़क ने मूक बधिर लोगों के लिए साइन लैंग्वेज टेªनिंग का शुभारंभ करना तथा नेत्रहीनों को तकनाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।

इंटर जिंक बास्केट बाॅल टूर्नामेंट में जावर की महिला और एसके माइन की पुरूष टीम विजेता

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जिंक की 10 टीमों के बीच हुए 16 कडे़ मुकाबलों में देबारी और जावर की टीम उपविजेता हिन्दुस्तान जिंक की जावर माइंस खेल मैदान पर आयोजित इंटर जिंक बास्केट बाॅल टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में महिला वर्ग में जावर टीम और पुरूष वर्ग में दरीबा स्मेल्टिंग काॅम्प्लेक्स की एसके माइन की टीम ने कडे़ मुकाबलों में मैच जीतकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। जावर की महिला टीम की खिलाडी अर्पिता मूंदडा और पुरूष वग में हरिओम मिश्रा श्रेष्ठ खिलाडी रहे। जावर की महिला टीम ने देबारी की टीम को 24-6 से हराया वहीं पुरूषों के फाइनल मैच में एसके माइन की टीम ने जावर को 36-20 से शिकस्त दी। आयोजन के दौरान जावर माइंस के एसबीयू हेड विनोद कुमार एवं अतिथियों ने खिलाडियों का उत्साहवर्धन किया एवं समापन में विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर विनोद कुमार ने कहा कि खेलों में लोगों और समुदाय को जोड़ने की शक्ति होती है। यह लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने और सर्वोत्तम तरीके से एकसाथ मिल कर प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है। जावर में इंटर जिंक चैंपियनशिप बास्केटबॉल प्रतियोगिता में हर टीम ने उत्साह, टीम वर्क और उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ सभी की ऊर्जा को बढ़ाया।यूनियन के महामंत्री लालूराम मीणा ने प्रतियोगिता में खिलाडियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं स्वस्थ स्पर्धा का संचार करती है। इस टूर्नामेंट में दस टीमों ने भाग लिया जिनमें जिंक प्रबंधन और युनियन की टीम भी शामिल थी। इन टीमांे के बीच 16 मैच खेले गये, महिलाओं की 4 और पुरूष वर्ग की 6 टीमों खिलाडियों ने उत्कृष्ट खेल प्रर्दशन ने दर्शको का दिल जीत लिया। इस अवसर पर जिंक कर्मचारियों सहित बडी संख्या में खेल प्रेमी पुरुष महिलाएं एवम बच्चे उपस्थित थे।

हिन्दुस्तान जिंक पीपल फर्स्ट एचआर एक्सीलेंस अवार्ड 2022 से सम्मानित

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  • कंपनी को विविधता और समावेशन पहल और प्रतिभा प्रबंधन के लिए चैंपियन अवार्ड
  • कंपनी का उद्देश्य प्रतिभाओं को ओर सशक्त करना और लिंग भेद से दूर प्रगतिशील संगठन की उत्कृष्ट प्रदर्शन संस्कृति के लिए तैयार करना है

देश की एकमात्र और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत सीसा-जस्ता और चांदी की उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड को ’पीपल फस्र्ट एचआर एक्सीलेंस अवार्ड-2022’ से सम्मानित किया गया है।

कंपनी को दो श्रेणियों विविधता और समावेशन पहल और प्रतिभा प्रबंधन में अग्रणी अभ्यास के लिए चैंपियन अवार्ड प्रदान किए गए। कंपनी को ये अवार्ड कार्यबल विविधता और प्रतिभा प्रबंधन का सदुपयोग कर समग्र कार्यप्रणाली में एचआर प्रक्रियाओं को बदलने ओर उसे लागू करने के लिए प्रदान किए गए। इस अवसर पर एचआर फ्यूचर लीडर के रूप में रूही शेरवानी, ममता शर्मा और सत्यजोत कौर, लीडिंग माइंड्स में एचआर के लिए क्रमशः अनूप कुमार और पीपल फस्र्ट लीडर के रूप में दीपक गखरेजा ने अवार्ड प्राप्त किए।

विविधता और समावेशन के लैंस के रोडमैप में समान रोजगार अवसर नीति, विविधता, इक्विटी, और समावेशी नीति की घोषणा शामिल है।

हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया है जिसमें सभी कार्यों में विविधता को शामिल किया गया है और यह व्यापार भागीदार कार्यबल में दिखे, यह भी सुनिश्चित किया गया है। कंपनी ने हाल ही में पहले ट्रांसजेंडर कर्मचारी को भी शामिल किया है जो इकाई में लैब टेक्नीशियन के रूप में फ्रंट भूमिका में तैनात है और सभी स्तरों और कार्यों में लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्ध है।

हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ श्री अरूण मिश्रा ने बताया कि हमें पीपल फस्र्ट एचआर एक्सीलेंस 2022 कार्यक्रम में दोनों पुरस्कार प्राप्त करने पर प्रसन्नता है। मैं टीम के प्रयासों को बधाई देता हूं।

हिंदुस्तान जिंक में हम अपने लोगों को प्राथमिकता देते हैं, कार्यस्थल की विविधता के क्षेत्र में उत्कृष्टता पैदा करते हैं और मानव पूंजी को हमारी सफलता में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में मानते हैं।

विविधता और समावेश का लाभ उठाने के लिए कंपनी के पास वी लीड नामक पहल है जो सीएक्सओ के रूप में महिला प्रोफेशनल्स को विकसित करने पर केन्दित है।

ये लिंग, एलजीबीटीक्यू समुदाय, विकलांग, संस्कृति आदि विषयों पर प्रशिक्षण, जागरूकता और संवेदनशीलता प्रदान करते हैं। इसके अलावा इनके पास एम्प्लाॅयी रिसोर्सेज ग्रुप (ईआरजी) हैं जहां समान विचारधारा वाले लोग चिंताओं पर चर्चा करते हैं और एक-दूसरे से सीख सकते हैं।

प्रतिभा प्रबंधन के तहत कंपनी अपनी प्रतिभा पाइपलाइन को मजबूत कर रही है और श्रेष्ट प्रदर्शन की संस्कृति तैयार कर रही है।

वे आकर्षण और अधिग्रहण, युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, क्षमता निर्माण, ड्राइविंग विविधता और प्रदर्शन प्रबंधन का लाभ उठा रहे हैं।

एक व्यावसायिक अनिवार्यता के रूप में हिंदुस्तान जिंक यह सुनिश्चित करता है कि उसका कार्यबल समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधि हो।

परिणास्वरूप, हिंदुस्तान जिंक का मानना है कि कंपनी एक अभिनव और सस्टेनेबल वातावरण में बेहतर व्यावसायिक परिणाम दे सकती है।

ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बना उज्जवल भविष्य का सपना साकार कर रहे जिंक कौशल केंद्र

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हिन्दुस्तान जिंक द्वारा हमेशा से अपने परिचालन इकाईयों के आस पास के क्षेत्र के समुदाय का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण प्राथमिकता में रहा है। जिसके लिए विभिन्न परियोजनाओं का संचालन शिक्षा, स्वास्थ्य और आवश्यकता आधारित कार्यक्रमों के अनुकूल किया जा रहा है। जिम्मेदार उद्योग के रूप में सीएसआर के तहत् हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विशेष रूप से स्थानीय ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार से जोडने के लिए जिं़क कौशल केंद्र द्वारा उनके भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु प्रयास किये जा रहे है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के कंपनी के  प्रयासों से करीब 3400 से अधिक को कौशल विकास से जोडने और उनमें से 2700 से अधिक  रोजगार एवं उद्यमी के रूप में कार्यरत होने से सफलता की ओर अग्रसर होते नजर आते है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में बेराजगारी का मुख्य कारण युवाओं में कौशल की कमी है। इसे दूर करने के लिये हिंदुस्तान जिंक ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन, टाटा स्ट्राइव और वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में हिन्दुस्तान जिं़क के कौशल विकास कार्यक्रमों संचालित किया है। ये संगठन स्थानीय युवाओं के लिए उपलब्ध रोजगार के अवसरों के साथ-साथ युवाओं की रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों की पहचान कर भौगोलिक क्षेत्रों में मूल्यांकन सर्वेक्षणों के अनुसार कार्यक्रम क शुरुआत करते है। जिंक कौशल केंद्रों में यह महत्वपूर्ण है कि युवा स्वयं किस पाठ्यक्रम या क्षेत्र मंे रूचिकर है।  वर्ष 2019-20 में स्थापित दरीबा और आगुचा के बाद अब ये कौशल केंद्र जावर, देबारी, कायड़, चंदेरिया और पंतनगर में भी संचालित है।

केंद्र में नामांकित अधिकांश प्रशिक्षु नियमित शिक्षा का हिस्सा नहीं हैं। वे ज्यादातर ड्रॉपआउट हैं,इसलिए, संस्थान उन्हें सॉफ्ट स्किल, जीवन कौशल और आईटी कौशल के साथ-साथ उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करता है। इन केंद्रो में युवाओं को जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, माइक्रोफाइनेंस एक्जीक्यूटिव, इलेक्ट्रीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, रिटेल सेल्स एग्जीक्यूटिव, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, फूड एण्ड बेवरेज सेवाएं, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट, बीएफएसआई-बिजनेस डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव, ऑटो सेल्स कंसल्टेंट जैसे पदों के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

यदि प्रशिक्षण की बात की जाए तो 400 घंटे के सहायक इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में मुख्य इलेक्ट्रीशियन की सहायता के लिए प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रिकल बेसिक्स, इलेक्ट्रिकल टूल्स हैंडलिंग, सिंगल और ट्रिपल फेज वायरिंग और ट्रबल शूटिंग का अध्ययन शामिल है। इसी प्रकार जनरल ड्यूटी असिस्टेंट में रोगी की देखभाल का व्यावहारिक प्रशिक्षण, नर्स की सहायता , स्वच्छ अस्पताल के वातावरण को बनाए रखना आदि शामिल है। अर्नआम्ड सुरक्षा गार्ड की निजी गार्ड ट्रेनिंग, आपातकालीन बचाव, सीसीटीवी निगरानी, प्राथमिक चिकित्सा और अग्नि आपात से जुड़े 270 घंटे कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। माइक्रोफाइनेंस कार्यकारी प्रशिक्षण बैंकिंग, वित्त, बीमा और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे स्वयं सहायता समूह में कार्य की जानकारी देता है। डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षण विस्तृत बुनियादी और अग्रिम कंप्यूटर ज्ञान, एमआईएस हैंडलिंग, प्रलेखन आदि प्रदान करता है। कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ट्रेड में टेली मार्केटिंग,टेली कम्युनिकेशन में प्रशिक्षण कार्मिक, बातचीत कौशल, ग्राहक संबंध प्रबंधन आदि शामिल हैं। रिटेल सेल्स एसोसिएट ट्रेड में मार्केटिंग सेल्स, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट आदि में प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षुओं को अंग्रेजी, कंप्यूटर और जीवन कौशल में भी प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को कंपनी के एक्सपोजर विजिट, जॉब ट्रेनिंग, गेस्ट लेक्चर, प्रोजेक्ट्स आदि से संपूर्ण कार्यप्रणाली से अवगत किया जाता है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद, उन्हें रोजगार से जोड़ने में हर संभव सहायता दी जाती है, साथ ही इस प्लेसमेंट के उपरांत अनुगमन कर दो वर्षो तक उन्हें परामर्श एवं सहायता भी प्रदान की जाती है।

युवाओं को कुशल बनाने के लिये सुविधाओं से लैस है कौशल केंद्र

प्रशिक्षण, निश्चित रूप से, परियोजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है और यही कारण है कि हिन्दुस्तान जिं़क उपयोग की जाने वाली सामग्री, प्रस्तावित बुनियादी ढांचे आदि सहित प्रशिक्षण की सुविधाओं पर पूरा ध्यान देता है। जिंक कौशल केंद्र प्रयोगशालाओं, आईटी और सॉफ्टवेयर के साथ ही सुरक्षा गैलरी और पुस्तकालय के साथ कौशल कक्षाओं से लैस हैं। केंद्रों में अनुभवी और योग्य प्रशिक्षकों की एक टीम, गेस्ट फेकल्टी, एक्सपोजर टूर महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् पूर्व-प्रशिक्षण, प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के उपरान्त। पूर्व-प्रशिक्षण प्रक्रिया में कौशल आवश्यकताओं का मूल्यांकन, करियर परामर्श, आदि शामिल हैं, जबकि प्रशिक्षण प्रक्रिया में व्यापार और सॉफ्ट कौशल विकास सत्र और अन्य जानकारी के साथ ही रोजगार प्रशिक्षण शामिल है। प्रक्रिया का अंतिम चरण पोस्ट-ट्रेनिंग है जिसमें जॉब फेयर, मेंटरिंग और सपोर्ट, रिफ्रेशर ट्रेनिंग, प्लेसमेंट आदि शामिल हैं। जिंक कौशल केंद्र प्रशिक्षुओं को डोमिनोज, मुथूट फाइनेंस, पैंटालून, मारुति सुजुकी, स्पेक्ट्रम रिजॉर्ट, एक्सिस बैंक, एयरटेल, क्रेडिट एक्सिस ग्रामीण लिमिटेड, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, आदि जैसी कंपनियों में सुरक्षित प्लेसमेंट में मदद करते हैं।

हिंदुस्तान जिंक, भारत में शीर्ष 15 सीएसआर मद में श्रेष्ठ कार्य करने वालों उद्योगों में से एक है अब तक राजस्थान के 184ं, उत्तराखंड के 5  और गुजरात के 16 गांवों में 700,000 लोग लाभान्वित हुए है।

‘‘जिं़क कौशल कंेद्र से असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं की मोबाईल रिपेयरिंग की दुकान शुरू करने वाले सिंदेसर कलां रेलमगरा के प्रहलाद लौहार अब स्वयं आत्मनिर्भर है। उनमें आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिये वें और उनका परिवार कंेद्र का धन्यवाद देते हुए कहते है कि अब वह परिवार के साथ साथ दूसरों के लिये भी मिसाल है। प्रहलाद जल्द ही अपनी दुकान में व्यापार विस्तार की योजना बना रहे है।‘‘

‘‘उदयपुर के एक रिसोर्ट में फूड एण्ड बेवरेज का महत्वपूर्ण कार्य संभाल रही मेडता गांव की चंचल गमेती जिं़क कौशल कंेद्र से प्रशिक्षित हैं। आज वह आत्मनिर्भर हो कर अपने परिवार की मजबूत कडी है। चंचल कहती है कि 12वीं कक्षा के बाद परिवार की जिम्मेदारी के लिये रोजगार से जुड़ने में किसी क्षेत्र में प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण चुनौती थी जिसे जिं़क कौशल कंेद्र ने पूरा किया।‘‘

द्वारा हमेशा से अपने परिचालन इकाईयों के आस पास के क्षेत्र के समुदाय का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण प्राथमिकता में रहा है। जिसके लिए विभिन्न परियोजनाओं का संचालन शिक्षा, स्वास्थ्य और आवश्यकता आधारित कार्यक्रमों के अनुकूल किया जा रहा है। जिम्मेदार उद्योग के रूप में सीएसआर के तहत् हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विशेष रूप से स्थानीय ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार से जोडने के लिए जिं़क कौशल केंद्र द्वारा उनके भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु प्रयास किये जा रहे है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के कंपनी के  प्रयासों से करीब 3400 से अधिक को कौशल विकास से जोडने और उनमें से 2700 से अधिक  रोजगार एवं उद्यमी के रूप में कार्यरत होने से सफलता की ओर अग्रसर होते नजर आते है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में बेराजगारी का मुख्य कारण युवाओं में कौशल की कमी है। इसे दूर करने के लिये हिंदुस्तान जिंक ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन, टाटा स्ट्राइव और वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में हिन्दुस्तान जिं़क के कौशल विकास कार्यक्रमों संचालित किया है। ये संगठन स्थानीय युवाओं के लिए उपलब्ध रोजगार के अवसरों के साथ-साथ युवाओं की रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों की पहचान कर भौगोलिक क्षेत्रों में मूल्यांकन सर्वेक्षणों के अनुसार कार्यक्रम क शुरुआत करते है। जिंक कौशल केंद्रों में यह महत्वपूर्ण है कि युवा स्वयं किस पाठ्यक्रम या क्षेत्र मंे रूचिकर है।  वर्ष 2019-20 में स्थापित दरीबा और आगुचा के बाद अब ये कौशल केंद्र जावर, देबारी, कायड़, चंदेरिया और पंतनगर में भी संचालित है।

केंद्र में नामांकित अधिकांश प्रशिक्षु नियमित शिक्षा का हिस्सा नहीं हैं। वे ज्यादातर ड्रॉपआउट हैं,इसलिए, संस्थान उन्हें सॉफ्ट स्किल, जीवन कौशल और आईटी कौशल के साथ-साथ उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करता है। इन केंद्रो में युवाओं को जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, माइक्रोफाइनेंस एक्जीक्यूटिव, इलेक्ट्रीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, रिटेल सेल्स एग्जीक्यूटिव, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, फूड एण्ड बेवरेज सेवाएं, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट, बीएफएसआई-बिजनेस डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव, ऑटो सेल्स कंसल्टेंट जैसे पदों के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

यदि प्रशिक्षण की बात की जाए तो 400 घंटे के सहायक इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में मुख्य इलेक्ट्रीशियन की सहायता के लिए प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रिकल बेसिक्स, इलेक्ट्रिकल टूल्स हैंडलिंग, सिंगल और ट्रिपल फेज वायरिंग और ट्रबल शूटिंग का अध्ययन शामिल है। इसी प्रकार जनरल ड्यूटी असिस्टेंट में रोगी की देखभाल का व्यावहारिक प्रशिक्षण, नर्स की सहायता , स्वच्छ अस्पताल के वातावरण को बनाए रखना आदि शामिल है। अर्नआम्ड सुरक्षा गार्ड की निजी गार्ड ट्रेनिंग, आपातकालीन बचाव, सीसीटीवी निगरानी, प्राथमिक चिकित्सा और अग्नि आपात से जुड़े 270 घंटे कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। माइक्रोफाइनेंस कार्यकारी प्रशिक्षण बैंकिंग, वित्त, बीमा और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे स्वयं सहायता समूह में कार्य की जानकारी देता है। डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षण विस्तृत बुनियादी और अग्रिम कंप्यूटर ज्ञान, एमआईएस हैंडलिंग, प्रलेखन आदि प्रदान करता है। कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ट्रेड में टेली मार्केटिंग,टेली कम्युनिकेशन में प्रशिक्षण कार्मिक, बातचीत कौशल, ग्राहक संबंध प्रबंधन आदि शामिल हैं। रिटेल सेल्स एसोसिएट ट्रेड में मार्केटिंग सेल्स, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट आदि में प्रशिक्षण कर्मियों को शामिल किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षुओं को अंग्रेजी, कंप्यूटर और जीवन कौशल में भी प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को कंपनी के एक्सपोजर विजिट, जॉब ट्रेनिंग, गेस्ट लेक्चर, प्रोजेक्ट्स आदि से संपूर्ण कार्यप्रणाली से अवगत किया जाता है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद, उन्हें रोजगार से जोड़ने में हर संभव सहायता दी जाती है, साथ ही इस प्लेसमेंट के उपरांत अनुगमन कर दो वर्षो तक उन्हें परामर्श एवं सहायता भी प्रदान की जाती है।

युवाओं को कुशल बनाने के लिये सुविधाओं से लैस है कौशल केंद्र

प्रशिक्षण, निश्चित रूप से, परियोजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है और यही कारण है कि हिन्दुस्तान जिं़क उपयोग की जाने वाली सामग्री, प्रस्तावित बुनियादी ढांचे आदि सहित प्रशिक्षण की सुविधाओं पर पूरा ध्यान देता है। जिंक कौशल केंद्र प्रयोगशालाओं, आईटी और सॉफ्टवेयर के साथ ही सुरक्षा गैलरी और पुस्तकालय के साथ कौशल कक्षाओं से लैस हैं। केंद्रों में अनुभवी और योग्य प्रशिक्षकों की एक टीम, गेस्ट फेकल्टी, एक्सपोजर टूर महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् पूर्व-प्रशिक्षण, प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के उपरान्त। पूर्व-प्रशिक्षण प्रक्रिया में कौशल आवश्यकताओं का मूल्यांकन, करियर परामर्श, आदि शामिल हैं, जबकि प्रशिक्षण प्रक्रिया में व्यापार और सॉफ्ट कौशल विकास सत्र और अन्य जानकारी के साथ ही रोजगार प्रशिक्षण शामिल है। प्रक्रिया का अंतिम चरण पोस्ट-ट्रेनिंग है जिसमें जॉब फेयर, मेंटरिंग और सपोर्ट, रिफ्रेशर ट्रेनिंग, प्लेसमेंट आदि शामिल हैं। जिंक कौशल केंद्र प्रशिक्षुओं को डोमिनोज, मुथूट फाइनेंस, पैंटालून, मारुति सुजुकी, स्पेक्ट्रम रिजॉर्ट, एक्सिस बैंक, एयरटेल, क्रेडिट एक्सिस ग्रामीण लिमिटेड, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, आदि जैसी कंपनियों में सुरक्षित प्लेसमेंट में मदद करते हैं।

हिंदुस्तान जिंक, भारत में शीर्ष 15 सीएसआर मद में श्रेष्ठ कार्य करने वालों उद्योगों में से एक है अब तक राजस्थान के 184ं, उत्तराखंड के 5  और गुजरात के 16 गांवों में 700,000 लोग लाभान्वित हुए है।

‘‘जिं़क कौशल कंेद्र से असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं की मोबाईल रिपेयरिंग की दुकान शुरू करने वाले सिंदेसर कलां रेलमगरा के प्रहलाद लौहार अब स्वयं आत्मनिर्भर है। उनमें आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिये वें और उनका परिवार कंेद्र का धन्यवाद देते हुए कहते है कि अब वह परिवार के साथ साथ दूसरों के लिये भी मिसाल है। प्रहलाद जल्द ही अपनी दुकान में व्यापार विस्तार की योजना बना रहे है।‘‘

‘‘उदयपुर के एक रिसोर्ट में फूड एण्ड बेवरेज का महत्वपूर्ण कार्य संभाल रही मेडता गांव की चंचल गमेती जिं़क कौशल कंेद्र से प्रशिक्षित हैं। आज वह आत्मनिर्भर हो कर अपने परिवार की मजबूत कडी है। चंचल कहती है कि 12वीं कक्षा के बाद परिवार की जिम्मेदारी के लिये रोजगार से जुड़ने में किसी क्षेत्र में प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण चुनौती थी जिसे जिं़क कौशल कंेद्र ने पूरा किया।‘‘

हिंदुस्तान जिंक की कायड़ माइन राजस्थान की एकमात्र 5-स्टार रेटिंग विजेता से पुरस्कृत

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खान मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई को नई दिल्ली में आजादी के अमृत महोत्सव के  आयोजन के रूप में खान और खनिजों पर छठे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर, हिंदुस्तान जिंक की कायड माइन को 5 स्टार रेटिंग प्रणाली के लिये किये गए मूल्यांकन के तहत् 2020-21 के लिये राजस्थान की एकमात्र माइन से पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार माइन को सतत विकास हेतु कार्यान्वयन में अपने अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया। हिन्दुस्तान जिं़क कायड माइन के एसबीयू निदेशक  के.सी. मीणा एवं विजेंद्र कश्यप, प्रमुख भूविज्ञान कायड माइन द्वारा यह पुरस्कार, माननीय केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह,  केंद्रीय खान, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री, प्रहलाद जोशी, खान, कोयला और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे और मंत्रालय के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में ग्रहण किया। खान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम कार्यप्रणाली  को अपनाकर वैज्ञानिक और व्यवस्थित खनन करने के लिए खान मंत्रालय के तत्वावधान में खान मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय खान ब्यूरो द्वारा यह फाइव स्टार रेटिंग पुरस्कार दिया जाता है।