अगर आपका पीएफ अकाउंट है तो जरूर पढ़ें ये खबर

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RPJHONL002220920141Z36Z14 AMईपीएफओ की अपने अंशधारकों को स्थायी भविष्य निधि खाता संख्या (यूएएन) प्रदान की महत्वाकांक्षी परियोजना अगले महीने 16 अक्टूबर से शुरू होगी।

इसके अलावा सरकार स्थायी पोर्टल श्रम पहचान संख्या (लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर, लिन) भी जारी करेगी, ताकि कारोबरी नियमन आसान बनाया जा सके और श्रम मंत्रालय के नियंत्रण में आने वाली विभिन्न एजेंसियों एवं संस्थाओं द्वारा श्रम जांच में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व लाया जा सके।

श्रम मंत्रलय की योजना के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अक्टूबर को लिन वेब पोर्टल और यूएएन पेश कर सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रम सचिव ने यूएएन और लिन पेश किए जाने के संबंध में कल एक बैठक बुलाई थी। मंत्रालय ने 16 अक्टूबर को लिन एवं यूएएन दोनों पेश करने की योजना बनाई है।

जिसे मृत समझ दफना रहे थे, वह निकला जिंदा

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indoreRPJHONL0042209201412Z00Z06 PMतेजाजी नगर में रविवार को चार साल के बच्चे को मृत समझ परिजन दफनाने पहुंच गए। श्मशान में बच्चा खांसा, तो उसे अस्पताल लेकर दौड़े। उसे आईसीयू में भर्ती किया है।

तेजाजी नगर के पास असरावद गांव निवासी कुंदन पिता जीवन चौधरी (4) घर में खेलते हुए 15 दिन पहले गिर गया था। सिर में गंभीर चोट आने से वह बेहोश हो गया। परिजन ने एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया।

हालत मे सुधार नहीं होने पर शुक्रवार को उसे निजी अस्पताल ले गए। यहां से शनिवार रात बच्चे की छुट्टी कर दी गई अस्पताल में परिजन को बताया, बच्चे के दिमाग में खून के थक्के जम गए हैं। अब हालत में सुधार होना मुश्किल है। उसे घर पर ले जाकर ही इलाज कराने की सलाह दी। राज में परिजन उसे घर ले आए।

गड्ढा खोदते समय आवाज सुनते ही चौंके
रिश्तेदार भरत ने बताया कि रविवार दोपहर बच्चे की सांस नहीं चलती देख परिजन को लगा, उसकी मौत हो गई है। डॉक्टर को दिखाए बिना ही रिश्तेदारों को इकट्ठा किया और बच्चे को दफनाने ले गए।

श्मशान में गड्ढा खोदते समय बच्चे के खांसने पर सभी चौंक गए। तेजाजी नगर में एक डॉक्टर को दिखा, तो पता चला वह जिंदा है। परिवार के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। उसे आईसीयू में रखा गया है।

हक के लिए एकजुट हुईं एकल महिलाएं

RPKGONL011220920146Z12Z32 AMउदयपुर। एकल नारी शक्ति संगठन का 3 दिवसीय जिला स्तरीय सदस्य सम्मेलन रविवार को यहां किसान भवन में शुरू हुआ। इसमें जिले के झाड़ोल, गिर्वा, कोटड़ा, सलूम्बर, गोगुन्दा, सराड़ा, खेरवाड़ा के 8 ब्लॉक की 170 एकल महिलाएं भाग ले रही हैं।

सम्मेलन के अन्तिम दिन ये सभी कलक्ट्री तक रैली निकालकर कलक्टर को मांग पत्र देंगी। सम्मेलन का आगाज वरिष्ठ सदस्य सुन्दर बाई, धर्मीबाई, पूरी, बरजूबाई आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इन सभी ने संगठन को ही अपना परिवार बताया। कार्यक्रम संगठक पवन उद्यानी ने सम्मेलन के उद्देश्य बताए। इस मौके पर एकल महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा की गई। अगले दो दिन संबंधित विभागीय अधिकारी संभागियों को विभिन्न जानकारियां देंगे।

ये समस्याएं आई सामने
पेंशन समय पर नहीं मिलती।
गरीब, अकेली हैं लेकिन बीपीएल सूची में नाम नहीं हैं।
खाद्य सुरक्षा में प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज अपर्याप्त है। यह भी समय पर नहीं मिलता।
नरेगा में मजदूरी पूरी नहीं मिलती।
ससुराल, पीहर में सम्पत्ति में अधिकार नहीं मिलता।
सम्पत्ति के लिए लड़ो तो डायन कहकर प्रताडित किया जाता है।

रेलवे की प्राथमिकताओं में नहीं राजस्थान!

RPKGONL011220920146Z17Z11 AMउदयपुर। रेलवे मंत्रालय ने देश में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 30 रेल परियोजनाओं को प्राथमिकता से लेते हुए उनके कार्यो को समय पूरा करने के लिए पर्याप्त बजट दिया है। चुनिंदा सेक्टरों में रेलगाडियों की गति बढ़ाना तय किया है,लेकिन इन दोनों ही प्राथमिकताओं में राजस्थान शामिल नहीं है।

रेल मंत्रालय ने देश में बुलेट ट्रेनों के लिए पूरी तरह से नई संरचना की आवश्यकता जताते हुए मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करके चुनिंदा सेक्टरों में रेलगाडियों की गति 160-200 किमी. प्रतिघंटा बढ़ाना तय किया है । इससे बेहतर सेवाओं के साथ यात्री कम समय में गन्तव्य तक आ जा सकेंगे। इन चुने हुए सेक्टर में दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चण्डीगढ़, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मैसूर-बेंगलूरू-चैन्नई, मुम्बई-गोवा, मुम्बई-अहमदाबाद, चैन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिकन्दराबाद शामिल है। इस सूची से स्पष्ट है कि राजस्थान रेलवे की प्राथमिकता से परे है। रेल परियोजनाओं में राजस्थान की उपेक्षा की गई है जबकि देश के कुल भू-भाग का 10 प्रतिशत क्षेत्रफल व पांच प्रतिशत आवादी राजस्थान में निवास करती है। बावजूद इसके रेल योजनाओं की प्राथमिकताओं में उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन तथा रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा नई रेललाइन को शामिल नहीं किया है । काम को गति देने राशि आवंटन तो दूर की बात है।

30 सर्वोच्च प्राथमिक रेल परियोजनाएं और आवंटित राशि

रेलवे बोर्ड निदेशक (प्लानिंग) एसजे सिन्ना के अनुसार अंजनी-वरधा तीसरी लाइन 15 करोड़ रूपए, दौंड-गुलबर्ग डबलिंग 275 करोड़, गरवा रोड-रमना डबलिंग 30 करोड़, हाजीपुर-रामदयालुनगर डबलिंग 50 करोड़, झरसुगुंडा-रेंगली डबलिंग 10 करोड़, सुकिंडा-झाजपुर बाइपास लाइन डबलिंग 10 करोड़, खुर्दा रोड-बारंग डबलिंग 12 करोड़, रजतगढ़-बारंग डबलिंग 10 करोड़, सैंथिया-मुराराई तीसरी लाइन 40 करोड़, टीनपहर-कहलगान डबलिंग 70 करोड़, कानपुर-मुगलसराय ऑटो सिग्नल 25 करोड़, सिवान-गोरखपुर-बाराबंकी इलेक्टीफिकेशन 12 करोड़, लूम्डिंग-सिलचर गेज कन्वर्जन 620 रूपए, उत्रेतिया-जफराबाद डबलिंग 130 करोड़, पठानकोट-जम्मू तवी-उधमपुर इलेक्ट्रीफिकेशन 9 करोड़, रेवाड़ी-हिसार भिवानी-रोहतक सूरतगढ़-भटिण्डा कन्वर्जन 21 करोड़, काजीपत-विजयावाड़ा तीसरी लाइन 20 करोड़, सिनी-आदित्यपुर तीसरी लाइन 50 करोड़, गोयलकेरा-मनोहरपुर तीसरी लाइन 78 करोड़, बिलासपुर-अनुपुर डबलिंग 31 करोड़, चम्पा-झरसुगुंडा तीसरी लाइन 50 करोड़, थनजावुर-पोनमलाई डबलिंग 25 करोड़, मंगलौर जंक्शन-पनमबुर डबलिंग 42 करोड़, मदुराई-टूटीकोरिन-नागरकोइल इलेक्ट्रीफिकेशन 18 करोड़, चिकजापुर-अरसीकेरे डबलिंग 130 करोड़, कटनी-सिगरौली सिडींग वर्क, भोपाल-बीना तीसरी लाइन 48 करोड़, कोटा-बीना डबलिंग 42 करोड़, लैलापुर-सुनर व वानी आरडी-साबली डबलिंग 87 करोड़ तथा उधना-जलगांव डबलिंग के लिए 300 करोड़ रूपए आवंटित किए।

प्रमुख योजनाओं में शून्य
रेल गति बढ़ाने और सर्वोच्च प्राथमिक योजनाओं, दोनों में ही राजस्थान को शून्य हिस्सा प्राप्त हुआ है। दोनों योजनाओं में राजस्थान की एक-एक परियोजना शामिल करनी चाहिए। गोपीराम अग्रवाल, अध्यक्ष राजस्थान ट्रायबल एरिया विकास समिति बांसवाड़ा

क्या आपकी लिपस्टिक हलाल है?

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uuaipur. आप का शैम्पू ‘हलाल’ है? क्या आपकी लिपिस्टिक और नेल पॉलिश जैसे सौंदर्य उत्पादों में अल्कोहल है?

आजकल अहमदाबाद में दो बहनें सभी से यही सवाल पूछ रही हैं.
मौली और गिरिश्मा तेली ने पिछले महीने भारत में पहले ‘हलाल’ सौंदर्य उत्पादों का ब्रैंड ‘इबा’ लॉन्च किया. ये उत्पाद उनकी अपनी फ़ैक्ट्री में बनते हैं.
भारत में उत्पादों को हलाल होने सर्टिफ़िकेट भी दिया जाता है और देश में 300 हलाल सर्टिफ़ाइड कंपनियां सिर्फ़ गुजरात में हैं.
दुनिया भर में मशहूर ‘हलाल’ सर्टिफ़िकेट वाले उत्पाद भारत में भी लोकप्रिय हो रहे हैं, लेकिन ये हलाल उत्पाद हैं क्या?
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मौली और गिरिश्मा अहमदाबाद के एक जैन परिवार में जन्मीं और दो साल पहले इकोट्रेल पर्सनल केयर कंपनी शुरू की थी.
अपनी विदेश यात्राओं के दौरान अक्सर दोनों बहनें ‘हलाल’ सौंदर्य उत्पाद की दुकानें देखतीं थीं.
मुस्लिम महिलाएं कई सौंदर्य उत्पादों का इस्तेमाल नहीं कर पातीं, क्योंकि वो हलाल नहीं हैं. बस यहीं से शुरुआत हुई.”
गिरिश्मा कहती हैं, “ज़्यादातर नेल पॉलिश में ऐसे पॉलिमर होते हैं, जो वज़ू करते वक़्त नाखून को गीला नहीं होने देते. कई लिपस्टिक उत्पादों में सूअर की चर्बी होती है और ज़्यादातर शैम्पू और परफ्यूम में अल्कोहल होता है. हमने शोध शुरू किया और डेढ़ वर्ष में सफलता मिली.”

पर्फ़्यूम और नेल पॉलिश

पुराने शहर और मॉल को छोड़कर अहमदाबाद में चंद ही जगहें हैं, जहाँ हिन्दू और मुसलमान साथ में ख़रीदारी करते हैं.
मौली का कहना है, “मुझे ख़ुशी है कि हमारी दोनों दुकानों में सभी धर्म के लोग आते हैं, जो अहमदाबाद में कम ही होता है. आज बाज़ार में मिलने वाले ज़्यादातर कॉस्मेटिक उत्पादों का पशुओं पर परीक्षण किया जाता है और यह पूरी तरह शाकाहारी नहीं होते. इसी वजह से हिन्दू, जैन और मुसलमान सभी हमारे उत्पादों को सराहा रहे हैं.”
वो कहती हैं, “ज़्यादातर लोग हलाल का मतलब मीट या नॉनवेज समझते हैं. हम यह सोच दूर करना चाहते हैं.”
मौली बताती हैं, “अपने उत्पाद का परीक्षण हम ख़ुद पर ही करते हैं. परफ़्यूम में अल्कोहल की जगह पानी है, लिपस्टिक्स में सुअर की चर्बी की जगह कोको बटर है और नेल पॉलिश वज़ू फ़्रेंड्ली है और किसी भी प्रोडक्ट में एनिमल प्रोडक्ट्स नहीं हैं.”

क्या है हलाल?

हलाल एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है वैध. इस्लाम में ज़्यादातर विषयों को या तो ‘हलाल’ या ‘हराम’ कह कर समझाया जाता है. कई मुस्लिम देश में खाद्य या अन्य उत्पाद के लिए हलाल सर्टिफिकेट आवश्यक है.
सर्टिफ़िकेट लेने वाली कंपनियं उत्पादों में एंजाइम, रक्त और रक्त उत्पादों, मांस, अल्कोहल और पशुओं से निकाली जाने वाली सामग्री का उपयोग नहीं कर सकतीं.
हलाल सर्टिफ़िकेट दवा फ़ैक्ट्री, अस्पताल, बैंक, होटल और इंटरनेट साइट्स को भी दिए जाते हैं.
हलाल सर्टिफ़ाइड इंटरनेट सर्च इंजन में सुअर का मांस, अश्लील साहित्य या शराब जैसे शब्द लिखने से कोई परिणाम नहीं आता.

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हलाल अस्पताल
भारत विश्व में हलाल मीट बेचने वाला सबसे बड़ा देश है. विश्व स्तर पर पर हलाल खाद्य पदार्थों और इस्लामिक जीवनशैली वाले उत्पादों का बाज़ार करीब 1.62 ख़रब डॉलर का माना जा रहा है.
दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश भारत में इन उत्पादों का बाज़ार अब बड़ा हो रहा है.
भारत में हलाल सर्टिफ़िकेट्स देने वाली संस्था हलाल इंडिया के हेड ऑडिटर तफ़्सीर अंसारी कहते हैं, “भारत में क़रीब 600 से अधिक हलाल सर्टिफ़िकेट दिए गए हैं, जिनमें 300 के क़रीब सिर्फ़ गुजरात की हैं.”
वो बताते हैं, “हमने भारत में लगभग 150 रेस्त्रां और सात अस्पतालों को भी हलाल सर्टिफ़िकेट दिया है. इन अस्पतालों में महिला मरीज़ों की जांच महिला डॉक्टर ही करती हैं”

राजस्थान के हजारों कर्मचारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी

Rajasthan-gover40955Udaipur. तबादलों की राह देख रहे प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों को जल्द खुशखबर मिल सकती है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द तबादलों पर लगी रोक हटाने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक तबादलों पर लगी रोक हटाने और कोटा संभाग के 4 अक्टूबर से प्रस्तावित दौरे की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुख्य सचिव से लम्बी मंत्रणा हुई।

उल्लेखनीय है कि तबादलों पर रोक हटाने को लेकर लम्बे समय से मंत्री, विधायक, सांसद और पार्टी पदाधिकारी मांग कर रहे हैं।

पूर्व विधायकों की पारिवारिक पेंशन बढ़ाई
पूर्व विधायकों की पारिवारिक पेंशन ढाई हजार से बढ़ाकर साढ़े तीन हजार रूपए की जाएगी। राज्य विधानसभा ने गुरूवार को इस संबंध में विधेयक पारित कर दिया।

संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एक हजार रूपए बढ़ाने के बाद भी पूर्व विधायकों के परिवार को दी जाने वाली पेंशन कम हैं, ऎसे में इसे और बढ़ाने पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर ली जाएगी।

कार में सेक्स रैकेट, इंटरनेट के जरिए होती थी बुकिंग

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RPJHONL0031809201411Z25Z09 PMजयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस ने हाईप्रोफाइल अंदाज में चलने वाले वैश्यावृति रैकेट का पर्दाफाश किया। दो घंटे तक एक कार के का पीछा करते हुए पुलिस की जीप दौड़ती रही।

आखिरकार श्यामनगर पुलिस ने अजमेर रोड पर डीसीएम के पास कार को ओवरटेक कर घेर लिया। कार में एक युवती और तीन युवकों को संदिग्धावस्था में दबोच लिया गया।

जब पूछताछ हुई तो पुलिस भी चौंक गई। कार के अंदर ही सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था। कोलकाता निवासी युवती तीन दिन पहले फ्लाइट से जयपुर आई थी और इन दिनों एक होटल में ठहरी हुई थी।

थानाधिकारी श्याम नगर सुगन सिंह ने बताया कि कार में अलमोड़ा (उत्तराखण्ड) के सोमेश्वर निवासी गोपालराम और पुणे के लालमंडी निवासी राजकुमार गुप्ता दलाल पकड़े हैं।

कार की पिछली सीट पर युवती संग ग्राहक चित्रकूट निवासी जगबहार सिंह उर्फ विशाल मिला था। कार्तिक नाम का एक अन्य युवक भाग निकला।

युवती और दलाल इंटरनेट पर जयपुर एस्कॉर्ट नाम से रैकेट संचालित करते थे। इसी से ग्राहकों से संपर्क कर तारीखें तय करते थे, तभी युवती कोलकाता से आती थी।

रेल यात्रियों को मिलेगी राहत, नई सुविधा होगी शुरू

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trainRPJHONL004190920149Z47Z56 AMजयपुर। रेलवे ने लंबी लाइनों से यात्रियों को राहत देने के लिए अब आरक्षित टिकट बुकिंग की सेवा जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस) को भी देने जा रहा है।

योग्यता सिर्फ इतनी है कि जेटीबीएस पिछले पांच साल बेहतर तरीके से चला हो और उसके खिलाफ किसी प्रकार के रेल नियम उल्लघंन का मामला न हो।

हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड कम टर्मिनल(खिड़की) वाले जेटीबीएस पर भी यह सुविधा देने और पांच साल की सीमा को कम करने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले रेलवे ट्रैवलर सर्विस एजेंटों को यात्री टिकट सुविधा केंद्र चलाने के लिए घोषणा कर चुका है।

30 प्रतिशत अधिक लेंगे किराया : जयपुर में 18 जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक हैं। यात्री टिकट सुविधा केंद्र के लिए चार टर्मिनल निर्घारित किए गए हैं।

ऎसे में रेलवे ने चार टर्मिनल वाले केंद्र खोले तो 72 और दो टर्मिनल वाले भी खोले तो लोगों को 36 आरक्षित टिकट काउंटर अतिरिक्त उपलब्ध होंगे। मंडल में 80 जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक हैं। मंडल वरिष्ठ रेल अधिकारी के अनुसार इस टिकट पर जेटीबीएस 30 प्रतिशत अधिक किराया वसूल करेंगे।

रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार मंडल में 13 जेटीबीएस को यह काम देने की तैयारी चल रही है। जल्द ही इन्हें टिकट आरक्षण का काम भी सौंप दिया जाएगा।
वीरेंद्र कुमार, डीआरएम, जयपुर

वाटर स्पोट्र्स, एडवेंचर टूरिज्म का खाका तैयार

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उदयपुर। उदयपुर शहर और जिले में एडवेंचर तथा वाटर स्पोट्र्स टूरिज्म विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने गुरूवार को खाका तैयार कर लिया है। जहां टूरिज्म साइट विकसित करनी है, उसके मौके देखने के लिए जल्द ही पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव उदयपुर आएंगे। इस बीच प्रशासन ने नई टूरिज्म गतिविधियां विकसित करने के लिए पीपीपी मोड पर निजी फर्मो, कंपनियों के प्रस्ताव मांगने शुरू कर दिए हैं।

निजी सहभागिता से विकसित किए जाने वाली पर्यटन की गतिविधियां संचालित करने की इच्छुक फर्मे, कंपनियां कलेक्ट्रट में प्रस्ताव जमा करा सकती हैं। कलक्टर आशुतोष एटी पेडणेकर ने इस मसले पर गुरूवार को वन विभाग और पर्यटन विभाग की बैठक बुलाई। हाल ही सरकार आपके द्वार में मुख्यमंत्री वसुंधराराजे द्वारा यह गतिविधियां विकसित करने के दिए निर्देशों के तहत पर्यटन विकास की संभावनाओं पर बात हुई।

चमकेगा बाघदड़ा नेचर पार्क
झामरकोटड़ा रोड स्थित मगरमच्छों के बाघदड़ा नेचर पार्क को भी विकसित किया जाएगा। इसका समग्र प्लान बन रहा है। इस ओर टूरिस्ट को आकर्षित करने के नए और काम होंगे। जबकि चावंड में महराणा प्रताप के जीवन दर्शन को प्रदर्शित करने वाले स्ट्रक्चर, कार्य, म्यूजियम आदि के पुराने प्रस्तावों को पूरा करने पर विचार चल रहा है।

फतह मेमोरियल में सेन्टर
सूरजपोल स्थित फतह मेमोरियल में टूरिस्ट इंटर्रपे्रटेशन सेन्टर बनाया जाएगा। जहां सैलानी शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थल, पर्यटन केन्द्रों के विजुअल तकनीक से देख सकेंगे। इस पर साठ लाख रूपए व्यय होंगे। इसके अलावा हैरिटेज टूरिज्म पर भी जोर दिया जा रहा है।

ये होंगे आकर्षण
वाटर स्पोट्र्स, हॉट एयर बैलूनिंग, पैरासिलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, जिप-लाइन, रेपलिंग, आउटडोर कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग, इको टूरिज्म के तहत फोरेस्ट ट्रेवल्स, उदयपुर शहर के आसपास जंगलों में विकसित किए जाएंगे। शहर में फतहसागर, पिछोला सहित बड़ी तालाब , जयसमंद में बोटिंग और वाटर स्पोट्र्स टूरिज्म की संभावनाओं पर काम होगा। बड़ी तालाब, जिले में झाड़ोल, कोटड़ा, फुलवारी की नाल, पानरवा के जंगल क्षेत्र में इको टूरिज्म के काम शुरू होंगे।

देखे विरासत संरक्षण के काम
नगर निगम की मेयर रजनी डांगी व समिति अध्यक्ष गुरूवार को कवरपंदा स्कूल व नानीगली में चल रहे विरासत संरक्षण के काम देखने गए। वहां नगर निगम की ओर से कराए जा रहे कार्य को लेकर प्रगति जानी। निगम ने वहां 45 लाख रूपए विरासत संरक्षण के लिए स्वीकृति किए है। कवरपंदा स्कूल में बारीकी के साथ काम कर पुराने पत्थरों में से पुरानी कलाकृतियां निकाली जा रही है, वहां पहले सीमेंट का मसाला लगा दिया गया था। इस दौरान समिति अध्यक्ष प्रेमसिंह शक्तावत, के.के. कुमावत, भंवर सिंह देवड़ा, क्षेत्रीय पार्षद कल्पना भटनागर आदि उपस्थित थी।

लेकसिटी को वाई-फाई बनाने की मशक्कत

wifi-logoउदयपुर। टूरिस्ट सिटी और लेकसिटी को अब वाई-फाई सिटी की पहचान दिलाने की नई कोशिश शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने पहल करते हुए इस बारे में निजी फोन कंपनियों से बातचीत चालू कर दी है।

इसी के साथ केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान में स्मार्ट सिटी बनाने की होने वाली घोषणा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने यह दर्जा उदयपुर को दिलाने की पैरवी भी की है। जिला कलक्टर आशुतोष एटी पेडणेकर ने इंटरनेट यूजर्स और शहर में ऑनलाइन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पूरे शहर को वाई-फाई से जोड़ने की सोच पर काम शुरू किया है।

टाटा कंपनी के प्रतिनिधियों से वाई-फाई नेटवर्क पर चर्चा की गई है। इसमें फिलहाल तकनीकी तौर पर और जानकारियां लेनी बाकी हैं। इसके अलावा रिलायंस कंपनी के प्रतिनिधियों को भी बातचीत के लिए बुलाया गया है।

एक करोड़ अनुमानित खर्च
प्रशासन के अनुसार शहर में वाई-फाई पर अनुमानित एक करोड़ रूपए का खर्चा आएगा। वास्तविक गणना फिलहाल तैयार नहीं है, लेकिन इतना पैसा सरकारी विभागों या किसी न किसी स्तर पर वहन कर शहर को ऑनलाइन सुविधाओं में देश में आगे लाने का रास्ता खोजा जा
सकता है।