महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन 33वाँ वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह-2015

33rd MMFAA Logoग्रोवर को हकीम खाँ सूर, अनु आगा पन्नाधाय, प्रो. स्मिथ जेम्स टॉड,
पियुष पाण्डे हल्दीघाटी व पयांग महाराणा उदयसिंह सम्मान से होंगे अलंकृत
उदयपुर, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के इस वर्ष होने वाले 33वें वार्षिक अलंकरण समारोह के अवसर पर लन्दन स्थित केम्ब्रिज युनिवरसिटी में संस्कृत अध्यापन से शुरूआत करने वाले प्रो. जॉन डी. स्मिथ, विज्ञापनों से सामाजिक क्रान्ति लाने वाले पियुष पाण्डे, मानवाधिकारों के लिए लडऩे वाली जानी मानी अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर, फोरेस्ट मेन ऑफ आसाम के नाम से मशहूर पद्मश्री जादव मुलाय पयांग, थर्मेक्स लि. से सेवानिवृत्ता समाजसेवी पद्मश्री अनु आगा को महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के अलंकरणों से सम्मानित किया जाएगा।
फाउण्डेशन के वर्ष 2015 के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय अलंकरणों की आज यहाँ घोषणा करते हुए वार्षिक अलंकरण समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि अलंकरण समारोह आगामी 22 मार्च, 2015, रविवार को सायं 4.00 बजे सिटी पैलेस उदयपुर के माणक चौक प्रांगण में आयोजित होगा, जिसमें ये अलंकरण फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ प्रदान करेंगे तथा समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रकवि बालकवि बैरागी द्वारा की जावेगी।

पियुष पाण्डे
पियुष पाण्डे
प्रो. जॉन डी. स्मिथ
प्रो. जॉन डी. स्मिथ
अलंकरण समारोह के संयोजक डॉ. गुप्ता ने बताया कि भारत के प्रति सार्वभौम सम्पादित स्थायी मूल्यों की सेवाओं के उपलक्ष्य में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष दिया जाने वाला कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण प्रो. जॉन डी. स्मिथ को राजस्थान और विशेषत: मेवाड़ की फड़ चित्रकारी पर शोध एवं अनुवाद का लेखन कर अनेक पुस्तकों के माध्यम से भारतीय एवं विदेशी शोधकर्ताओं को नई दिशा प्रदान की। इस अलंकरण के तहत 111001/- की राशि, तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे।
वर्ष 1996 में स्थापित इस अलंकरण से अब तक मार्क टुली, सर वी. एस. नॉयपॉल, डॉ. चितरंजन एस. राणावत, लुईजी जॉन्जी, एम.एम. कै, सुप्रसिद्ध अभिनेता-निर्माता एवं निर्देशक लार्ड रिचर्ड एटनबरो, अब्बास सादडीवाला, रूडोल्फ दम्पत्ति, सर नून, एन्ड्रयु टॉप्सफिल्ड, मिंजा यांग आदि विभूतियों को सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि विज्ञापन कम्पनी ओगिल्वी एण्ड मेदर के दक्षिण एशिया के कार्यकारी अध्यक्ष एवं रचनात्मक निदेशक पियुष पाण्डे को अपने रचनात्मक एवं विज्ञापन की विशेष प्रणाली के लिए जाना जाता है। श्री पाण्डे के रचनात्मक अभियानों में प्रमुखत: चलो पढ़ाएँ, कुछ कर दिखाएँ, बेल बजाओ, आकांक्षा, केन्सर पीडि़तों की सहायता के लिए धूम्रपान निषेध आदि है। सामाजिक चेतना जगाने वाले अनेक विज्ञापनों के माध्यम से अलख जगाने वाले श्री पाण्डे को राष्ट्रीय स्तर का हल्दीघाटी अलंकरण प्रदान किया जाएगा।
पद्मश्री अनु आगा
पद्मश्री अनु आगा
 पद्मश्री जादव मुलाय पयांग
पद्मश्री जादव मुलाय पयांग
 वृन्दा ग्रोवर
वृन्दा ग्रोवर
वर्ष 1982 में स्थापित हल्दीघाटी सम्मान से अब तक कर्पूर चन्द्र कुलिश, विनोद दुआ, प्रणव रॉय, मृणाल पाण्डे, एम.जे. अकबर, कुलदीप नैयर, धर्मवीर भारती, बरखा दत्ता एवं मुम्बई के स्वतन्त्र पत्रकार मुजफ्फर हुसैन, इण्डियन एक्सप्रेस के कार्यकारी सम्पादक शेखर गुप्ता, राजदीप सरदेसाई, आलोक मेहता, प्रबलप्रताप सिंह, तवलीन सिंह, वेद प्रताप वैदिक, संजीव श्रीवास्तव, हरिन्दर बावेजा, गुलाब कोठारी, अरनाब गोस्वामी सहित अनेक मीडियाकर्मी सम्मानित हो चुके हैं।
संयोजक गुप्ता ने बताया कि साम्प्रदायिक सद्भाव, देशप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता और अखण्डता के क्षेत्र में स्थायी सेवाओं के लिये दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का हकीम खाँ सूर अलंकरण इस बार मानवाधिकारों के लिए लडऩे वाली जानी मानी प्रख्यात अधिवक्ता एवं समाजसेविका श्रीमती वृन्दा ग्रोवर को प्रदान किया जा रहा है।
संयोजक गुप्ता के अनुसार पर्यावरण संरक्षण-संवद्र्धन के क्षेत्र में की गई स्थाई मूल्य की सेवाओं के लिए महाराणा उदयसिंह अलंकरण इस वर्ष देश के फोरेस्ट मेन ऑफ दी आसाम के नाम से मशहूर पर्यावरणप्रेमी पद्मश्री जादव मुलाय पयांग को प्रदान किया जावेगा। जिन्होंने सरकारी उदासीनता को नजरअन्दाज करते हुए स्वयं के अथक प्रयासों से आसाम के अरुणाचापोरी क्षेत्र को जंगल बना दिया जिसे सरकार ने इस वन क्षेत्र को मुलाय फोरेस्ट के नाम से घोषित कर दिया।
अपने निर्धारित दायित्व की सीमा से ऊपर उठकर किये गये कार्य के लिये दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का पन्नाधाय अलंकरण विषम परिस्थितियों में आगे बढक़र कार्य करने वाली पद्मश्री अनु आगा को सामाजिक सेवा के प्रति किए गए कार्यों हेतु प्रदान किया जाएगा।
वर्ष 1997 में स्थापित इस अलंकरण से अब तक प्रो. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, किरण बेदी एवं श्रीमती अरूणा रॉय, करमबीर सिंह कांग, आमटे दम्पत्ति, कैप्टन सौंधी सहित 16 विभूतियां सम्मानित हो चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर दिये जाने वाले उक्त चारों अलंकरणों के तहत प्रत्येक विभूति को 51001 रु. नकद, तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे। फाउण्डेशन के अलंकरण समारोह के संयोजक ने बताया कि इन सभी विभूतियों ने फाउण्डेशन की ओर से उन्हें प्रदत्त अलंकरण ग्रहण करने के लिए आगामी 22 मार्च को उदयपुर आने की सहमति प्रदान कर दी है।

साउथ एशियन यूथ फेस्टिवल, दो सौ विद्यार्थी सिटी पैलेस देख हुए अभिभूत

Photo-1उदयपुर, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के तत्वावधान में चल रहे साउथ एशियन यूथ फेस्टिवल के चौथे दिन मंगलवार को देश-विदेश से आए 200 छात्र-छात्राओं ने यहां सिटी पैलेस संग्रहालय का नि:शुल्क भ्रमण किया। विद्यालयों ने मेवाड़ की वास्तुकला के साथ ही यहां के इतिहास, चित्रकारी एवं अन्य कलाओं की बारीकि से जानकारी प्राप्त की।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि मेवाड़ की भव्य वास्तुकला, प्राचीन चित्रकारी, शस्त्र, पैलेस स्थित टेक्सटाईल गैलेरी, स्कल्पचर गैलेरी, सिल्वर गैलेरी को देख विद्यार्थी अभिभूत हो उठे। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ से मुलाकात कर उनके साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया।

हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान में सड़क सुरक्षा के लिए उठाया अनूठा कदम

Hindustan Zinc Road Safety classes in Kendriya Vidyalaya in Ajmerभारत में सड़क दुर्घटनाओं के लिए महत्वपूर्ण कारण सड़क सुरक्षा के प्रति अनभिज्ञता और लापरवाही है। यह भी सत्य है कि सड़क दुर्घटनाओं में विष्व में अन्य देषों की तुलना में भारत में लोगों की ज्यादा मृत्यु होती है।

अन्ततःः देखा जाए तो सड़क सुरक्षा के नियमों, उनकी आवष्यकता तथा उनके पालन से स्वयं व पूरे परिवार की किस तरह से सुरक्षा प्राप्त होती है इस बात पर जोर देने की आवष्यकता है। आम जनता को अवगत कराना तथा लापरवाही न बरतने के लिए प्रतिबद्ध करना ही एक मात्र है उपाय है सड़क दुर्घटनाओं से बचने का।

इस संदर्भ में हिन्दुस्तान जिं़क ने राज्य परिवहन निरीक्षक संघ के साथ जुड़कर एक अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान के अन्तर्गत एक सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन उपलब्ध कराई गयी है जिसमें एक लैपटोप, डिजिटल कैमरा 42 इंच का एक प्रोजेक्षन स्क्रीन के साथ एल.सी.डी प्रोजेक्टर, एम्पलीफायर तथा हाई डेसीबल ध्वनि प्रणाली आदि सुविधाएं उपलब्ध है। बिजली न होने की स्थिति में एक डिजिटल इनवर्टर भी है। इस सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन द्वारा 90 मिनट के ऑडियो-वीडियो प्रषिक्षण सत्र में षिक्षण के तरीके, दिषा-निर्देष, यातायात नियम, सड़क सुरक्षा पर व्यवहारिक प्रषिक्षण तथा प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी दी जाती है। यह कार्यक्रम वार्तालाप पर आधारित है जिसमें दर्षक प्रष्नों के माध्यम से शामिल होकर जवाब देते हैं। दर्षकों को सड़क सुरक्षा के लिए दिषा-निर्देषों की बुकलेट भी वितरित की जाती है। सड़क सुरक्षा नियमों के क्रियान्वयन के लिए स्थानीय पुलिस के सहयोग से विषेष अभियान की शुरूआत की गयी है।

श्री वीरेन्द्र सिंह राठौड़, प्रदेष अध्यक्ष-राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ जो राजस्थान सड़क सुरक्षा षिक्षा एवं जागरूकता मिषन के प्रोजेक्ट हेड भी है ने सूचित किया कि हिन्दुस्तान जिं़क ने ‘‘सड़क सुरक्षा मोबाइल वैन’’ उपलब्ध करा कर सड़क सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसके माध्यम से हम दूरदराज गांवों, स्कूलों एवं ग्रामीण लोगों तक पहुंच पाये हैं। वैन में वीडियो स्क्रीन है जिससे लोगो को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म दिखाते हैं और लोगों को गंभीर स्थितियों के बारे में जानकारी देने में मदद मिल रही है।

हिन्दुस्तान जिंक के कार्पोरेट कम्यूनिकेषन हेड-पवन कौषिक ने बताया कि परियोजना अब तक लगभग 600 प्रषिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से लगभग 100,000 लोगों तक पहुंच चुकी हैं जिसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखी जा रही है। राजसमन्द जिला में सड़क दुर्धटनाओं में 40 प्रतिषत की कमी की सफलता की कहानी का एक उदाहरण है।

ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि पूरे भारत में यह एक पहली तरह की सड़क सुरक्षा पर कार्यक्रम है इसकी सफलता को देखकर अब दूसरे राज्य भी जैसे कर्नाटक व उत्तरप्रदेष भी यह प्रयोग करने को उत्सुक है।

एनसीसी मैस हेतु आवेदन मांगे

उदयपुर, उदयपुर में एनसीसी ऑफिसर मैस के लिए एक भवन (जो प्लिंथ एरिया लगभग 2500 वर्ग फीट, 5 बैड रूम, ड्राइंग रूम, डाइनिंग हॉल एवं किचन संयुक्त) किराये लेना है।
10 राज बटालियन (एनसीसी) कर्नल लखविन्दर सिंह ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति मोबाइल नंबर 8696908610 पर सम्पर्क साध सकते हैं।

कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम 23 से

उदयपुर,प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम आगामी 23 मार्च से शुरू किये जा रहे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 16 मार्च तथा फीस जमा कराने की अंतिम तिथि 20 मार्च है।
महाविद्यालय के डीन डॉ.बी.पी.नन्दवाना ने बताया कि पाठ्यक्रमों में इलेक्ट्रिकल सुपरवाइज़र, माइनिंग सुपरवाइज़र व प्रोसेसिंग ऑफ फूड मेटिरियल्स सुपरवाईज़र के कोर्सेज शामिल हैं।
यह पाठ्यक्रम ग्रामीण व शहरी शिक्षित युवाओं को स्वावलम्बी बनाकर स्वरोजगार अपनाने के दृष्टिगत चलाये जा रहे हैं। इसमें 18 सप्ताह के इलेक्ट्रिकल सुपरवाईज़र कोर्स की 30 सीटोें के लिए आठवीं पास, 6 माह के माईनिंग सुपरवाईज़र कोर्स के लिए दसवीं पास तथा 32 सप्ताह के सेमेस्टर वाले प्रोसेसिंग ऑफ फूड मेटिरियल्स सुपरवाइज़र के लिए विज्ञान व गणित विषयों में बारहवीं पास व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।

स्थायीकरण आवेदन 15 तक मांगे

उदयपुर, नवनियुक्त द्वितीय वेतन श्रंृखला अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षक सत्र 2008 एवं 2011 के शिक्षकों के वेतन नियमन एवं स्थायीकरण के आदेश शिक्षा उपनिदेशक माध्यमिक उदयपुर मण्डल द्वारा जारी किये गये हैं। शिक्षा उपनिदेशक माध्यमिक ने बताया कि संबंधित कार्मिक अपने स्थायीकरण के आवेदन पत्र स्वयं के संस्था प्रधान से प्रमाणित कर जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से 15 मार्च तक स्थानीय कार्यालय में अनिवार्य रूप से भिजवा दें।

राज्य स्तरीय आरोग्य मेला 14 मार्च से

उदयपुर, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के साझे में आरोग्य मेला 14 से 17 मार्च तक नगर-निगम प्रांगण (टाउनहॉल) में आयोजित होगा।
आयुर्वेद विभाग निदेशक मोहम्मद यासिन पठान ने बताया कि मेले का उद्घाटन राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी के आतिथ्य में होगा।
आरोग्य मेले के नोडल ऑफिसर प्रो. जी.एस. इन्दौरिया ने बताया कि टाउनहॉल प्रांगण में आरोग्य मेले के लिये स्टॉल एवं मंच आदि बनाये जाने का कार्य प्रगति पर है। मेले में सूचना, शिक्षा एवं सम्प्रेषण के लिये टाउनहॉल प्रांगण में 70 से अधिक स्टाल लगाये जाने की व्यवस्था की जा रही है, जिनमें देशभर में उत्कृष्ट औषध निर्माण कम्पनियों के उत्पाद एवं विपणन प्रक्रियाओं को प्रदर्शित किया जायेगा। युवा उद्यमियों के लिये इस क्षैत्र में कार्य करने हेतु उचित मार्गदर्शन एवं आयुर्वेद उत्पादों जिनमें जड़ी-बूटियों से बनने वाले टेबलेट, सीरप, केप्सूल, तेल, अवलेह एवं पाक बनाये जाने एवं विक्रय किये जाने की प्रक्रियाऐं समझने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि जनसामान्य को स्वास्थ्य रक्षा उपायों के लिये आरोग्य मेला प्रांगण में विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से तथा विशेषज्ञों के व्याख्यान द्वारा निरन्तर दृश्य-श्रृव्य विधियां जिनमें एलसीडी स्क्रीन एवं चार्ट पोस्टर बेनरों से आकर्षक जानकारियां उपलब्ध कराई जायेंगी। मेले मे विश्वभर में प्रसिद्ध हो रहे योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानो के द्वारा विभिन्न यौगिक क्रियाओं का प्रदर्शन आरोग्य मेला प्रांगण में प्रदर्शित किया जायेगा। स्वास्थ्य क्षैत्र में इन सेवाओं का लाभ आमजन के लिये निःशुल्क उपलब्ध रहेगा वहीं प्रतिदिन सुबह 7 से 8 बजे योगादि सेवाएं दी जायेगी। उन्होंने बताया कि आरोग्य मेला स्थल पर ग्रीन हाउस के माध्यम से विभिन्न उपयोगी जड़ी-बूटियों के पौधे प्रदर्शित किये जायेंगें। निजी वाटिकाओं, उद्यानों में औषध पादपों को लगाने के इच्छुक व्यक्तियों एवं संस्थाओं के लिये औषध पादपों के लिये विक्रय किये जाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। श्री इंदौरिया ने बताया कि आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी चिकित्सा के क्षैत्र में विशेषज्ञों द्वारा रोगियों को चिकित्सा परामर्श निःशुल्क उपलब्घ कराया जायेगा। साईटिका, माइग्रेन, डायबिटीज, उदर रोग, अस्थि संधियों के रोग, रक्त विकार एवं अन्य जीर्ण एवं जटिल रोगो के उपचार एवं परामर्श हेतु आरोग्य मेला स्थल पर जनसामान्य के लिये विशेषज्ञ सेवाऐं निःशुल्क उपलब्ध रहेंगी साथ ही आरोग्य मेला स्थल पर पंचकर्म एवं क्षारसूत्र का विशेष परीक्षण एवं परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
उन्होंने बताया कि आरोग्य के क्षैत्र में विभिन्न लेखकों एवं विशेषज्ञों द्वारा लिखा गया साहित्य एवं प्रकाशन इस क्षैत्र में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं के लिये उपलब्ध कराया जायेगा। आयुर्वेद शिक्षा, चिकित्सा एवं अनुसंधान के क्षैत्र में कार्य कर रही संस्थाओं द्वारा जनोपयोगी जानकारियां जनसामान्य को प्रदान कराई जायेगी। आरोग्य मेले की जानकारी हेतु मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उयदपुर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जो 14 से 17 मार्च तक आरोग्य मेला कार्यरत करेगा।

12वीं शैक्षणेत्तर कर्मचारी कुलपति चल-वैजयन्ति खेल-कूद प्रतियोगिता का भव्य शुभारम्भ

DSC_0294 उदयपुर ,महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की शैक्षणेत्तर कर्मचारियों की 12 वीं कुलपति चल वैजयन्ती खेल कूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ आर.सी.ए. के खेल प्रागंण में आज मंगलवार को प्रातः 9.00 बजे हुआ। यह चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता अनुसंधान निदेशालय एवं राजस्थान कृषि महाविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है । माननीय कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर प्रोफेसर ओ.पी. गिल ने अपने संदेश में सभी खिलाडियों को हार्दिक बधाई एवं खेलो को खेल की भावना से खेलने का संदेश दिया।
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DSC_0253खेलकूद कार्यक्रमों का उद्घाटन की घोषणा करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. पी एल मालीवाल, निदेशक अनुसंधान एम पी यू ए टी उदयपुर ने खेल घ्वजारोहण किया एवं मार्चपास्ट की सलामी ली। मार्चपास्ट का नेतृत्व आरसीए के प्रधान श्री रजनीकांत शर्मा ने किया। पा्रेफेसर मालीवाल ने खिलाड़ियों को भाई-चारे एवं पूर्ण निष्ठा से खेलने की शपथ भी दिलवाई। उन्होंने कहा कि खेलों से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है तथा खेलों से सद्भावना, स्फूर्ति एवं उत्साहवर्घन के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा. वाई सी भटट् ने अपने जोशीले उद्बोधन में खिलाड़ियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि हारने वाली टीम को निराश नहीं होना चाहिए, इस प्रकार उन्हें अपनी कमियां दूर करने एवं नई चुनौतियों से जीत का अवसर मिलता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के वित नियंत्रक श्रीमान डी एन पुरोहित ने आयोजकों को प्रतियोगिताओं के आयोजन की बधाई दी। उन्होने कहा कि उम्र दराज खिलाड़ि़यो को मैदान पर खेलते हुए देखकर अनोखी खुशी का अहसाास होता है । कार्यक्रम के प्रारंभ में शैक्षणेत्तर कर्मचारी संध के अध्यक्ष श्री करण सिंह शक्तावत ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य अतिथियों और खिलाड़ी कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि विगत ग्यारह प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन खिलाड़ियों की सक्रिय भागेदारी रही एवं वर्षों से वे कृषि विश्वविद्यालय की खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे है । उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा खेल-कूद प्रतियोगिताओं को आयोजित करने में सहयोग प्रदान करते हेतु आभार प्रदर्शित किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एस आर मालू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं विश्वविद्यालय के प्राघ्यापकों के लिए भी इसी प्रकार की प्रतियोगिता की आवश्यकता जताई एवं आगामी चार दिनों के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन की कामना की। उन्होने कहा कि विश्विद्यालयकी खेलकूद सुविधाएं विश्व स्तरीय है एवं खिलाड़ियों को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए ।
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संगठन के महामंत्री श्री राजेन्द्र तोतलानी एवं खेल मंत्री श्री विवेक माथुर ने संयुक्त रूप से बताया कि इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों से 10 टीमें भाग ले रही है जिसमें उदयपुर की तीन टीमों के अलावा डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ, चित्तौडगढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़ एवं वल्लभनगर की टीमें भी भाग ले रही हैं। इस प्रतियोगिता के दौरान फुटबाल, बास्केटबाल, वॉलीबाल, कबड्डी, टेबिल टेनिस, बेडमिन्टन तथा एथेलेटिक्स के विभिन्न खेल आयोजित किये जायंेगे। इन प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के 300 खिलाड़ी कर्मचारी भाग ले रहे हैं। खेल प्रतियोगिताओं के मीडिया संयोजक डॉ. सुनिल खण्डेलवाल एवं श्री एन एस चौहान ने बताया कि कार्यक्रम में प्रो. बी.पी.नंदवाना, अधिष्ठाता, सी.टी.ए.ई., अधिष्ठाता, डा. एल के मूर्डिया, अधिष्ठाता डेयरी महाविद्यालय, डा. वीरेन्द्र नेपालिया, परीक्षा नियंत्रक, श्री के एल समदानी भू-सम्पति अधिकारी, उदयपुर व विश्वविद्यालय के निर्वतमान एवं वर्तमान प्राध्यापकगण/कर्मचारी एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन खेल मंडल के श्री एन. के. नलवाया एवं श्री सोम शेखर व्यास ने किया एवं धन्यवाद की रस्म सचिव घनश्याम पूर्बिया ने अदा की।

स्वाइन फ्लू नियंत्रण के प्रभावी प्रयास हों-एडीएम सिटी

उदयपुर, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) छोगाराम देवासी ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं रोगोपचार की दिशा में चिकित्सा विभाग को और अधिक मुस्तैद रहने के निर्देश दिये।
वे मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महत्वपूर्ण विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि गांवों व पिछड़ी बस्तियों में विशेष जागरूकता लाकर लोगों में जागरूकता के प्रयास किए जाएं। स्वाइन फ्लू के पेम्फलेट्स व रोकथाम की जानकारी आमजन को उपलब्ध कराएं। उन्होंने चिकित्सालयों में आने वाले रोगियों का पुख्ता परीक्षण व त्वरित उपचार व्यवस्था के निर्देश दिए।
उन्होंने मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम के मद्देनजर जल शुद्धिकरण एवं पेयजल स्रोतों के नमूने लिए जाने की महती जरूरत बतायी। बैठक में जलदाय, विद्युत, चिकित्सा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

शिक्षा व्यवस्था के लिए वातावरण कार्यशाला

उदयपुर, बड़गॉव ब्लॉक स्तर पर आईईडीएसएस के अंतर्गत विशेष आवश्यकता वाले या विकलांग छात्र-छात्राओं के लिए वातावरण निर्माण कार्यशाला आयोजित की गई। राउमावि बड़गांव के संस्था प्रधान ने विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने, विकलांग मित्र क्लब बनाने, प्रार्थना सभा में विकलांग बच्चों की सफलता की कहानियां सुनाने तथा इन बच्चों के प्रति सहयोग की भावना से कार्य करने को कहा। इस कार्यशाला में अनुकूल नाथ मिश्र, अंध विद्यालय के वीरेन्द्र कुमार आर्य, नॉडल अधिकारी मधुसूदन व्यास, प्रवीण मेहता एवं प्रधानाचार्य इसहाक मोहम्मद शेख ने अपने विचार रखे।