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उदयपुर. जिले के भीण्डर थानान्तर्गत चोल गांव में शनिवार को सुबह लूट के इरादे से हुई महिला की हत्या के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि पुलिस को अश्रु गैस के गोले छोडऩे पड़े फिर भी बात नहीं बनी तो हवाई फायर और रबड़ की गोलिया ंचलानी पड़ी। ग्रामीणों  ने भी जमकर पथराव किया।

इस घटनाक्रम में वल्लभनगर के उपखण्ड अधिकारी मुकेश कलाल सहित 25-30 पुलिसकर्मी और करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। ग्रामीणों ने कई सरकारी वाहनों को आग लगा दी।

जानकारी के अनुसार चोल गांव में रहने वाले उदयलाल रावत की 27 वर्षीय पत्नी मीरा शुक्रवार की रात करीब साढ़े आठ बजे शौच करने गई थी, लेकिन इसके बाद घर नहीं लौटी।

पूरी रात उसका पति और देवर पूरा रावत उसे तलाशते रहे, लेकिन कहीं भी पता नहीं चला। शनिवार को सुबह गांव के बाहर झाडिय़ों में मीरा की ओरनी पड़ी मिली, जिसमें उसके कटे हुए पैर रखे हुए थे।  अज्ञात बदमाशों ने लूट के इरादे से उसकी हत्या कर दी और उसके पैरों में पहनी चांदी की कडिय़ां निकालने के लिए पैर काट दिए।

9महिला के कटे पैर देख परिजन और गांव के लोग आक्रोशित हो गए। सूचना मिलने पर रावत समाज के आसपास के बारह चौखलों से करीब चार सौ-पांच सौ लोग वहां पहुंच गए।

परिजनों और ग्रामीणों ने गांव के बाहर डेरे में रह रहे भंवरलाल कालबेलिया, उसके पुत्र राजू और पुत्री कालकी पर हत्या की आशंका करते हुए तीनों की धुनाई कर दी और बाद में इन लोगों को पेड़ से बांध दिया।

इतना सब कुछ होने के बाद पुलिस नियंत्रण कक्ष से 19 का पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा। पुलिस कालबेलिया परिवार के चार लोगों को ग्रामीणों से छुड़ाकर ले जाने लगी, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें ले जाने नहीं दिया।

माहौल बिगड़ता देख उदयपुर से अतिरिक्त पुलिस बल और खुद जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल व जिला कलक्टर रोहित गुप्ता मौके पर पहुंचे। तभी गांव के ही एक कुएं के पास खून के धब्बे दिखने पर तलाश की गई तो उसमें मीरा का शव मिल गया।

हत्यारों ने शव को पत्थर से बांध कर कुएं में फेंका था। महिला के पैर और शव अलग-अलग स्थानों पर मिलने पर ग्रामीण और ज्यादा आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने अश्रु गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज करते हुए लोगों को वहां से हटाया। पुलिस शव और कालबेलिया परिवार के चार लोगों तथा कुछ ग्रामीणों को भीण्डर थाने ले आई, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण वहां भी पहुंच गए।

ग्रामीणों ने भीण्डर में अस्पताल का घेराव कर पथराव शुरू कर दिया और बाजार बंद करवा दिया। कई सरकारी वाहन फंूक दिए। तब पुलिस ने वहां भी अश्रु गैस छोड़ी, लाठीचार्ज किया और बाद में माहौल बिगड़ता देख हवाई फायर किए।

प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी वहां डेरा डाले हुए है। अब तक स्थिति पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। बाद में पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाई।

आठ वाहनों के शीशे फोड़े, मिनी ट्रक को लगाई आग

पथराव के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस के मिनी ट्रक को आग लगा दी और करीब आठ वाहनों के शीशे फोड़ दिए। चोल गांव के लोगों ने पत्थर डालकर जगह-जगह से रास्ते बंद कर दिए, इससे भी पुलिस को काफी परेशान होना पड़ा।

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ये पुलिस अधिकारी हुए घायल

ग्रामीणों की ओर से किए गए पथराव में सीआई मंजीतसिंह, अब्दुल रहमान, कानोड़ थाना प्रभारी समीउल्ला खां, खेरोदा थाना प्रभारी दर्शनसिंह, भीण्डर थाना प्रभारी हिमांशु राव भी घायल हो गए।

और फट गए अश्रु गैस के गोले

ग्रामीणों ने पथराव के दौरान ही पुलिस के मिनी ट्रक को आग लगा दी, इससे उसमें रखे अश्रु गैस के गोले फट गए और जवानों की ओर से साथ लाया गया भोजन भी नष्ट हो गया।

पुलिस के सामने संदिग्धों को मारा-पीटा
मीरा का शव कुएं से बाहर निकलने के बाद ग्रामीण गांव में ही रहने वाले कालबेलिया जाति के दो युवकों और एक महिला को उनके घरों से बाहर निकाल लाए और चौराहे पर पेड़ से बांध दिया। यह सारा घटनाक्रम पुलिस के सामने ही हुआ। पुलिस समझाइश करती रही, लेकिन मौके पर जमा हुई दो हजार से अधिक ग्रमीणों की भीड़ नहीं मानी। सूचना पर उदयपुर से अतिरिक्त जाब्ता और आस-पास के थानाधिकारियों को भेजा गया, लेकिन हालात काबू में नहीं आए। इस पर एसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल, एएसपी डॉ. राजेंद्र भारद्वाज सहित सभी

 

 

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