नशे से हो रहे हैं एड्स के शिकार

Date:

HIV-AIDS-in-Bali
कोई दोस्तों की संगत में पड़ गया, तो कोई तन्हाई की मार को सहन न कर सका। किसी को फैमिली के हालात ने सताया, तो किसी को उसके अपनों ने ही बर्बाद कर दिया। ये वही ठोकरें थी, जिसने जिदंगी को नशे का आदी बना दिया। फिर सामने आया चौंका देने वाला सच। एक ऐसा सच, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इंजेक्टिव ड्रग यूजर एचआईवी के शिकार हो रहे हैं। हर समय एक नया केस सामने आ रहा है। यह सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है। आखिर किस राह पर जा रहे हैं हमारे युवा…
उदयपुर। नशा कैसा भी हो खराब ही माना जाता है। बात नशीले पदार्थ की हो तो डरना जरूरी हो जाता है। अपने उदयपुर में भी नशा युवाओं को निगल रहा है। नशा मुक्ति केेंद्र के आंकड़ें दिल की धड़कन बढ़ा रहे हैं। एक मोटे अनुमान के तहत जिले भर में आठ हजार से अधिक एचआईवी पोजेटिव रोगी है। इनमें से तीस प्रतिशत ऐसे युवा इस रोग से पीडि़त है, जो नशे के कारण इस रोग की जद में आए हैं।
> ग्रुप में इंजेक्टिव नशा करने से होता है एचआईवी > बढ़ रही हैं युवाओं में एचआईवी पीडि़तों की संख्या
नशे के कड़वे सच
नशे की जद में आया यूथ इसके घातक अंजाम से बेपरवाह है। कई मरीजों को यह रोग इंजेक्शन से नशा करने के बाद व इंजेक्शन का प्रयोग करने के कारण हुआ हैं। खासतौर पर शहर में इंजेक्शन से नशा करने व सेक्स पावर को बढ़ाने में प्रयोग में लिए जाने वाले इंजेक्शन से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि सेक्स के पावर को बढ़ाने के लिए युवा एक नई प्रकार की ड्रग को इस्तेमाल कर रहे हंै। इसकी कीमत अधिक होने के कारण एक ग्रुप बना कर उसको प्रयोग किया जाता है।
एक इंजेक्शन और एचआईवी
एचआईवी इंफेक्शन ग्रुप में इंजेक्टिव नशा करने से होता है। जांच में सामने आया की रोगी अलग-अलग स्थानों के बावजूद भी किसी जगह पर सामुहिक रूप से नशा करने से एचआईवी के शिकार हो जाते हैं। इसमें मरीज नशे के दौरान एक ही सुई का इस्तेमाल करते हंै।
रोगियों में ३० प्रतिशत युवा
जानकारी के अनुसार नशा करने वालों में १८ साल का लड़का भी एचआईवी से पीडि़त है। ३० प्रतिशत मरीज १८ से ३५ साल की उम्र के हैं।
रोगियों से बात करने पर पता चला है कि अधिकांश एचआईवी उन्हें या तो समुह में नशा करने के कारण व एक ही सुई को एक से अधिक बार प्रयोग करने के कारण हुआ है।
रोग के लक्षण
खांसी ठीन न होना, बार-बार बुखार का होना, भूख न लगना, शरीर का लगातार कमजोर होना, लगातार पेट खराब होना, शरीर ढीला पड़ जाना एचआईवी के प्रमुख लक्षण है। यदि किसी में इस प्रकार के लक्षण हो, तो उसे जल्द ही आईसीटीसी में टेस्ट करवा लेना चाहिए।
परिवार तक पहुंच रहा वायरस
जानकारी मेें ऐसे भी कई केस है, जिनमें एक व्यक्ति से सारा परिवार एचआईवी की चपेट में आ गया। यदी कोई इंजेक्टिव ड्रग्स का पेशेंट आता है, तो उसकी आईसीटीसी भेजा जाता है।
जहां जांच में एचआईवी होता है, तो उसके परिवार को भी टेस्ट किया जा है। यदी कोई व्यक्ति एचआईवी का मरीज है, तो उसका दवाओं और काउंसलिंग से ट्रीटमेंट किया जाता है। एचआईवी वायरस बढऩे से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है, तो उसे एड्स कहा जाता है।
जीवनभर चलता है इलाज
एक बार एचआईवी पॉजीटिव होने के बाद रोगी को जिंदगीभर इलाज करना पड़ता है, क्योंकि दवाइओं और इलाज से वायरस को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन उसे खत्म नहीं किया जा सकता। मरीज को इलाज के समय यह बात बता दी जाती है कि इन दवाओं से उसकी बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो सकती, लेकिन बढ़ेगी भी नहीं।
बेहत घातक अंजाम
एचआईवी रोगी पर अगर ध्यान न दिया जाए, तो चार-पांच सालों में डेथ हो जाती है। एचआईवी के मरीज को दवाओं के साथ ही अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना चाहिए। अगर एचआईवी लक्षण मिलते ही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो रोगी २० वर्षों तक जी सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

BET20 Gambling establishment Launches which have Big Crypto Bonuses and over

BlogsPros and cons from Totally free Revolves No deposit...

Free Spins slot game bejeweled 2 Play Dual Spin At no cost

ArticlesSlot game bejeweled 2 | Finest Casinos That provide...

Finest Internet thai flower online slot casino Discounts from the You S. 2025

ArticlesEase of qualifying requirements: thai flower online slotTeam Picks:...

50 100 percent free Revolves No-deposit 50 Bonus Spins Gambling establishment 2025

PostsPreferred PagesThe way to Win A real income Which...