उदयपुर . बांसवाडा में पूर्व सदर अबुलाला और उसके भाई सोहराब खान की ह्त्या का मुख्य साजिशकर्ता  हिस्ट्रीशीटर सिराज अहमदनि गेंग के साथ नेपाल में धर लिया गया . नेपाल पुलिस ने निवारक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिस पर तीनों को 4 महीने की कैद की सजा सुनाई गई है। अब चार महीने बाद ही भारत लाने की कवायद की जा सकती है .

बांसवाडा अंजुमन इस्लामिया संस्था के मरहूम सदर सोहराब खान की गोली मारकर हत्या करने वाले मास्टर माइंड हिस्ट्रीशीटर भाइयों सिराज-इम्तियाज और साथी काशिफ को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया। यहां पर एक दूसरे मामले में उन्हें शुक्रवार को 4 महीने की कैद सुनाई गई है। तीनों को वहां की पुलिस ने सदर सोहराब की हत्या के ठीक 29 दिनबाद ही 4 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था। नेपाल पुलिस ने निवारक अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की थी। जिसमें जांच में तीनों के स्थानीय नागरिक नहीं होने और अपराधिक रिकॉर्ड होना पाया गया था।
तीनों शातिरों में से शूटर काशिफ की गिरफ्तारी ने शहर पुलिस समेत निगरानी एजेंसियों की पोल भी खोलकर रख दी है। झालावाड़ का 24 वर्षीय काशिफ उर्फ कासम उर्फ कालू उन्हीं पांच शूटरों में से एक है, जिसने 7 अक्टूबर को अंजुमन इस्लामिया के सदर सोहराब खान की राजतालाब में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस शूटरों को बांसवाड़ा और दूसरे शहरों में तलाशती रही, लेकिन काशिफ बॉर्डर पारकर नेपाल लौट गया। काशिफ पहले भी नेपाल सिराज के साथ रहता था और वारदात को अंजाम देने के लिए भारत लौटा

तीनोंआरोपियों को नेपाल के गिरफ्तार करने के बाद भी बांसवाड़ा पुलिस टीम भारत नहीं लौटी। टीम नेपाल-भारत के बीच सोनाली बॉर्डर पर ही कैंप कती रही। टीम इसका इंतजार कर रही थी कि अगर तीनों को जमानत मिल गई तो हो सकता है कि नेपाल पुलिस उनके भारत भेज दे। जिस पर तीनों को बॉर्डर पर ही गिरफ्तार कर लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार सिराज और उनके साथियों की माली हालत भी वहां ठीक नहीं थी। हालांकि सिराज का परिवार फिलहाल कहां है, इसकी स्थिति अब तक साफ नहीं हो पाई है।

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