• l_bhamashah-card-1470463302अभी तक सरकारें कई बार बदली हैं और अपने नाम से योजनाएं शुरूआत करती आई हो, लेकिन किसी तरह के परिचय-पत्र को अभी तक राजनीतिक रंग नहीं दिया गया है।
  • जोधपुर. प्रदेश में जन-जन को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाया जा रहा भामाशाह कार्ड भाजपा के रंग में रंग गया है। कार्ड पर मुख्यमंत्री का फोटो भी है।

    इसी कार्ड को पहले सरकार ने भगवा रंग में बनाया, लेकिन सरकार ने इसे भी निरस्त कर अब भाजपा ने इसे केसरिया और हरे रंग का रूप दे दिया है। ऐसे में इस पर अभी तक तो फिजूलखर्ची हुई ही है, लेकिन दो साल बाद यदि सरकार बदलती है तो सरकार के बनाए भामाशाह कार्ड बेकार हो जाएंगे और जनता के समय और धन की फिर से बर्बादी होगी।

    अभी तक सरकारें कई बार बदली हैं और अपने नाम से योजनाएं शुरूआत करती आई हो, लेकिन किसी तरह के परिचय-पत्र को अभी तक राजनीतिक रंग नहीं दिया गया है।

  • इनमें राशनकार्ड,  पेंशन-कार्ड, परिचय-पत्र, आधार-कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र तक को किसी पार्टी ने राजनीतिक रंग नहीं दिया है। वर्तमान सरकार ने भामाशाह कार्ड योजना से सभी योजनाओं को जोड़ इसे राशनकार्ड की जगह प्रस्तुत किया है।

    अब आमजन निशुल्क दवा योजना, पेंशन योजना, नि:शुल्क मेडिकल योजना, महीने का राशन अथवा अन्य योजनाओं का सीधे लाभ सिर्फ इसी भामाशाह के जरिए ले सकता है। ऐसे में यह कार्ड दो साल बाद होने वाले चुनाव में सीधे-सीधे चुनाव प्रचार का माध्यम बनेगा। इसके साथ ही पार्टी का चुनावी चेहरा बदलने अथवा सरकार बदलने पर इस कार्ड की कोई उपयोगिता नहीं रह जाएगी।

    अरबों रुपयों की होगी बर्बादी

    आबादी की बात की जाए तो प्रदेश में 74.79 मिलियन लोग रहते हैं। भामाशाह कार्ड बनवाने में राज्य सरकार प्रति व्यक्ति के अनुसार 10 रुपए का कमीशन प्रत्येक ई-मित्र को प्रदान कर रही है।

    यानी किसी भामाशाह कार्ड के अंदर मुखिया सहित पांच सदस्य हैं तो पचास रुपए और चार सदस्य हैं तो चालीस रुपए। ऐसे में आबादी के अनुसार राज्य सरकार के अरबों रुपए भामाशाह कार्ड में खर्च होंगे और कार्ड परिवर्तित होने पर यह राशि बर्बादी में चली जाएगी।

    इनका कहना है

    जिन्होंने देश की आजादी में शहादत दी, उनके नाम से योजनाएं चलती हैं तो यह अच्छी बात है, लेकिन भामाशाह कार्ड एक सरकारी दस्तावेज है। इसे सरकार जारी करती है। इसे खुद के प्रचार-प्रसार में लेना गलत है। यह लोकतंत्र की हत्या है।  

    रामेश्वर डूडी, नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान सरकार

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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