उदयपुर। मेवाड़ राजवंश के 42 वें वंशज राणा रावल रतन सिंह की महारानी पद्मिनी को लेकर संजय लीला भंसाली द्वारा बनाई गई विवादित फिल्म पद्मावती पर बवाल लगातार जारी है । इसी कड़ी में फिल्म निर्माता द्वारा जारी किए गएघूमर नृत्य के गाने को लेकर भी विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में उदयपुर में पिछले कई वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली भोपाल नोबल्स यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने पारंपरिक परिधानों में घूमर नृत्य कर के इस फिल्म का और दीपिका पादुकोण द्वारा किए गए नृत्य का विरोध किया है। दरअसल बीएन कन्या महाविद्यालय की पढ़ने वाली यह राजपूत छात्राएं हाल ही में फिल्म के प्रोमो के रूप में रिलीज हुए घूमर नृत्य के गाने का विरोध कर रही है। इन गल्र्स दलील है कि पद्मावती फिल्म में यह गाना पूरी तरीके से गलत दर्शाया गया है । यही नहीं दीपिका पादुकोण द्वारा जिस तरह की वेशभूषा धारण की गई और जो फिल्म का सेट है वह भी पूरी तरह गलत है । ऐसे में लड़कियों ने पारंपरिक परिधानों में घूमर नृत्य पेश कर आने वाली पीढ़ी को इस नृत्य के बारे में जानकारी और उसका महत्व बताया । नृत्य करने वाली लड़कियों का साफ कहना है कि फिल्म में जो घूमर नृत्य दिखाया गया है वह पूरी तरीके से गलत है । राजपूत समाज की महारानिया न तो इस तरह का नृत्य कभी करती थी और ना ही उनका पहनावा इस तरीके क्या होता था । साथ ही महिलाओं द्वारा जहां पर नृत्य किया जाता था वहां पर पुरुषों की इंट्री तो कतई होती ही नहीं थी । ऐसे में आने वाली पीढ़ी को सही घूमर नृत्य को बताने और संजय लीला भंसाली को संदेश देने के उद्देश्य से इन कन्याओं ने पद्मिनी हाउस में नृत्य इसके बारे में अवगत कराया है ।
इधर पद्मावती विवाद पर शहर विधायक व् गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी। कटारिया ने साफ किया कि अब फिल्म के प्रदर्शन पर एक बार रोक लग गयी है ओर कुछ लोगों ने फिल्म को देखा भी है, जिन्होने फिल्म देखी है वह सभी यही कह रहे हंै कि फिल्म में ऐसे कोई दृश्य नही है जो कि आपत्तिजनक हो, लेकिन फिर भी सेंसर बोर्ड के निर्णय के बाद ही फिल्म के प्रदर्शन पर सोचा जा सकता है।

कुम्भलगढ़ बंद रू
रानी पद्मिनि की फिल्म को लेकर चल रहा बवाल चित्तोड़ दुर्ग के बाद राजसमन्द जिले के एतिहासिक कुम्भलगढ़ किले तक पहुच चूका है। इसी कड़ी में शनिवार को राजपूत करनी सेना के कार्यक्रताआंे और सर्व समाजांे के सैंकड़ो लोगांे ने कुम्भलगढ़ किले पर प्रदर्शन करते हुए इसके मुख्य द्वार को बंद कर दिया। फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे इन लोगों ने दुर्ग के किले के मुख्य द्वार को बंद करने के बाद वहां पर जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी तादाद में सर्व समाजों के लोगों के साथ भारी पुलिस लवाजमा भी मौके पर तैनात रहा। कुम्भलगढ़ दुर्ग के बंद होने से अब वहां घुमने आने वाले देशी और विदेशी सैलानियों को मायुस होकर लौटना पड़ेगा। करणी सेना के पदाधिकारियों ने साफ किया कि इस फिल्म में जिस तरीके से मेवाड़ और पद्मिनि के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है उसका कुम्भलगढ़ के सर्व समाजो में जोरदार विरोध है। ऐसे में सिर्फ एक दिन का बंद कर हम लोग चेतावनी देते हैं कि अगर इस फिल्म का प्रसारण होता है तो हमारी और से आगे उग्र आन्दोलन किया जायेगा !

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